ऐसा रोज रोज नहीं होता कि अमेरिका के रक्षा मंत्री अपने सहयोगी के कदम की भविष्यवाणी करें परंतु ऐसा ही हुआ जब लिओन पनेटा ने वाशिंगटन पोस्ट के एक रिपोर्टर की संक्षिप्त रिपोर्टिंग में कहा कि उनका विश्वास है कि , " इस बात की काफी सम्भावना है कि इजरायल ईरान पर अप्रैल, मई या जून में आक्रमण कर दे" । इस अस्वाभाविक बयान पर विचार :
यह एक व्याख्या है : सामान्य तौर पर नाजुक बयान के लिये अधिकारी अपरोक्ष और लिखित शब्दों का सहारा लेते हैं । इससे हेर फेर की गुंजायश रहती है और तनाव कम होता है। जब पनेटा से प्रश्न किया गया कि क्या वे पोस्ट के रिपोर्ट का खंडन करते हैं , " अस्पष्ट रूप से कहा मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करता । जो कुछ मैं देख रहा हूँ और जो मुझे लगता है और यह एकमात्र क्षेत्र है जो कि केवल और केवल मेरा है" ( बराक ओबामा से ठीक उलट यह मामला है जहाँ कि वे कैमरे के समक्ष ड्रोन के बारे में बोल रहे थे एक ऐसा अविवेक जिससे उन्हें समस्या हुई और एसीएलऊ ने उन पर वाद भी किया )
यह गलत सूचना भी हो सकती है: परमाणु कूटनीति के आईने के विश्व में हम तो बाहर खडे होकर कोई भी निष्कर्ष नहीं निकाल सकते । सम्भव है कि पनेटा सत्य कहने के स्थान पर तेहरान को संकेत भेज रहे हों। यही नियम दूसरे समाचार पर भी लागू होता है चाहे वह ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की हत्या हो या फिर इजरायल द्वारा हथियारों की खरीद हो। यह जानने के लिये कि वास्तव में क्या हो रहा है एक दशक की प्रतीक्षा करनी होगी।
तेहरान दृढ संकल्पित है: ईरान के सर्वोच्च मार्गदर्शक अली खोमैनी ने एक बार फिर से सुनिश्चित किया है कि कुछ भी और कोई भी उनके शासन को परमाणु हथियार प्राप्त करने से नहीं रोक सकता , इस बात की घोषणा करते हुए कि " अपने परमाणु लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रतिबंध हमारे दृढनिश्चय को नहीं प्रभावित कर सकेंगे". मुझे उन पर भरोसा होता है। जिस प्रकार उत्तरी कोरिया के शासन ने अपनी प्रजा को परमाणु प्राप्त करने के क्रम में भूखा रहने पर विवश किया उसी प्रकार ईरान के लोगों को भी कोई भी कीमत चुकानी होगी।
इजरायल ने भी दृढनिश्चय कर रखा है: इजरायल का नेतृत्व नरसंहार की ओर पीछे मुडकर देखता है और अपने दायित्व को समझता है। सेना के जो उच्च स्तर के अधिकारी उनसे और प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतन्याहू से असहमत हैं उन पर टिप्पणी करते हुए इजरायल के रक्षा मंत्री एहुद बराक ने कहा, " विचारों में विविधता अच्छी बात है और साथ ही लोगों द्वारा अपने विचार व्यक्त करना भी ठीक है । परंतु अंत में सेना रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री की ओर ही देखती है। जब हम ऊपर देखते हैं तो हमें अपने ऊपर मात्र आकाश ही दिखाई देता है" ।
अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव: यदि इजरायल ईरान पर आक्रमण करता है तो ओबामा पर इसकी प्रतिक्रिया का चुनाव पर विशेष परिणाम होगा। उन्हें या तो इस आक्रमण को स्वीकृति देनी होगी या विशेष रूप से इसमें शामिल होना होगा तो वे चुनाव को अपने पक्ष में कर सकते हैं और यदि वे इजरायल की निंदा करते हैं तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।