9\11 के अपहरणकर्ताओं को सउदी अरब की राजकुमारी द्वारा आर्थिक सहायता दिये जाने सम्बन्धी पिछले सप्ताह के समाचार का अमेरिका के दो अधिकारियों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया का मैंने खण्डन किया था, बुश प्रशासन की इस पर प्रतिक्रिया ठण्डी रही जबकि अमेरिका के अग्रणी सीनेटरों ने आक्रोश व्यक्त किया। मैंने तर्क दिया था कि इस भिन्नता का कारण सउदी उत्प्रेरित भ्रष्टाचार की संस्कृति का कार्यपालक शाखा में ऊपर तक पहुँचना और कांग्रेस तक अभी न पहुँच पाना है।
इस सम्बन्ध में अनेक प्रश्न आये जो भ्रष्टाचार की संस्कृति के सम्बन्ध में जानना चाहते हैं।
इस समस्या का संकेत पहली बार अमेरिका में सउदी अरब के राजदूत राजकुमार बन्दर बिन सुल्तान की ओर से आया। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार उसने लफ्फाजी की कि उसने प्रभावशाली अमेरिकनों पर डोरे डाले है “यदि प्रतिष्ठा इससे बनती है कि जब सउदी अपना कार्यालय छोड़ते हैं तो वे अपने मित्रों का कितना ध्यान रखते हैं तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जो अभी-अभी दायित्व पर आये हैं उनके कितने बेहतर मित्र हैं। ”
वास्तव में ऐसा ही होता है। यह बहुत बुरा है कि 1994 में रियाद से निकाले जाने के उपरान्त मोहम्मद अल खिलेवी ने अमेरिका में राजनीतिक शरण ली और इसे कुछ यूँ कहा “ जब बात सउदी अमेरिका सम्बन्धों की बात आती है तो व्हाइट हाउस को व्हाइट टेन्ट की उपमा दी जानी चाहिये। ”
पूर्व वाशिंगटन कूटनयिकों को काफी अच्छी रकम प्रस्तुत की गई और सउदी राज्य से ऐसी रकम पाने वालों में स्पिरो टी एग्निउ, जिमी कार्टर, क्लार्क क्लिफोर्ड और विलियम ई सिमोन शामिल हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने और पूर्व अधिकारियों की सूची बनाई है जिनमें जार्ज एच. डब्ल्यू बुश हैं जिन्हें सउदी सम्पर्क काफी आकर्षक लगा। इसने एक सउदी स्रोत को उद्धृत करते हुये कहा है कि हाल के दशकों में सउदियों ने प्राय: सभी राष्ट्रपतीय पुस्तकालयों को योगदान दिया है।
रियाद में नियुक्त अनेक पूर्व राजदूतों ने उस समय से पर्याप्त मात्रा में धन प्राप्त किया है जब से जान सी वेस्ट अपने व्यक्तिगत संस्थान के लिये सउदी राजकुमार से 500,000 डालर की आर्थिक सहायता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त 1981 में जब उन्होंने सउदी राज्य छोड़ा तो सउदियों से और भी बहुत कुछ लिया। इस मामले के एकमात्र अपवाद एक महान और सज्जन पूर्व राजदूत ह्यूम होरान ने इस परिपाटी की व्याख्या करते हुये बताया
“ बहुत से ऐसे लोग हैं जो वास्तव में सउदियों के लिये जाते हैं और वे सलाहकार के तौर पर कार्य करते हैं। राजकुमार बदर ऐसे सम्बन्धों को आगे बढ़ाने में माहिर हैं। पैसा अनेक चमत्कार करता है और आपको यह बड़ी मात्रा में मिलता है और यह लगता आश्चर्य होता है कि अनेक अमेरिकी केवल इसलिये उनके आस-पास रहते हैं कि उन्हें राजकुमार कहा जाता है। ”
नेशनल रिव्यू के लिये इस समस्या का सर्वेक्षण करने वाले रोड ड्रेचर को इस बात का आश्चर्य हुआ कि अनेक पूर्व राजदूत सउदी समर्थक लाइन पकड़ते हैं और इसे छोड़ने के उपरान्त ऐसी मालदार नियुक्ति उन्हें फिर नहीं मिलती और फिर सउदी हितों की व्यक्तिगत या सार्वजनिक तौर पर वकालत करने लगते हैं।
कनाडा के नेशनल पोस्ट के लिये मैट वेल्च ने पाँच पूर्व राजदूतों की ओर देखा और पाया कि उन्होंने अपने देश का अपमान करते हुये और धरती के सबसे भ्रष्ट देश का सहयोग कर अपने लिये एक अच्छा जीवन तैयार किया है। यदि आप उनके क्षमाभाव को आँख मूँदकर सुनें तो आपको लगेगा कि आप सउदी अरब के किसी पासपोर्ट धारी से बात कर रहे हैं।
इस प्रकार धन प्राप्त करने की अपेक्षा सउदी अरब में अमेरिकी सरकार के आपरेशनों को भी प्रभावित करता है। सउदी अरब में अमेरिका के पूर्व कूटनयिक टिमोथी हन्टर जिन्होंने आन्तरिक सूचना दी उन्होंने बताया कि अमेरिकी अधिकारी अनेक कारणों से पूर्वाग्रही रहते हैं। इसके चलते वे दूतावास की चिन्ताओं से परे चले जाते हैं।
इस समस्या का मूल कारण अत्यन्त मानवीय है अपनी आधिकारिक स्थिति में अपने अधिकार का प्रयोग करते हुये व्यक्तिगत लाभ के लिये वे कानून और प्रक्रिया तोड़ते हैं।
सउदी अरब द्वारा इस प्रकार पूर्व नियोजित घूसखोरी कार्यपालक शाखा को उस मात्रा में सउदी राज्य के लिये कदम उठाने से रोकती है जिस मात्रा में राष्ट्रीय हित के लिये यह आवश्यक है। इसके चलते कांग्रेस का ही दायित्व बनता है कि चीजों को शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित करे।
इसे ऐसे कदम उठाने चाहिये कि सउदी अरब के साथ ऐसा व्यवहार अवैध बना दिया जाये। इसका अर्थ यह होगा कि दस वर्षों तक सउदी राज्य के साथ सम्पर्क में रहने के उपरान्त उस अधिकारी को उस स्रोत से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आर्थिक सहायता प्राप्त करने से रोका जाये।
सिर्फ इस तरह के परिवर्तन से अमेरिका के नागरिक को अपने पदाधिकारियों पर पुन: विश्वास होगा जो विश्व के प्रमुख देशे से वार्तालाप करते हैं।