डेनमार्क में कुछ दिनों पूर्व एक मुस्लिम वर्ग ने प्रमुख डेनिश यहूदियों को मारने के लिये 30,000 अमेरिकी डालर के पुरस्कार की घोषणा की और इस धमकी की विश्व स्तर पर चर्चा हुई। कम जानी हुई बात यह है कि डेनमार्क के 2 लाख मुस्लिम आप्रवासियों से जुडी अनेक समस्याओं में यह केवल एक है। मुख्य मुद्दा यह है कि उनमें से अनेक अपने गोद लिये हुए देश के साथ आत्मसात होने की अत्यल्प इच्छा दर्शाते हैं।
अनेक वर्षों तक डेनमार्क के लोगों ने बहुसंस्कृतिवाद की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें मुस्लिम प्रथा से किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है इससे पूर्व कि उन्हें पता चल पाता कि उन्होंने क्या किया है? कुछ प्रमुख मुद्दे इस प्रकार है:
- पूरी तरह दया पर आश्रित: तृतीय विश्व के आप्रवासी मुस्लिम जो कि अधिकतर तुर्की, सोमालिया , पाकिस्तान , लेबनान और इराक से आते हैं वे कुल जनसंख्या का 5 प्रतिशत हैं परंतु कुल कल्याण खर्च का लगभग 40 प्रतिशत इन पर खर्च होता है।
- अपराध में लिप्त हैं: डेनमार्क की कुल 54 लाख जनसंख्या में मुस्लिम मात्र 4 प्रतिशत ही हैं परंतु देश के दोषसिद्ध बलात्कारियों में बहुमत उन्हीं का है और यह अत्यंत ज्वलनशील मुद्दा इसलिये है कि सभी महिला पीडित गैर मुस्लिम हैं। इसी प्रकार भले ही कम हो पर अपराधों में यह असंतुलन पाया जाता है।
- स्वयं ही अलग थलग रहते हैं: जैसे जैसे मुस्लिम आप्रवासियों की संख्या बढती जा रही है वे मूल जनसंख्या के साथ कम ही घुल मिल पाते हैं। अभी हाल में हुए सर्वेक्षण से पता चलता है कि युवा मुस्लिम आप्रवासियों में से केवल 5 प्रतिशत ही डेनिश के साथ विवाह को तैयार हैं।
- अस्वीकार्य प्रथायें साथ लाते हैं: बलात विवाह के अंतर्गत डेनमर्क में पैदा हुई बालिका को अपने देश में चचेरे भाई से विवाह का वचन देते हैं और फिर उसे विवाह के लिये विवश करते हैं और कुछ अवसरों पर तो मृत्यु की पीडा या अन्य समस्या सहित। दूसरा खतरा इस्लाम से बाहर मतान्तरित होने पर उन मुसलमानों को जान से मारने की धमकी है । एक कुर्द ने ईसाइयत को अपना लिया और सार्वजनिक रूप से यह बताने गई कि उसने अपना धर्म क्यों बदला तो उसे अपना चेहरा ढँकना पडा और अपनी पहचान छुपानी पडी और यह सब अपने जीवन के समाप्त होने के भय से।
- सेमेटिक विरोध को बढावा देते हैं: मुस्लिम हिंसा ने डेनमार्क के प्रायः 6,000 यहूदियों को डरा दिया जो कि धीरे धीरे पुलिस संरक्षण पर आश्रित हो गये हैं। एक विद्यालय के प्रधानाचार्य ने यहूदी अभिभावकों से कहा कि वे उनके बच्चों की सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकते और उन्हें सलाह दी कि वे किसी दूसरी संस्था में चले जायें। इजरायल विरोधी मार्च यहूदी विरोधी दंगों में परिवर्तित हो गये। एक संगठन हिजबुत तहरीर ने खुले आम मुसलमानों से कहा, "जहाँ भी यहूदी मिलें उन्हें मार डालो"
- इस्लामी कानून लाना चाहते है: मुस्लिम नेता खुले आम घोषणा करते हैं कि एक बार डेनमार्क में मुस्लिम जनसंख्या बढ जाती है तो वे यहाँ इस्लामी कानून लागू करने की इच्छा रखते हैं जो कि बहुत दूर की बात नहीं है। यदि वर्तमान रुझान जारी रहते हैं तो एक समाजविज्ञानी का आकलन है कि अगले 40 वर्षों में डेनमार्क का हर तीसरा व्यक्ति मुस्लिम होगा।
यूरोप के अन्य लोगों ने भी (जैसे कि हालैंड के पिम फार्च्यून ने) भी इन मुद्दों की ओर ध्यान दिलाया है, परंतु डेनमार्क के लोग पहले लोग हैं जिन्होंने कि सरकार में परिवर्तन इस आधार पर किया।
पिछले नवम्बर में हुये चुनाव में केंद्रीय दक्षिण गठबंधन सत्ता में आया और 1929 के बाद से अब तक पहली बार उन्होंने समाजवादियों को सरकार में स्थान नहीं दिया। दक्षिणपन्थियों ने 72 वर्ष पुराना हार का सिलसिला तोडा और भारी संसदीय बहुमत प्राप्त किया और आप्रवासी विषय पर काम करने का आश्वासन दिया जो कि मतदाताओं की पहली चिंता थी और समाजवादियों से भिन्न तरीक अपनाने की बात थी।
अगले नौ माह में ठीक प्रक्रिया दिखी : अब आप्रवासियों को नियमित नागरिक बनने के लिये पहले के तीन वर्ष के विपरीत डेनमार्क में कम से कम सात वर्ष निवास करना होगा ।अधिकाँश गैर शरणार्थी देश में प्रवेश करते ही कल्याण चेक तत्काल प्राप्त नहीं कर सकेंगे । कोई भी 24 वर्ष से नीचे की पत्नी नहीं ला सकेगा। राज्य हिजबुत तहरीर को यहूदियों को दी जाने वाली जान से मारने की धमकी के चलते प्रतिबंधित करने की योजना बना रहा है।
इन सामान्य व्यवस्थाओं के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोर होने लगा और यूरोप और संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में डेनमार्क को नस्लवादी और " इस्लामोफोब"कहकर निंदित किया गया। वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया कि मुस्लिम आप्रवासियों को नियमित रूप से भेदभाव का सामना करना पड्ता है तथा लंदन गार्डियन का शीर्षक था " कोपेनहेगन का फासीवाद के साथ नैन मटक्का"
वास्तव में यद्यपि नई सरकार ने स्थापित समस्या की ओर ही ध्यान दिया है। इसने कुछ भी नया नहीं किया है जैसे कि यहूदियों के विरुद्ध जान से मारने धमकी या फिर हाल का इस्लामी फतवा कि मुस्लिम कोपेनहेगन के नोरेब्रो क्षेत्र से डेनमार्कवासियों को भगा दें।
इन मामलों में अधिकारियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। सेना इस बात पर विचार कर रही है कि मुस्लिम सिपाहियों को डेनमार्क की स्वयंसेवी इंटरनेशनल ब्रिगेड की सेवा से परे रखे जो कि अन्य आस्था के सदस्यों को विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है पर मुस्लिम इसके लिये सहमत नहीं हैं । मोहम्मद उमर बकरी जो कि स्वयंभू ओसामा बिन लादेन का मुँह, आँख और कान" है वह अपने संगठन अल मुहाजिरोन की शाखा आरम्भ करना चाहता है।
मीडिया रिपोर्ट के विपरीत डेनमार्क से सही समाचार फासीवाद के साथ नैन मटक्का नहीं वरन सुस्त हो जाना है। एक सरकार जिसे कि कुछ विशेष प्रकार की समस्याओं का सामना करने के लिये चुना गया था उसने इस दिशा में काफी कम काम किया है। इसकी उदासीनता के समस्त पश्चिम पर गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।
इस विषय को लेकर पत्र
बहुसंस्कृतिवाद और डेनमार्क
द्वारा एलिजाबेथ आर्नोल्ड तथा एलिजाबेथ गर्नर नील्सन , डेनमार्क संसद सदस्य
नेशनल पोस्ट
6 सितम्बर, 2002
डेनमार्क के राजनेता होने के चलते हम इस तथ्य से आहत हैं कि जिस प्रकार डैनियल पाइप्स और लार्स हेडेगार्ड ने डेनमार्क में आत्मसातीकरण की समस्या को चित्रित किया है ("Muslim Extremism: Denmark's had Enough," Daniel Pipes and Lars Hedegaard, Aug. 27 और हम आँकडों को ठीक करना चाहते हैं ।
लेखकों ने दावा किया है कि डेनमार्क के 40 प्रतिशत कल्याण खर्च को मुस्लिम आप्रवासियों के ऊपर खर्च किया जाता है। डेनमार्क में उत्तरी अमेरिका के मुकाबले कल्याण खर्च की व्यपकता कहीं अधिक है। हम केवल बेरोजगारी लाभ को इसमें शामिल नहीं करते वरन अन्य ठीक ठाक खर्चे जैसे घर, परिवहन, घर की देख रेख , शीघ्र सेवानिवृत्ति , सुरक्षित कार्यक्षेत्र दिन की देख रेख तथा अन्य छोटी योजनायें भी इसमें आती हैं। मुस्लिम आप्रवासी इनके आवंटन का 40 प्रतिशत प्राप्त नहीं करते हालाँकि वे इसका मोटा लाभ प्राप्त करते हैं। इसका प्रमुख कारण है कि आप्रवासियों को रोजगार देने में रुचि नहीं है तो उद्यम बाजार में प्रतियोगिता करना कठिन है।
इसके आगे का अनुमान कि डेनमार्क के सभी बलात्कारियों में से आधे से अधिक मुस्लिम हैं बिना किसी आधार के है क्योंकि आपराधिक पंजिका में धर्म का आँकडा नहीं रहता ।
श्रीमान पाइप्स और श्रीमान हेडेगार्ड ने उल्लेख किया है कि मात्र 5 प्रतिशत डेनमार्क के मुस्लिम ही डेनमार्क के लोगों से विवाह करना चाहते हैं । यह स्वयं को अलग थलग रखने का चिन्ह है जो कि वास्तव में है परंतु हम उन 5 प्रतिशत साहसी लोगों का स्वागत करते हैं जो कि अंतर्विवाह को स्वीकार करते हैं वे वास्तविक रूप से शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पुरोधा हैं और संस्कृतियों के मानवीय सम्बंधों के। यद्यपि डेनमार्क की नई सरकार ने यह अत्यंत कठिन कर दिया है कि डेनमार्क में विदेशी पत्नी लाई जाये । शासक वर्ग का विचार यही लगता है कि अंतर्विवाह से परहेज किया जाये।
श्रीमान पाइप्स और श्रीमाम हेडेगार्ड ने यह भी दावा किया है कि मुस्लिम हिंसा के चलते डेनमार्क के 6,000 यहूदी नागरिकों को खतरा है। यह अफवाह है जिसमें कि प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित होता है कि प्रमुख यहूदी लोगों को निशाने पर रखा गया है। डेनमार्क के अधिकारियों ने मौत की धमकी को गम्भीरता से लिया है परंतु पुलिस जाँच में अभी तक वास्तविक धमकी का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
आने वाले दशकों में डेनमार्क को 1 लाख नये हाथ काम के लिये चाहिये । डेनमार्क में कम बच्चे पैदा होते हैं और लोग अधिक जीवित रहते हैं। आत्मसातीकरण को अधिक बेहतर ढंग से कार्य करना है और आप्रवासियों का स्वागत किया जाना चाहिये। इस बिंदु पर हम कनाडा के समाज से प्रेरणा ग्रहण करते हैं जो कि अन्य धर्म और संस्कृति के लिये खुला है।
उत्तर:बहुसंस्कृतिवाद और डेनमार्क
द्वारा डैनियल पाइप्स और लार्स हेडेगार्ड
नेशनल पोस्ट
10 सितम्बर, 2002
डेनमार्क की संसद के दो सदस्य एलिजाबेथ आर्नोल्ड और एलिजाबेथ गार्नर नील्सन हमारे लेख article "Muslim Extremism: Denmark's had Enough" (Aug. 27) से व्यथित हुए।
अधिकाँश कनाडा ने लेखक यह नहीं जान पायेंगे कि दोनों लेखक कट्टरपंथी उदारवादी समाजवादी राजनेता हैं जो कि पिछले नवम्बर में हुए चुनावों में पराजित हो गयी थी। वास्तव में सुश्री नील्सन इस सरकार में संस्कृति मंत्री थीं। उन्हें अपनी भडास निकालनी थी।
दोनों ही हमारे इस निष्कर्ष का विरोध करते हैं कि मुस्लिम " देश में दोषसिद्ध बलात्कारियों" में बहुतायत में हैं उनका यह इस आधार पर कहना है कि कि डेनमार्क के आँकडों में धर्म को नहीं मिलाया जाता वास्तव में यह निराधार बात है। डेनमार्क के आँकडों में ऐसा है यह तीसरे विश्व के आप्रवासियों की संख्या को प्रस्तुत करता है और उनके वंशजों को भी और रिपोर्ट के अनुसार वे कुल जनसंख्या का 5 प्रतिशत हैं और मुस्लिम इसका पाँच चौथाई हैं। सबसे हाल का पुलिस आँकडा दर्शाता है कि कोपेनहेगन में बलात्कार के दोषसिद्ध 76.5 प्रतिशत उसी 5प्रतिशत जनसंख्या से हैं और इसी आधार पर हमने यह निष्कर्ष निकाला है।
हमारे आलोचकों ने इसके बाद " कल्याण" शब्द पर भ्रम दिखाया है। हम अंग्रेजी में अंग्रेजी भाषी लोगों के लिये लिखते हैं और इस भाषा में इसका अर्थ किसी नकद या खाद्य रूप में सहायता होता है न कि डेनमार्क के भाव में " घर, परिवहन, घर की देखभाल , शीघ्र सेवानिवृत्ति , सुरक्षित कार्य स्थल , दिन की देखभाल या अन्य छोटी योजनायें" जैसा कि दोनों राजनेताओं द्वारा उल्लेख किया गया है।
जहाँ तक संख्या की बात है तो आप्रवास और आत्मसात के पूर्व समाजवादी प्रवक्ता रिट बेरेगार्ड ने एक अप्रकाशित अध्ययन से आँकडों को लीक कर दिया था जिसके अनुसार1999 में डेनमार्क की जनसंख्या के आप्रवासियों की 5प्रतिशत तृतीय विश्व की संख्या 35 प्रतिशत कल्याण के खर्च को ग्रहण करती है। आज यह प्रतिशत अधिक है इसी कारण हमने लिखा कि 5प्रतिशत 40 प्रतिशत कल्याण के खर्च का ग्रहण करते हैं।
दोनों ही सांसद इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे कि यहूदियों पर खतरा है परंतु यहूदी जनसंख्या स्वयं मानती है कि वह घिरी हुई है। सुश्री अर्नोल्ड और सुश्री नील्सन की यह अज्ञानता व्यापक समस्या का अंग है और जिसके अंतर्गत ही ये लोग भीषण आप्रवास के मुखर समर्थक रहे हैं और इससे उत्पन्न समस्या की ओर से आँखें मूँदे रखी थीं। उनका दुर्भाग्य है कि डेनमार्क के मतदाताओं ने इस समस्या को देखा और उनके गठबंधन को पिछले नवम्बर में सत्ता से बाहर कर दिया।
अंत में हम इस धारणा की व्याख्या कैसे करें जो कि हमारे आलोचक आगे बढा रहे हैं कि वर्तमान सरकार डेनमार्क और विदेशी के मध्य " अंतर्विवाह से परहेज करना चाहती है" यह एक आरोप है जिसे कि किसी भी स्तर का राजनेता नहीं कह सकता। इसके विपरीत सरकार की नीति आत्मसातीकरण की है न कि पृथक करने की।