निम्नलिखित टिप्पणी अनौस एहतेशामी के उस आरम्भिक तर्क के उत्तर में है जिसे कि प्रस्ताव के पक्ष में उन्होंने प्रकट किया था कि This house believes that Egypt will become a democracy within a year. मैंने इस प्रस्ताव के विरोध में अपना मत प्रकट किया "मिस्र शीघ्र लोकतांत्रिक क्यों नहीं बनेगा?")
_अनौस एहतेशामी को तो वास्तव में इस बात का समर्थन ही नहीं करना चाहिये था कि " मिस्र एक वर्ष के भीतर ही लोकतांत्रिक हो जायेगा" क्योंकि सही मायने में तो वे भी मेरी उन आशंकाओं का समर्थन करते हैं कि इतने कम समय में पूर्ण राजनीतिक भागीदारी सम्भव नहीं है। उनकी आशंका के पाँच क्रम :
उन्होंने आरम्भ में कहा कि शासन की सत्ता कायम है और इसकी संस्थाओं सहित, " राज्य मशीनरी मुबारक वफादारों और उनकी पार्टी के सदस्यों से भरी है"। जबकि दूसरी ओर " व्यापक स्तर पर सुरक्षा संस्थान मुबारक द्वारा निर्मित शासक कुलीनों के नियंत्रण में है" । इसके साथ ही वे अपनी बात समाप्त करते हुए कहते हैं " इस शासन का सम्भावित अंत और राष्ट्रपति के अंत की बात को बढा चढाकर प्रस्तुत किया गया है" । वास्तव में तो यह मेरे तर्क का ही समर्थन है।
दूसरा, श्रीमान एहतेशामी मिस्र के भविष्य में कुछ भी उत्साहजनक नहीं देख रहे हैं सिवाय इसके जिसे कि वह लोकतांत्रीकरण का ऊबड खाबड मार्ग कहते हैं। इस विस्तृत वाक्याँश की व्याख्या करते हुए उनका कहना है कि उनके अनुसार इसका अर्थ (1) राजनीतिक आधार को विस्तृत करना, (2) राजनीतिक स्थान को बढाना और (3) शासन में सुधारवादी तत्वों का प्रवेश होना। मेरी समझ में नहीं आता कि इन सबका क्या अर्थ है लेकिन यह सभी कुछ लोकतंत्र के परम्परागत वर्णन में नहीं आता।
तीसरा, उनकी भविष्यवाणी है कि एक बडा गठबंधन अस्तित्व में आयेगा और फिर यह असफल होगा जो कि राजनीतिक दलों को अलग अलग खेमों में सशक्त करेगा जिसमें कोई इस्लामवादी, राष्ट्रवादी,उदार, पैन अरब और सेक्युलर ढाँचे के साथ स्वयंको सम्बद्ध कर सकेगा । उनके अनुसार यह प्रतिस्पर्धा " अत्यंत लम्बी और पीडादायक होगी" और यह विशेषण ही स्वतः इस बात की ओर संकेत करता है कि यह प्रकिया न तो 12 महीने में पूरी होगी और न ही यह लोकतांत्रिक होगा।
चौथा, सबसे विचित्र बात कि श्रीमान एहतेशामी मानते हैं कि आर्थिक शक्तियाँ देश को लोकतन्त्र की ओर ले जायेंगी," आर्थिक आवश्यकतायें सरकार पर स्वतः ऐसा दबाव बनायेंगी और व्यापक आर्थिक सुधार की प्रकिया आरम्भ करेंगी जिसके चलते सुधारवादी शक्तियों को अधिक ऊर्जा प्राप्त होगी" । " तो फिर चीन के बारे में क्या जो कि तीन दशक से आर्थिक उफान पर है और अधिनायकवादी सरकार भी है"
इन सभी भ्रामक भविष्यवाणियों के साथ ही खतरे की घण्टी के साथ जो निष्कर्ष आया वह यह कि एक वर्ष की समय सीमा में, " मिस्र लोकतंत्र की भाँति दिखने लगेगा" । " लोकतन्त्र की तरह" प्रस्ताव नहीं था और यह बात याद दिलाने की है कि यह प्रस्ताव था " क्या मिस्र लोकतंत्र का स्वरूप लेगा"। ऐसा प्रतीत होता है कि श्रीमान एहेतेशामी स्वयं कि इस भविष्यवाणी को करने के अनुरूप नहीं पाते।
संक्षेप में हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि "एक लम्बे और पीडादायक" वर्ष के भीतर अधिक से अधिक मिस्र स्वयं को लोकतंत्र की भाँति दिखने" की स्थिति तक पहुँचा सकेगा। मैं उन्हें इस बात के लिये धन्यवद देता हूँ कि उन्होंने मेरी इस बात में सहायता की कि इस बात को रखा जा सके कि अगले 12 महीनों के समय में मिस्र अभी अधिनयकवादी ही रहेगा।