2 नवम्बर को होने वाले अमेरिकी कांग्रेस के निर्वाचन में अमेरिकी मतदाताओं को इजरायल के कल्याण और सुरक्षा की चिंता प्रकार होनी चाहिये?
सरकार की कार्यपालिका और विधायिका की शाखाओं पर दो वर्ष तक डेमोक्रेट नियंत्रण के बाद यह बात स्थापित हो चुकी है कि डेमोक्रेट लगातार इजरायल का समर्थन करते रहे हैं लेकिन इनकी सरकार रिपब्लिकन के मुकाबले कम समर्थन करती है। चूँकि बराक ओबामा इस बार निर्वाचन का अंग नहीं हैं इसलिये उन्हें परे रखते हुए हम कांग्रेस और इसके मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
कांग्रेस : कमजोर डेमोक्रेट समर्थन का आरम्भ वर्ष 2009 में आरम्भिक दिन से ही हो गया, इजरायल हमास युद्ध के तत्काल बाद जब सदन के 60 डेमोक्रेट सदस्यों ने (जिनमें वामपंथी झुकाव के डेनिस कुकिनिच , बारबरा ली और मैक्सीन वाटर्स शामिल थे) जिनमें कि एक भी रिपब्लिकन सदस्य नहीं था उन्होंने विदेश मंत्री को लिखा " हम आपसे सम्मानपूर्वक आग्रह करते हैं गृह मंत्रालय यूएनआरडब्ल्यूए ( इजरायल विरोधी संगठन) को गाजा में पुननिर्माण और मानवीय सहायता के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करे" ।
इसी भावना के साथ जिसमें कि सदन के 54 डेमोक्रेट सदस्य थे और एक भी रिपब्लिकन नहीं था उन्होंने एक वर्ष बाद जनवरी 2010 को बराक ओबामा को एक पत्र लिखकर आग्रह किया, " गाजा में इन क्षेत्रों में स्थिति के सुधार के लिये तत्काल अपील करें" और उसके उन दस विषयवस्तुओं की सूची बनायी जिससे हमास को लाभ हो सकता है जो कि एक फिलीस्तीनी आतंकवादी संगठन है।
इसके विपरीत नाटकीय ढंग से सदन के 78 रिपब्लिकन सदस्यों ने लिखा " प्रिय प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू" जो पत्र कुछ ही माह उपरांत इजरायल और उनके प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए लिखा गया था। इसमें हस्ताक्षर करने वाले केवल रिपब्लिकन सदस्य ही नहीं थे वरन हाउस रिपब्लिकन स्टडी कमेटी जो कि परम्परावादी समूह है उसके सदस्य भी थे।
तो गणना करिये 54 डेमोक्रेट हमास के लिये हैं और 78 रिप्बलिकन इजरायल के लिये।
मार्च 2010 के संकट के उपरान्त जब जोय बिडेन जेरूसलम की यात्रा पर गये तो हाउस आफ रेप्ररेजेंटेटिव के 333 सदस्यों ने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर अपने हस्ताक्षर सहित अमेरिका और इजरायल के सम्बंधों पर फिर जोर दिया। जिन 102 सदस्यों ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किये उनमें 94 सदस्य डेमोक्रेट थे ( सभापति नैन्सी पेलोसी) और 8 रिपब्लिकन जिसमें कि 12-1 औसत था । इसी प्रकार का पत्र 76 सीनेटर ने हस्ताक्षरित किया और जिन 24 लोगों ने हस्ताक्षर नहीं किया उनमें 20 डेमोक्रेट 20 और 4 रिपब्लिकन थे जिसका औसत 5 और 1का था।
मतादाता: कैपिटल हिल में इन भिन्नताओं को जनमानस से व्याख्यायित किया जा सकता है।
अप्रैल 2009 के एक मत सर्वेक्षण में जोग्बी इंटरनेशनल ने अमेरिकी नीति के बारे में प्रश्न किया: ओबामा के 10 प्रतिशत मतदाता और रिपब्लिकन जान मैक्केन के 60 प्रतिशत मतदाता चाहते थे कि अमेरिका इजरायल का समर्थन करे। इजरायल के प्रति कठोर होना चाहिये? ओबामा के 80 प्रतिशत मतदाताओं ने हाँ कहा और जान मैक्केन के 73 प्रतिशत मतदाताओं ने ना कहा। इसी प्रकार जब वाशिंगटन की हमास के साथ बातचीत या किसी प्रकार सहयोग की बात आयी तो ओबामा के 67 प्रतिशत मतदाताओं ने हाँ कहा जबकि मैक्केन के 79 प्रतिशत मतदाताओं ने ना कहा। ओबामा के 61 प्रतिशत मतदाताओं ने फिलीस्तीन के " वापसी के अधिकार" को स्वीकार किया जबकि मैक्केन के 21 प्रतिशत मतदाता ही इससे सहमत दिखे।
प्रायः एक वर्ष उपरांत जब इसी सर्वेक्षण कर्ता ने अमेरिका के वयस्कों से प्रश्न किया कि अरब इजरायल संघर्ष से किस प्रकार बेहतर ढंग से निबटा जा सकता है तो इस प्रश्न पर भारी विभाजित मत पाया गया। 73 प्रतिशत डेमोक्रेट इस पक्ष में थे कि इजरायल के साथ ऐतिहासिक सम्बन्ध तोड दिया जाये और अरब व इजरायल को एक समान देखा जाये लेकिन इस परिवर्तन का समर्थन केवल 24 प्रतिशत रिपब्लिकन ने किया।
इस माह हुए एक सर्वेक्षण में मतदाता से प्रश्न किया गया कि , " एक इजरायल समर्थक प्रत्याशी को मत देने की इच्छा है या नहीं" तो 39 प्रतिशत डेमोक्रेट ने इजरायल समर्थक प्रत्याशी को पसन्द किया जबकि यही आँकडा रिपब्लिकन के लिये 69 प्रतिशत का था। इसके विपरीत देखें तो 33 प्रतिशत डेमोक्रेट और 14 प्रतिशत रिपब्लिकन किसी प्रत्याशी को इसलिये समर्थन करने को तैयार नहीं थे क्योंकि वह इजरायल समर्थक है। डेमोक्रेट तो इजरायल के मामले में विभाजित हैं लेकिन रिपब्लिकन 5 के मुकाबले 1 के औसत से इसका समर्थन करते हैं।
इस बात पर सहमति है कि दोनों राजनीतिक दल कुछ अवसरों पर पूरी तरह भिन्न हो जाते है। बोस्टन ग्लोब के परम्परावादी इजरायल समर्थक लेखक जेफ जेकोबी ने पाया है, " एक पुरानी आम सहमति जो कि मध्य पूर्व के एकमात्र फलने फूलने वाले लोकतंत्र के समर्थन में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन को एक साथ लाती थी वह अब टूट रही है" । इजरायल विरोधी वामपंथी सोच के जेम्स जेकोबी जो कि अरब इन्सटीट्यूट से हैं वे भी सहमत हैं, और लिखते हैं, " परम्परागत रूप से इजरायल फिलीस्तीन संघर्ष के सम्बंध में अमेरिकी नीति विभाजित नीति पर नहीं थी" । डेमोक्रेटिक पार्टी में परिवर्तन के चलते इजरायल अब अमेरिकी राजनीति में विभाजित मुद्दा बन गया है जो कि इसके लिये स्वागतयोग्य नहीं है।
मार्च 2010 के अंत में अमेरिका इजरायल सम्बंधों के सबसे निचले स्तर पर जैनी जकारिया ने वाशिंगटन पोस्ट में लिखा कि इजरायल के कुछ लोग अपने प्रधानमन्त्री से अपेक्षा करते हैं कि, "जब तक अमेरिका में मध्यावधि चुनाव नहीं हो जाते ( नवम्बर 2010)तब तक इस आशा के साथ प्रतीक्षा करें कि ओबामा का समर्थन कम होगा और इजरायल समर्थक रिपब्लिकन चुन कर आयेंगे"। यदि इजरायल के एक नेता को अमेरिकी कांग्रेस के कुछ डेमोक्रेट लोगों के चलते रोका जाता है तो यह परिवर्तन को दिखाता है । इससे मतदाताओं के लिये मार्गदर्शन भी मिलता है।