बुश प्रशासन और उनसे जुड़े सीनेटरों ने इस समाचार पर अलग ढंग से प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें बताया गया है कि सउदी अरब की राजकुमारी हैफा अल फैसल और अमेरिका में सउदी अरब के राजदूत की पत्नी ने उस व्यक्ति को हजारों डालर दिये जो 9\11 के विमान अपहरण कांड से जुड़े थे ।
उनका मतभेद उस समस्या की ओर संकेत करता है जिसमें कांग्रेस में संशोधन की जरूरत है जिससे सउदी अरब का पैसे से बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके। सीनेटरों ने स्पष्ट रूप में बड़ी ईमानदारी से राजकुमारी द्वारा दी गई आर्थिक सहायता पर अपने विचार रखे।
जोसेफ लिबरेमन- “सउदी अरब अपने को परिवर्तित करे अन्यथा सउदी अरब के साथ अपने सम्बन्धों में हमें नाटकीय परिवर्तन करना पड़ेगा। अनेक पीढ़ियों से और अनेक वर्षों से उन्होंने अपने को इस्लाम के कट्टरपंथी तत्वों के साथ आत्मसात किया है।”
जान मैकेन- “ इस्लामिक कट्टरता को समस्त विश्व में फैलाने किसी भी प्रकार केन्द्रीय भूमिका निभाने में और उसे रोक पाने में सउदी असफलता की सूची काफी लम्बी है।”
मिच मैकोनल- “सउदी लोग सभी मुद्दों में हैं। एक ओर तो हमारा वर्षों से उनसे बड़ा मधुर सम्बन्ध है तो दूसरी ओर ऐसा प्रतीत होता है कि वे हमारे शत्रुओं को आर्थिक सहायता दे रहे हैं”।
रिचर्ड शेलबी- “मेरे विचार में सउदी लोगों को अक प्रश्नों का उत्त देना होगा।”
सीनेटरों ने अमेरिका की कानून प्रवर्तन संस्थाओं की इस बात के लिये आलोचना की है कि वे सउदी अरब द्वारा आतंकवाद की आर्थिक सहायता की समस्या को लेकर बेमन ही रहे हैं। जैसा कि लिबरमैन ने कहा है कि “ऐसा प्रतीत होता है कि एफ.बी.आई तथा सरकार के अन्य अंग या तो सउदियों विरूद्ध उतने आक्रामक नहीं हैं जितना उन्हें होना चाहिये वे तो लगभग उनका बचाव करते नजर आते हैं”। सीनेटर चार्ल्स स्कूमर ने पाया “ ऐसा प्रतीत होता है कि जितनी बार सउदी संलिप्त दिखते हैं हम सही ढंग से अन्वेषण रोक देते हैं ” ।
इसके विपरीत बुश प्रशासन इस घटना से छुटकारा पाने के बहाने ढूढ़ रहा है और उसने कानून प्रवर्तन संस्थाओं के लिय बहाना ढूँढ लिया। । राज् सचिव कोलिन पावेल ने इस खोज पर ठण्डा पानी डाल दिया “ ऐसा उचित प्रतीत नहीं होता कि राजकुमार बन्दर और राजकुमारी ने ऐसा कुछ किया होगा जिससे आतंकी गतिविधियों को समर्थन मिले ”। यह एक अस्वाभाविक पुष्टि थी कि एफ.बी.आई सक्रिय रूप से इस मामले का अन्वेषण कर रही है।
राज्य विभाग के प्रवक्ता रिचर्ड बाउचर ने तो सउदी अरब की आतंकवाद को धन उपलब्ध कराने में रोक लगाने के प्रयासों की सराहना की यद्यपि यह स्वीकार किया कि बेहतर करने की गुंजायश सदैव बनी रहती है।( यह विचार गलत है जैसा कि स्टीफन स्कावर्ज ने व्याख्या की है कि 19 अपहरणकर्ताओं में 15 का सउदी होना कोई राजनीतक षड़यन्त्र नहीं वरन् एक तथ्य है । स्टीफन के अनुसार अल कायदा में सउदी राष्ट्रीयता के लोग हैं।
[ प्रशासन का सर्वाधिक लज्जानक प्रदर्शन तो तब हुआ जब कोलिन पावेल की पत्नी अलमा और राष्ट्रपति की माँ बारबरा जिन दोनों का सामाजिक सद्भाव ख्यात है उन्होंने राजकुमारी अल फैसल को दूरभाष पर न्यूयार्क टाइम्स के समर्थन और सहानुभूति की बात पर बात की ]
सउदी अर के साथ ऐसा असम्यक व्यवहार क्यों? कार्यपालक शाखा के इस व्यवहार की कहानी 60 वर्ष पीछे जाती है जब तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट सउदी राजा से 1945 में मिले थे।
तब से लेकर अब तक अमेरिका के राजनेता राजदूत पदाधिकारी और नीति निर्धारण करने वाले सभी सउदी अरब से अच्छे रिश्ते रखते हैं। अमेरिका में यह सम्बन्ध सभी के लिये चाहे वह रिपब्लिकन हो या डेमोक्रेट सभी के लिये है। ये दोनों ही राज्य की इच्छाओं को आत्मसात कराने का प्रयास कराते हैं और बदले में उन्हें उसी समय या सेवाकाल के पश्चात निश्चित धनराशि मिलती है।
भ्रष्टाचार का संस्कार जो हाउस और मंत्रालय तक पहुँच चुका हैं वह अभी अमेरिकी कांग्रेस तक नहीं पहुँचा है इसलिए सदी अरब चुनी हुई संस्था कांग्रेस की व्यवस्था को नहीं समझ पा रही है इसलिए उनसे इसे खरीदने का प्रयास नहीं किया है।
आतंकवाद के विरूद्घ प्रभावी लड़ाई लड़ने के लिए विधायिका में परिवर्तन की जरूरत है जिससे पैसा और शक्ति के बीच का मधुर रिश्ता है उस पर पाबंदी लगायी जा सके तब जाकर अमेरिका के पदाधिकारी अवकाश प्राप्त होने के बाद सउदी अरब से मिलने वाले सुविधा के चक्कर से बच पायेगें। इस तरह का कानून बनना कांग्रेस की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए। अपने होने वाले सत्र में जो जनवरी में शुरू हो रही है।