पिछले सप्ताह नेशनल रिव्यू आनलाइन में मेरे स्तम्भ ने उकसाने वाले शीर्षक ओबामा का राष्ट्रपतित्व बचाना है तो ईरान पर बम गिराओ के साथ अपनी बात कही और इसने लोगों को उकसाया भी।
वामपंथियों ने अपनी वेबसाइट जैसे थिंक प्रोग्रेस, डेली कोस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कुछ अंशों में सनक से गये मेरे तर्कों को दूसरे सन्दर्भ में प्रस्तुत किया और उन्होंने मुझे अनेक नामों से पुकारा जिन्हें सुना भी नहीं गया है। जर्मनी के एक समाचार पत्र Die Welt ने अनूदित लेख प्रकाशित किया लेकिन यह आलोचना से इस प्रकार घिरा था कि सम्पादकों ने मेरे विश्लेषण की ही छीछ्लेदर कर दी।
दक्षिणपंथियों ने अत्यंत सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त की। मेरी इस आधार पर आलोचना नहीं हुई कि ( आप ओबामा की सहायता क्यों कर रहे हैं? )। यदि अर्नाड डी बोर्चग्रेव अधिकाँशतः सहमत दिखे तो पैट्रिक बुचानन ने इस आधार पर एक स्तम्भ ही लिख मारा कि " क्या ओबामा युद्ध का जोखिम लेंगे? जिसमें कि वे दोनों सहमत और असहमत दिखे।
हाँ बुचानन ने यह लिखा कि ईरान पर बम गिराने ने निश्चित रूप से राष्ट्रपति की राजनीतिक साख बच सकेगी: नवम्बर में अमेरिका में कांग्रेस के चुनाव से पूर्व " ओबामा के पास खेलने के लिये बडा पत्ता शेष है । ईरान के साथ युद्ध से कांग्रेस में अपनी तीन दर्जन सीटें बढाने का रिपब्लिकन का स्वप्न और सीनेट में आधा दर्जन बढ जाने का स्वप्न धरा का धरा रह जायेगा" । लेकिन बुचानन ओबामा के इस कदम का विरोध करते हैं:
डैनियल पाइप्स ने नेशनल रिव्यू आनलाइन के लेख में जो कि बाद में जेरूसलम पोस्ट में प्रकाशित हुआ कि " ओबामा का राष्ट्रपतित्व बचाना है तो ईरान पर बम गिराओ" में ओबामा से आग्रह किया कि " वे नाटकीय रुख दिखाते हुए जनता के मध्य अपनी हल्की छवि और निष्प्रभावी विचारक की अवधारणा को बदलते हुए अमेरिका की सेना को आदेश दें कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर आक्रमण कर दें।
कुल छह जनमत सर्वेक्षणॉं का हवाला देते हुए पाइप्स का कहना है आज आक्रमण होने की स्थिति में वे यह पूर्वानुमान करते हैं कि जब बम गिरेंगे तो सभी लोग ध्वज के इर्द गिर्द एकत्र हो जायेंगे।
क्या ओबामा सनकपूर्वक इस उकसावे से प्रेरित होंगे और युद्ध का पत्ता खेलेंगे और जैसा कि पाइप्स कहते हैं कि " परम्परावादियों को पागल कर देंगे" पाइप्स के अनुसार वे स्वयं को और अपनी पार्टी को बचा लेंगे? हमें यह देखना होगा।
साराह पालिन इस बहस में कल शामिल हो गयीं। कल एक व्यापक चर्चित साक्षात्कार में क्रिस वालेस के साथ उन्होंने स्वतः ही इस विषय को चर्चा में ला दिया कि ईरान पर बम गिराकर ओबामा दूसरा कार्यकाल विजित कर सकते हैं।
वालेस: आपको क्या लगता है कि ओबामा को 2012 में पराजित करना कितना कठिन होगा?
पालिन: यह कुछ चीजों पर निर्भर करता है। जैसा कि मैंने बुचानन के एक स्तम्भ से पढकर किसी और दिन देखा है कि यदि वह युद्ध का पत्ता खेलते हैं। यदि वह ईरान के विरुद्ध युद्ध घोषित कर देते हैं या फिर वास्तव में इजरायल की सुरक्षा के लिये कुछ करते हैं जो कि मैं भी चाहूँगी कि वे करें तो उन बहुत सी चीजों में परिवर्तन हो जायेगा जिसके बारे में हम आज से तीन वर्ष बाद तक होने का अनुमान लगा सकते हैं। क्योंकि यदि आज चुनाव हो जायें तो मुझे नहीं लगता कि ओबामा फिर से निर्वाचित हो सकते है लेकिन अब से तीन वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति में परिवर्तन आ सकता है ।
वालेस: लेकिन आप यह सुझाव नहीं दे रही हैं कि उन्हें सनकपूर्वक युद्ध का पत्ता चलना चाहिये?
पालिन: मैं ऐसा करने का सुझाव नहीं दे रही हूँ। मैं यह कह रही हूँ कि यदि वे ऐसा करते हैं तो चीजें नाटकीय रूप से परिवर्तित हो जायेंगी। यदि वह शक्तिशाली होने का निश्चय करते हैं और वह सब कुछ करते हैं जो कि हमारे राष्ट्र और हमारे सहयोगियों का बचाव करने के लिये कर सकते हैं तो मुझे लगता है कि शायद लोगों की सोच में परिवर्तन आये और वे निश्चय करें कि वे उससे अधिक कठोर हैं जैसा कि हम सोचते हैं और जितने आज हैं उससे अधिक कठोर दिखें, और इसे देखते हुए उन्हें अगले चार वर्षों के लिये राष्ट्रपति निर्वाचित न करने के लिये उतना अधिक भाव न हो जितना कि अब है।
टिप्पणियाँ: (1) बुचानन इस बात का समर्थन नहीं करते कि ओबामा को ईरान के परमाणु आधारभूत ढाँचे को नष्ट करना चाहिये लेकिन पालिन कहती हैं, " मैं चाहूँगी कि वे ऐसा करें," जिससे कि विश्व की सुरक्षा के सबसे बडे खतरे को समाप्त किया जा सके।
(2) वामपंथियों के द्वारा निंदित किये जाने और दक्षिणपंथियों की ओर से औसत प्रतिक्रिया के बाद यह जानकर अच्छा लगा कि एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व ने मेरे विचार का समर्थन किया।
(3) मैंने सदैव पालिन को पसंद किया है और जिस प्रकार का शत्रुता का भाव उन्होंने छिपाकर रखा है वह मेरे लिये रह्स्य है। शायद इसी कारण वे डेमोक्रेटिक पार्टी को प्रत्युत्तर के लिये तत्पर रहती हैं। इसे सही सिद्ध करते हुए वे अकेली राजनीतिज्ञ हैं जो कि ईरान पर बम गिराने के राजनीतिक परिणाम को स्पर्श करने को तैयार हैं।