मार्च 2004 में जब से अमेरिका की सरकार ने " किसी देश द्वारा चलाये जा रहे सबसे बडे दूतावास" के निर्माण की घोषणा की है , मैंने इसका पीछा नहीं छोडा है I have been on the case इसके विशाल आकार ( 104 एकड) , अंधाधुंध खर्च ( 750 मिलियन अमेरिकी डालर) , असाधारण कर्मचारियों की संख्या ( 16,000) तथा अथाह वार्षिक बजट ( 6 बिलियन वार्षिक) को लेकर मैंने सदैव इसका मजाक उडाया। मैंने इस बात पर भी खेद जताया कि दूतावास का स्थान सद्दाम हुसैन से सम्बंधित प्राचीन विशाल भूमि को ही चुना गया , इस बात के लिये इसकी आलोचना की कि इसे अपने तक ही सीमित रहने की विशेषता के साथ अलग थलग रखा गया और इस बात की भी आशंका जतायी कि इस कूटनीतिक भयावहता के अपने परिणाम देखने को मिलेंगे। इस पर अधिक सर्वेक्षण के लिये इस विषय पर मेरा लेख article देखें जिसमें कि अनेक दुखद पर मनोरंजक विवरण हैं मेरा 5,700 शब्दों का ब्लाग blog भी देखें ।
अब समाचार यह प्राप्त हुआ है कि इस अहंमन्यतापूर्ण कार्यक्रम का आकार सीमित किया जायेगा। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार " अमेरिकी की योजना है कि इराक दूतावास के कर्मचारियों को घटाकर आधा किया जाये" U.S. Planning to Slash Iraq Embassy Staff by Up to Half क्योंकि इराक की सरकार सही समय पर वीजा, खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं करा रही है , सुरक्षा कारणों से समस्या आ रही है, जानबूझकर दस्तावेज जब्त किये जा रहे हैं , साथ ही इस सफेद हाथी के विरुद्ध राष्ट्रवादी भावना भी भडकाई जा रही है। इसी कारण वहाँ कर्मचारियों की संख्या आधी की जा रही है।
(1) यह समय देखने का है। विदेश मंत्रालय किस धरती पर रहता है? उसे यह भी पता नहीं था कि इराक के लोग इस कूटनीतिक अतिक्रमण का विरोध करेंगे?
(2) थोडा सा भी मुस्लिम इतिहास पढा गया होता तो इस निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता था।
(3) अमेरिका की सरकार का इतिहास रहा है कि जिस देश पर इसने विजय प्राप्त की या उस पर नियंत्रण किया उससे स्वयं को अलग कर लिया और इराक इसका अपवाद नहीं है , विजय के प्रायः नौ वर्षों के उपरांत जब समस्त सेना वापस बुला ली गयी और स्थानीय सरकारों को न केवल कार्यभार सौंपा गया वरन उन्हें अमेरिका के लोगों पर हावी होने की छूट भी दी गयी।
(4) यह एक अनौपचारिक परम्परा है कि जब भी विदेश मंत्रालय अपने सबसे बडे दूतावास की स्थापना करता है तो समस्या आती है, सायगोन और तेहरान इसके पूर्ववर्ती उदाहरण हैं। इराक पर कार्य जारी है इसमें अगली बारी पेकिंग की है।