टाइम पत्रिका ने अभी हाल में रिपोर्ट प्रकाशित की है कि हवाई जहाजों की सुरक्षा का दायित्व संभालने वाली अमेरिकन एजेन्सी यातायात सुरक्षा प्रशासन इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि व्यवासायिक उड्डयन के समक्ष खतरा बुरे लोगों द्वारा ले जाने वाली वस्तुओं से नहीं वरन् स्वयं बुरे लोगों से है.
टाइम पत्रिका के अनुसार यातायात सुरक्षा प्रशासन प्रत्येक यात्री की रुपरेखा पर्यवेक्षण पद्धति से प्रत्येक यात्री की जांच के द्वारा तैयार करेगा.इस पद्धति के अंतर्गत यातायात सुरक्षा प्रशासन संदिग्ध व्यवहार को समझने का प्रयास करेगा . जो भी यात्री कुछ अस्वाभाविक या अधीर व्यवहार का दिखेगा उसके बारे में स्थानीय पुलिस को सूचित किया जायेगा .इसके बाद उसका सामने –सामने साक्षात्कार होगा ताकि यह जाना जा सके कि कोई खतरा विद्यमान है या नहीं.
देर से ही सही लेकिन बुश प्रशासन ने इस बात को माना है कि आतंकवादियों पर उनके व्यापार से भी परे नजर रखनी चाहिए. अमेरिका के यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में यह व्यापक कदम है . इस प्रकार रुप रेखा तैयार करने की आवश्यकता स्वीकार करने के साहस के लिए प्रशासन बधाई का पात्र है . लेकिन रुपरेखा पर्यवेक्षण तो पहला कदम है .
प्रशिक्षित आतंकवादी सीख चुके हैं कि किस प्रकार अधीरता या अन्य कोई चिन्ह प्रकट करने से बचा जाए. पूरी तरह प्रभावी होने के लिए आवश्यक है कि इस रुप रेखा में अधीरता से कहीं अधिक आतंकवाद में अंतर्निहित तत्वों पर ध्यान दिया जाये. ये तत्व क्या हो सकते हैं यह बहस काफी रोचक और रचनात्मक हो सकती है.
फिलाडेल्फिया डेली न्यूज़ के स्तंभकार और रेडियो टॉक शो के मेजबान माईकल ए. स्मरकोनिश ने अपनी नई और साहसी पुस्तक Flying Blind: How Political Correctness Continues to Compromise Airline Safety Post 9/11. में लिखा है कि प्रमुख तत्व नस्ल है . इसके विपरीत मेरा मानना है कि मुख्य बाहरी तत्व नहीं है वरन् यह है कि व्यक्ति के मस्तिष्क में क्या है जिसे इस्लामवादी आस्था कह सकते हैं.
स्मरकोनिश लिखते हैं हम युवा अतिवादी अरब पुरुषों के विरुद्ध लड़ रहे हैं इसके बाद भी सरकार आतंकवादी दिखने वालों के बजाए सामान्य यात्रियों पर नजर रख रही है . उनके अनुसार नीति में परिवर्तन की आवश्यकता है .तर्क यह कहता है कि हवाई अड्डे के सुरक्षा अधिकारियों को चाहिए कि वे उनपर कड़ी नजर रखें जिनकी नस्ल, धर्म ,राष्ट्रीयता और स्वरुप मध्यपूर्व के इस्लामी अतिवादियों से मेल खाता है जिन्होंने हमारे विरुद्ध युद्ध छेड़ रखा है .
यह सही दिशा में उठाया गया कदम है लेकिन रुपरेखा पर्यवेक्षण पद्धति तो केवल एक आरंभ है .यह सच है कि अरब के अतिवादी पुरुषों ने पश्चिम पर आतंकवादी हमले किए हैं . यह भी सच है कि अरबी नाम और मध्यपूर्व जैसे दिखने वालों पर ध्यान केन्द्रित कर रुपरेखा पर्यवेक्षण आसानी से हो सकता है लेकिन अधीरता के संकेत की ही भांति यह भी एक मोटी श्रेणी है जो समस्या के ह्रदय तक नहीं पहुंचती जो कि वास्तव में इस्लामवादी विचारधारा है.
पश्चिम में बहुत बड़ी मात्रा में आंतकवादी अरबी या आप्रवासी नहीं हैं . इनमें वे लोग आते हैं जो धर्मान्तरण से पहले रियान अंडरसन , डेविड वेल्फिल्ड . विली ब्रिगिटी, जेरोम और डेविड कोरटेलर , माइकल क्रिश्चियन गनजार्सिकी , क्लीमेंट रोडनी हैंपटन एल , मार्क फिडेलकूल्स , जोस पडीला, एडम पर्लमैन, रिचर्ड रीड , पियरे रॉबर्ट , जैक रॉक और स्टीवन स्मीरेक हुआ करते थे. ये धर्मान्तरित पश्चिम में पले बढ़े, पश्चिमी भाषायें बोल सकते हैं, स्थानीय खेलों के नायकों को जानते हैं और इनमें से कुछ तो गोरे भी थे.
आतंकवादी बेवकूफ नहीं हैं,जैसा कि स्मरकोनिश ने आग्रह किया है उस अनुसार यदि अरब लोगों पर अधिक ध्यान दिया गया तो वे गैर-अरबवासियों के प्रति प्रेरित होंगे. यह पहले से ही एक समस्या है. फ्रांस के आतंकवाद प्रतिरोध अन्वेषण न्यायधीश जीन लुईस ब्रुग्रुइर ने ऐसी ही बात कही और औरह 2003 में राबर्ट लेकन ने कि अल-कायदा ने यूरोप के लोगों की भर्ती के प्रयास तेज कर दिए हैं जिसमें वे महिलाओं और फीके रंग की त्वचा वालों पर विशेष प्रयास कर रहे हैं. फ्रांस के खुफिया एजेन्सी के उपायुक्त ने श्री लेकेन को बताया कि धर्मान्तरित हमारे लिए इस समय सबसे दुष्कर कार्य है .
स्मरकोनिश ने मेरे तर्क के उत्तर में कहा कि उन्हें लगता है कि किसी समय उनकी पुस्तक समाप्त हो जायेगी, परंतु वह समय अभी नहीं आया है . उनकी दृष्टि में भौतिक दृष्टि से दिखना बहुत कुछ आशय से संबंध रखता है .
यह सत्य है कि युवा अरब पुरुष अब भी आनुपातिक भूमिका निभाते हैं, परंतु उनके रुख से लगता है कि इसमें निश्चय ही परिवर्तन आयेगा .कानून प्रवर्तक संस्थाओं को हेतु के बारे में चिंतित होना चाहिए . इस्लामधर्म की कट्टरपंथी व्याख्या से इस्लामवाद को प्रश्रय मिलता है न कि अरबी भाषा को .
हवाई अड्डे के सुरक्षा अधिकारियों के लिए यह चुनौती है कि वे प्रत्येक शस्त्र को पकड़ सकें. संभावित अरबी आतंकवादियों को और उसमें भी दूषित इस्लामवादी को रोकना तो और भी कठिन होगा , इसके लिए यातायात सुरक्षा एजेन्सी को जानना होगा कि यात्रियों में कौन क्या है ? परंतु यह आतंकवादी प्रतिरोध का स्वर्णिम स्तर है और इसे तत्काल आरंभ करना चाहिए और यही लक्ष्य होना चाहिए .