मध्य पूर्व के कुछ अत्यंत साहसी और स्वनामधन्य विश्लेषकों ने इस क्षेत्र की क्रूरता की संस्कृति पर जोर दिया है। कनान माकिया ने अरबवासियों के सम्बंध में 1994 में अपनी पुस्तक Cruelty and Silence लिखी। फौद आजमी ने बेरूत के सम्बंध में लिखा , तथा इराक के सम्बंध में पुस्तक के साथ ही क्षेत्र के सम्बंध में ." नामक पुस्तक लिखी।
क्र्र्ररता जो कि बाहरी लोगों के लिये समाप्त हो चुकी है वह 22 अप्रैल , 2009 को सिनेमाई रूप में सामने आयी जब एबीसी न्यूज ने संयुक्त राज्य अमीरात के राजकुमार का एक टेप दिखाया जिसमें कि दुखद रूप से वे अफगानिस्तान के एक व्यापारी को उत्पीडित कर रहे थे जिस पर कि बेईमानी का आरोप था। इस पर उनकी सरकार और अमेरिका के अधिकारियों की प्रतिक्रिया निष्क्रिय थी। यह कथा काफी कुछ कहती है और इसकी बारीकी में जाना आवश्यक है:
संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बडे और शक्तिशाली अमीरात अबू धाबी में लम्बे समय से नाहयान परिवार का शासन रहा है। 2004 में शेख जयाद बिन सुल्तान अल नाहयान की मृत्यु के पश्चात जिन्होंने कि अमीरात पर इसकी स्वतंत्रता के बाद 1971 से ही शासन किया था , उनके 22 राजपरिवार के पुत्र और पौत्र पूरी तरह स्वतंत्र और निरंकुश हो गये । विशेष रूप से इसा बिन जयाद अल नाहयान जो कि अबू धाबी के वर्तमान शासक और सात सदस्यीय संयुक्त अरब अमीरात संघ के अध्यक्ष खलीफा बिन जायद अल नाहयान ( 1948 में जन्मे) का छोटा भाई है पूरी तरह सनक गया है, जिसमे बारे में लेबनान के निवासी और इसा के पूर्व व्यावसायिक सहयोगी रहे ह्यूस्टन टेक्सास के 50 वर्षीय बसाम नबूलसी का कहना है, " यह वैसे है कि जैसे आपने कोई स्विच दबा दी हो और व्यक्ति ने जीवन में गलत दिशा पकड ली और हिंसक हो चला"
इसा नबूलसी से ह्यूस्टन में मिला जहाँ कि नबूलसी ने उसे होटल और लिमोजिन की सेवायें उपलब्ध कराईं। उनके सम्बंध व्यावसायिक भागीदारी में विकसित हो गये और वे कुल बारह वर्षों तक चले। परंतु अब नबूलसी ह्यूस्टन के संघीय न्यायालय में इसा पर संविदा के उल्लंघन का मुकद्दमा चला रहा है। अपने आरोप को सिद्ध करने के लिये नबूलसी ने एक 45 मिनट का टेप जारी किया है जिसमें कि इसा अफगान अनाज व्यापारी मोहम्मद शाह पूर को वर्ष 2004 में बुरी तरह प्रताडित कर रहा है। इसा ने व्यापारी पर आरोप लगाया है कि उसने अनाज की एक खेप में उसे 5,000 अमेरिकी डालर की क्षति पहुँचाई है और उसे दूर ले जाकर उस पर आक्रमण किया।
एबीसी न्यूज ने आरम्भिक तौर पर टेलीविजन कथा दिखाई जिसे यहाँ देखा जा सकता है। इसके साथ की प्रिंट कथा Torture Tape Implicates UAE Royal Sheikh," इसकी भयानकता का वर्णन करती है।
शेख व्यक्ति के मुख में रेत भर रहा है और पुलिस पीडित को कस कर रोकती है। फिर वह आटोमेटिक रायफल से उसके आसपास गोलियाँ दागता है जिससे कि वह बुरी तरह चीखता है। टेप में एक अन्य स्थल पर शेख को देखा जा सकता है कि वह कैमरामैन को और निकट आने को कहता है। शेख ने कहा " निकट आओ और निकट आओ ताकि इस पीडा को दिखाया जा सके" ।
पूरे टेप में शेख इसा ऐसा व्यवहार करता है जो कि अत्यंत दुखद है। वह एक विद्युत उपकरण उस व्यक्ति के गुप्ताँग से ले जाकर उसकी गुदा में प्रवेश करा देता है। एक और स्थल पर जब व्यक्ति पीडा से कराह रहा है तो शेख व्यक्ति के गुप्ताँग पर ज्वलनशील द्र्व्य डालकर उस पर आग लगा देता है। उसके बाद शेख कुछ लकडी की छडी से छाँटता है और कहता है, " मुझे याद है इसमें से एक में काँटे थे" । इसके बाद शेख पीडित की पैंट उतार देता है और बार बार फिर उन्हीं काँटों से उस पर वार करता है।
एक स्थल पर तो वह काँटों को व्यक्ति के चूतडों पर प्रहार कर उसमें से माँस निकाल लेता है। " शेख पूछता है " नमक कहाँ है" फिर वह नमक के बडे डिब्बे में से नमक निकालकर व्यक्ति के रिसते घावों पर मल देता है। पीडित दया की भीख माँगता है लेकिन इसका कोई लाभ नहीं होता। अंतिम दृश्य में शेख पीडित को रेगिस्तान की रेत में उसकी स्थिति बनाकर उस पर वाहन चलाता है । हड्डियों के टूटने की ध्वनि टेप पर सुनी जा सकती है।
शाह पूर इस लगातार आक्रमण से बच जाता है और नबूलसी के अनुसार उसके प्रयासों से वह अस्पताल पहुँचा जहाँ की उसे आंतरिक घाव से उबरने में महीनों लग गये।
नबूलसी याद करता है कि इसा ने इस उत्पीडन सहित अन्य उत्पीडनों का टेप बनवाया ताकि उदासी के समय इससे मनोरंजन कर सके। नबूलसी इसा के सभी महत्वपूर्ण कार्य और व्यक्तिगत कार्य देखता था जिसमें कि यह शाह पूर का वीडियो भी है। नबूलसी का कहना है कि इसा के उत्पीडन की आलोचना के कारण दोनों व्यवसायी भागीदार अलग अलग हो गये। नबूलसी ने टेप को इसा की क्र्रूरता के साक्ष्य के रूप में छुपा दिया और इसके बदले इसा इसे प्राप्त करने अबू धाबी पुलिस के पास गया। जब नबूलसी ने झुकने से इंकार कर दिया तो उसे मारीजुवाना रखने के आरोप में तीन माह के लिये अल वाथबा जेल में रखा गया।
नबूलसी का कहना है कि कारावास के दिनों में उस पर कई बार आक्रमण हुए । उसके ह्यूस्टन वकील टोनी बुजबी के अनुसार पुलिस अधिकारी ने उसकी गुदा में अँगुली डाल दी। उन्होंने कहा, " यह शेख इसा की ओर से है क्या तुम हमें टेप दोगे'? बुजबी के अनुसार रक्षक उसे सोने से रोकते थे , उसे उसकी दवा नहीं देते थे , कहते थे कि उसकी पत्नी के साथ बलात्कार कर देंगे , उसके बच्चों को मार देंगे। उन्होंने उसे नग्न करके उसके चित्र उतारे" । आरोप है कि उत्पीडन के कुछ अवसरों पर इसा स्वयं भी उपस्थित रहा। न्यायालय ने नबूलसी को छोड दिया और और वह अबू धाबी छोडने में सफल रहा।
जिस प्रकार यह टेप सब कुछ कहता है उसी प्रकार अबू धाबी और अमेरिका की सरकार की प्रतिक्रिया भी है। एक आधिकारिक बयान में अबू धाबी ने कहा कि इसा और शाह पूर के मध्य व्यक्तिगत स्तर पर मामला हल हो गया और " दोनों एक दूसरे के विरुद्ध औपचारिक शिकायत न दर्ज करने पर सहमत हैं। एक ओर चोरी और दूसरी आक्रमण"। एबीसी न्यूज द्वारा उकासाये जाने पर अबू धाबी के आन्तरिक मंत्री ने इसा की भूमिका को स्वीकार किया परंतु दावा किया कि, " जो घटनाक्रम टेप में दिखाया गया है वे एक ही व्यवहार की परिपाटी नहीं हैं" इसके पुनरावलोकन में पाया गया कि " पुलिस विभाग द्वारा सभी नियम , नीति और तरीके सही ढंग से अपनाये गये हैं" । नबूलसी के मामले में भी आंतरिक मंत्री ने स्पष्ट किया कि "नबूलसी के साथ कोई बुरा व्यवहार नहीं हुआ था जब उन्हें नशीली दवा के सम्बंध में कारवास में रखा गया था" ।
वैसे इसका उल्लेख करना शायद आवश्यक है कि अबू धाबी के आन्तरिक मंत्री इसा के ही एक भाई हैं।
अबू धाबी के अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों को नबूलसी मिश्रित श्रेणी देते हैं । उनके अनुसार कुछ तो टेप के सम्बंध में जानते थे परंतु इसा के कार्य का विरोध नहीं किया । विशेष रूप से गृह भूमि सुरक्षा विभाग के बिल वालरैप ने नबूलसी के गिरफ्तार होने से एक दिन पूर्व टेप देखा था ; नबूलसी ने उन्हें उद्धृत किया है, " अपनी सुरक्षा के लिये अपने परिवार को समेट कर जितना शीघ्र हो सके देश छोडकर चले जाओ" । अमेरिकी दूतावास के एक और सदस्य ने हालाँकि नबूलसी की सहायता की और उसके अनुसार उसके जीवित रहने और देश छोडने के पीछे उनका कारावास में उन्हें देखने आना बडा कारण रहा। हिलेरी क्लिंटन का राज्य विभाग इस मामले में विशेष रूप से चुप है। इसी प्रकार अमेरिकी कूटनयिक ने फिल्म को 10 मिनट देखकर निष्ठुरता से कहा, " रोचक है"
हालाँकि एबीसी न्यूज द्वारा उत्पीडन के टेप को दिखाने का अमेरिका की संसद के मानवाधिकार आयोग के सभापति रेप्रेजेंटेटिव जेम्स मैकगवर्न ( मैसचूयएट्स के डेमोक्रेट) के लिये प्रभाव हुआ है। घटना होने के पूरे पाँच वर्ष पश्चात अबू धाबी अधिकारियों ने अंततः इसा को गिरफ्तार किया है तथा इस उत्पीडन में सहयोग देने वाले अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है तथा उत्पीडन की आपराधिक जाँच के आदेश दिये हैं।
संयुक्त अरब अमीरात के लिये सबसे असहज है कि यह टेप उस समय आया है कि जब अमेरिका प्रशासन इसके साथ परमाणु सहयोग के लिये सोच रहा है और इससे बिल के पास होने पर संकट खडा हो जाता है। रेप्रेजेंटेटिव एड मार्के ने ( मैसच्यूयेट्स के डेमोक्रेट) अनेक लोगों के विचारों को व्यक्त किया है, "जिस देश में धनाढ्य और शक्तिशाली लोगों द्वारा विधि का उल्लंघन किया जाता हो वह देश अमेरिका की परमाणु तकनीक को सुरक्षित नहीं रख सकता" । इसके अतिरिक्त राज्य विभाग उत्पीडन टेप को देख रहा है और परमाणु समझौते को टाल दिया गया है तथा अब यह कांग्रेस की अनिश्चित सम्भावनाओं के मध्य लटक गया है।
टिप्पणियाँ:
(1) इसा द्वारा 5,000 अमेरिकी डालर की खेप को लेकर अनियंत्रित आक्रोश मध्य पूर्व की क्रूरता की संस्कृति का प्रतीक है। जिनके पास शक्ति है वे इसका दुरुपयोग करते हैं।
(2) 10,000 अमेरिकी डालर को चुराने वाले को क्या होगा? अबू धाबी में बर्नार्ड मेडोफ़ पर क्या गुजरेगी?
(3) इसा और उनके लोग उत्पीडन को लेकर जितने प्रशिक्षित थे उससे तो लगता है कि उन्होंने ऐसा पहले भी किया हुआ था। निश्चित ही नबूलसी का कहना है कि उसके पास और वीडियो हैं।
(4) अबू धाबी की सरकार कमजोर है तो कोई सोच सकता है कि मध्य पूर्व की कठोर सरकारें क्या करती होंगी?
(5) जबकि विश्व छोटा होता जा रहा है तो पश्चिम मध्य पूर्व के इस भयानक पहलू से कैसे दूरी बना सकता है।