हत्या से शिक्षा इस बात की व्याख्या करता है कि किस प्रकार इस कष्टप्रद और सुस्त तरीके से लोग कट्टरपंथी इस्लाम की समस्या को समझते हैं.
अमेरिका के लोगों को जागने के लिए या उनमें से आधे लोगों को जागने के लिए जो परंपरावादी हैं 3,000 लोगों की मौत की प्रतीक्षा करनी पड़ी . इसी प्रकार ऑस्ट्रेलिया के लोग आधे – अधूरे तब जागे जब बाली में सैकड़ों लोग विस्फोट में मारे गए. स्पेन में यही कुछ मैड्रिड हमले के बाद हुआ तथा रुस में बेसलान की क्रूरता के बाद . ईराक में 12 कर्मचारियों की हत्या ने नेपाल की आंखें खोल दीं.
लेकिन बहुत से डच लोग केवल एक मौत के बाद जाग गए . वास्तव में एक हत्या ने हॉलैन्डवासियों को इस कदर उत्तेजित कर दिया जो कुछ अमेरिकावासियों को 11 सितंबर 2001 की घटना ने किया था .
इसका प्रमुख कारण मृतक की पहचान और अपराध का स्वरुप है . यह मृतक था 47 वर्षीय थियोवान गाग जो कट्टर स्वतंत्रावादी , टेलीविजन निर्माता , टॉक शो मेजबान , समाचारपत्रों में स्तंभकार तथा सर्वत्र अपनी पहचान छोड़ने वाला हौलेंड के प्रमुख कलाकार विन्सेंट वान गाग का संबंधी . हाल के वर्षों में थियो ने इस्लाम की आलोचना के चलते लोगों का ध्यान आकर्षित किया था . इनमें 2003 में एक पुस्तक Allah Knows Best तथा 2004 में एक फिल्म Submission प्रमुख हैं.
उनकी हत्या उनके गृहनगर एम्सटर्डम में 2 नवंबर को प्रात: 8.40 पर हुई जब वे साईकिल से अत्यंत व्यस्त सड़क के रास्ते अपने काम पर जा रहे थे . अनेक हमलों के बीच वानगाग ने ह्त्यारे से प्रार्थना की कि “ऐसा मत करो , ऐसा मत करो , दया करो.” उसके बाद हत्यारे ने उसकी छाती में एक चाकू घोंप दिया और दूसरे छूरे से गर्दन काट दी और वान गाग के सिर को लगभग धड़ से अलग कर दिया.
संभावित ह्त्यारा मोहम्मद बायोवरी है जो हॉलैन्ड में पैदा हुआ , मोरक्को और हॉलैन्ड दोनों देशों का नागरिक है . हत्यारे ने वान गाग के शरीर पर चाकू के साथ अरबी और डच भाषा में पांच पेज का एक नोट भी चिपका दिया . इसमें उसने सामान्य रुप से सभी पश्चिमवासियों के विरुद्ध जेहाद की धमकी दी ( मैं निश्चित रुप से जानता हूं कि हे यूरोप तुम नष्ट हो जाओगे ) तथा विशिष्ट रुप से हॉलैन्ड के 5 विशिष्ट राजनीतिक हस्तियों के विरुद्ध .
पुलिस जांचकर्ताओं ने तत्काल जान लिया कि हत्यारा इस्लामवादी है जिसे वे अच्छी तरह जानते हैं और दो सप्ताह पूर्व तक उसका पीछा कर रहे थे उन्होंने उसे “ होफ्सतादग्रुप ” नेटवर्क के साथ जुड़ पाया तथा उसके छह अन्य सहयोगियों के साथ “ आतंकवादी आशय के साथ षड्यंत्र ” का आरोपी बना दिया . अधिकारियों ने इसके अतिरिक्त इस पर भी जोर दिया कि इनके संभावित संबंध तकफीर –उल – हिजरा तथा अल-कायदा से भी हैं.
हॉलैन्ड सहित समूचे पश्चिम के लिए यह अभूतपूर्व घटना थी जब इस्लाम के एक मुस्लिम आलोचक को कलात्मक तरीके से अपनी भावनायें व्यक्त करने के कारण मौत के घाट उतार दिया गया . इस कार्य की बर्बरता ने विश्व के सबसे अधिक सहिष्णु समाज को हिला कर रख दिया. आप्रवासी मंत्री रिटा वरडोन्क जो कि धमकी प्राप्त पांच लोगों में सम्मिलित हैं उन्होंने इस बात के लिए खेद प्रकट किया कि देश में उपस्थित कट्टरपंथी इस्लाम की उपेक्षा की गई . “ हम बहुत लंबे समय तक मान कर चलते रहे कि बहुसंस्कृतिवादी समाज है तथा हम एक दूसरे के सहायक हैं . हमारी यह सोच काफी अपरिपक्व थी कि लोग समाज में एक साथ रह सकते हैं .”
वीवीडी पार्टी के संसदीय नेता जोजियास वान आर्टसेन ने इससे आगे जाते हुए चेतावनी दी कि “जिहाद नीदरलैंड्स में प्रवेश कर चुका है तथा जेहादी आतंकवादियों का एक छोटा सा वर्ग हमारे देश के सिद्धांतों पर हमला कर रहा है .ये लोग हमारे समाज को बदलना नहीं चाहते वरन् इसे नष्ट करना चाहते हैं .”
हत्या के एक दिन बाद 20 हजार लोग हत्या कि निंदा करने के लिए एकत्र हुए जिनमें से 30 लोगों को मुसलमानों के विरुद्ध घृणा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया . आंतरिक मंत्री जोहान रेमकेस ने घोषणा की कि वे अशांति की संभावना से इंकार नहीं करते .
वातावरण गंभीर रुप से कठोर है .उनकी इस बात को अगले दो सप्ताह की गृह युद्ध जैसी घटनाओं ने सत्य सिद्ध कर दिया . इन दो सप्ताहों में आगजनी की 20 घटनायें हुईं , मस्जिदों और चर्चों पर आक्रमण और प्रत्याक्रमण की घटनायें होती रहीं साथ ही अनेक संस्थान आक्रमण का निशाना बने और पुलिस ने अनेक स्थानों पर छापे मारे .
मुसलमानों के प्रति हॉलैंडवासियों का रुख तत्काल नाटकीय ढ़ंग से कठोर हो गया . एक जनमत सर्वेक्षण ने पाया कि 40 प्रतिशत हॉलैंडवासियों का मानना है कि करीब 10 लाख मुसलमानों को हॉलैंड को अपना घर नहीं समझना चाहिए . इससे भी दुगुनी संख्या में लोग आप्रवासी कानून को कठोर बनाने के पक्षधर हैं .
वानगॉग की हत्या से पूर्व De Telegraaf ने अपनी संपादकीय में कट्टरपंथी मुस्लिम तत्वों के विरुद्ध सार्वजनिक कारवाई की मांग की थी . यहां तक कि वामपंथी राजनेता भी कटु सत्य को भांप कर आप्रवासी विषय पर और मुसलमानों की गैर – आनुपातिक आपराधिक प्रवृत्ति पर बोलने लगे हैं .
पश्चिम में इस्लामवादी आतंकवाद उल्टा ही पड़ने वाला है . क्योंकि इससे सोया जनमानस जाग उठता है . संक्षेप में जिहाद से क्रूसेड की भावना प्रदीप्त होती है . अधिक चालाक इस्लामवादियों को अपना एजेन्डा माफिया स्तर पर शत्रुओं को डरा धमका कर बढ़ाना चाहिए न कि निर्लज्जता पूर्ण हत्या से .यदि इस्लामवादी नग्न आतंकवाद जारी रखेंगे तो हॉलैंड की यह जटिल प्रतिक्रिया सर्वत्र दुहरायी जायेगी.