11 सितम्बर 2001 को अमेरिका में 3,000 लोगों की मृत्यु में सउदी अरब राज्य की भारी सहभागिता के चलते ही मैंने I argued in February फरवरी में तर्क दिया था कि इसी कारण पीडितों के परिजनों और स्वयं पीडितों को क्षतिपूर्ति के लिये सउदी अरब राज्य पर मुकदमा करने के बारे में सोचना चाहिये। तब से लेकर अभी तक तीन महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं जिन्होंने कि इस विचार को आगे बढाया है।
अमेरिका के लाभ को क्षति न हो: 22 सितम्बर को अमेरिका ने कानून पारित कर इस घटना के पीडितों या उसमें बचे लोगों के सउदी अरब पर मुकदमा करने की क्षमता को सीमित कर दिया। संघीय क्षतिपूर्ति कोष के लिये "Air Transportation Safety and System Stabilization Act" के अंतर्गत "11 सितम्बर को वायुयान से जुडी आतंकवादी घटना के परिणामस्वरूप हुई क्षति के लिये किसी संघीय या राज्य न्यायालय में दीवानी मुकदमा नहीं कर सकेंगे"।
परंतु केनेथ आर फेनबर्ग जो कि खुली आर्थिक सहायता देने के मामले में महारथी हैं ( जो कि उनकी दृष्टि में 4 अरब अमेरिकी डालर है) उन्होंने मुझे सूचित किया कि एक और कानून ने प्रभावी रूप से कानून की इस व्याख्या को पलट दिया। 19 नवम्बर को सार्वजनिक कानून 107 से 171 ने उपर्युक्त को निम्नलिखित रूप से परिवर्तित कर दिया, " उपर्युक्त वाक्य किसी दीवानी मुकदमे पर लागू नहीं होगा जिसमें कि साथ हुई क्षति को भरने के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सके , या फिर किसी ऐसे दीवानी मुकदमे के लिये जिसमें कि किसी व्यक्ति को किसी वायुयान के अपहरण या किसी आतंकी घटना को करने के षड्यंत्र का जानबूझकर अंग रहा हो"
वास्तव में इस कानून में 11 सितम्बर की घटना के गैर जाने बूझे भाग लेने वाले ( जैसे कि एयरलाइन और एयरपोर्ट) और जानबूझकर भाग लेने वाले के मध्य विभेद किया गया है जैसे ( आतंकवादी या उन्हें प्रायोजित करने वाले) । इसके अंतर्गत पूर्ववर्ती को तो मुकदमे से छूट दे दी गयी परंतु बादवाले को इस दायरे में लाया गया।
फीनबर्ग के शब्दों में कोई भी व्यक्ति , " सउदी अरब या अन्य कहीं 11 सितम्बर के आतंक को सहायता प्रदान करता है तो इसके लिये आर्थिक सहायता के लिये दावा करने वाले के द्वारा उसके विरुद्ध मुकदमा किया जा सकता है" या फिर उनके अनुसार यह दावा करने वाला "अपने हिस्से की माँग इसमें कर सकता है"
यह परिवर्तन एक अच्छा समाचार है जिसके चलते परिवार अमेरिकी करदाताओं से 12 लाख अमेरिकी डालर प्राप्त कर सकते हैं फिर सउदी अरब के विरुद्ध मुकदमा कर सकते हैं।
सउदी अरब द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने के और संकेत:
पिछ्ले सप्ताहों में अनेक ऐसे असाधारण दस्तावेज सामने आये हैं जिनका खंडन नहीं हो सकता जैसे कि अमेरिकी सेना द्वारा सराजेवो से बोस्निया और हर्जेगोविना में सहायता सउदी उच्चायोग के कम्प्यूटर से हार्ड ड्राइव बरामद हुई है । एक गिरफ्तार कार्यकर्ता के पास एक दस्तावेज बरामद हुआ है जिससे सिद्ध होता है कि सउदी ने हमास आतंकवादी गुट को "कसाम" नामक छोटी मार की मिसाइल विकसित करने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का निष्कर्ष है कि सउदी राजकुमार लाखों डालर खर्च कर अल कायदा और तालिबान के सदस्यों को अमेरिका के चंगुल से निकालने का प्रयास कर रहे हैं। एक सूत्र ने मिडिल ईस्ट न्यूजलाइन को बताया कि, " अल कायदा के पास धन का प्रवाह राजपरिवार से हो रहा है"
धन के इस प्रवाह को रोकने के लिये अमेरिकी अधिकारी घर में भी प्रयास कर रहे हैं। मार्च में उन्होंने वाशिंग़टन डी सी क्षेत्र में 16 स्थानों पर छापेमारी की ताकि सउदी अरब के उच्च स्तरीय नागरिक खालिद बिन महफूज और सेरिफ सेड्के के बारे में जान सके और अल कायदा को धन उपलब्ध कराने में उनकी भूमिका जान सकें।
लीबिया के विरुद्ध प्रगति: स्काटलैंड के अपील न्यायालय ने मार्च में 1988 के पान एम विमान 103 के बम आक्रमण के मामले में जिसमें कि कुल 270 लोग मारे गये थे उस संदर्भ में लीबिया के खुफिया एजेंट की सजा को जारी रखा, जिसे कि इस दुर्घटना से पीडित परिजनों के वकील ने आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों को उत्तरदायी सिद्ध करने की दिशा में " बडा कदम" बताया।
स्काटलैण्ड के निर्णय से 13 वर्षों की मुकदमेबाजी बन्द हो गयी और अब पीडितों के परिजन लीबिया की सरकार के विरुद्ध दीवानी वाद दायर कर सकते हैं और इसके लिये उन्हें अमेरिकी सरकार का समर्थन भी मिलेगा: " अमेरिका के राष्ट्रपति की अपेक्षा है कि लीबिया के लोगों की अपेक्षा पूरी हो" व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने यही वक्तव्य दिया, " न्यायालय ने अपना निर्णय दे दिया अब लीबिया को कार्रवाई करनी चाहिये" पेरिस में परिजनों के साथ पहले भी बात चल रही है जिन्होंने कि 10 अरब अमेरिकी डालर की माँग की है ( प्रत्येक मृत व्यक्ति के लिये 4 करोड डालर)
इन तीनों मामलों को एक साथ देखा जाये तो यही प्रतीत होता है कि 11 सितम्बर के पीडितों का कानूनी पक्ष सशक्त है ताकि तार्किक और राजनीतिक रूप से क्षतिपूर्ति की बात कर सकें । यदि रियाद उनकी माँग ठुकरा दे तो वे लोकर्बी परिजनों की भाँति प्रति मृतक के लिये क्षतिपूर्ति की माँग कर सकते हैं, जो कि कुल 100 अरब अमेरिकी डालर होगा।
इससे बेहतर क्या होगा कि 11 सितम्बर को मारे गये अमेरिकी लोगों के परिजन सउदी को इस व्यवहार को प्रायोजित करने के लिये कीमत चुकाने के विवश करें और यही सामान्य अमेरिकी लोगों की आतंकवाद के विरुद्ध लडाई होगी।