रिपब्लिकन की ओर से राष्ट्रपति पद के अग्रणी उम्मीदवारडोनाल्ड ट्रम्प ने ७ दिसंबर को आह्वान किया कि, " जब तक हमारे देश के प्रतिनिधि यह समझ नहीं जाते कि क्या हो रहा है तब तक मुसलमानों के अमेरिका में प्रवेश को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए" | इस पूरी बात से एक शब्द हटा दिया जाए तो यह गुस्सा दिलाने वाले से शानदार बन जाता है|
पेरिस और सैन बर्नार्डिनो में मुसलमानों के नरसंहार पर प्रतिक्रिया करते हुए पश्चिम को लेकर मुसलमानों की अतिशय नफ़रत की ओर ट्रम्प का इशारा था , इसी आधार पर उन्होंने निश्कर्ष निकाला कि, " जब तक हम इस समस्या को समझ नहीं जाते , इसको लेकर कोई निश्चय नहीं कर पाते और इसकी ओर से उपस्थित खतरे को नहीं भांप पाते तब तक हमारा देश उन लोगों के हमलों का शिकार नहीं बना रह सकता जो केवल जिहाद में विश्वास करते हैं"
बहुत जल्द ही अनेक नकारात्मक घरेलू, बाहरी , मुस्लिम और गैर मुस्लिम प्रतिक्रियाएं तेजी से आने लगीं और यह उचित भी था , क्योंकि ट्रम्प का निर्दयी धमाका असंवैधानिक, अस्वीकार्य , अव्यावहारिक और रणनीतिक रूप से भी गलत है|
असंवैधानिक: सभी पश्चिमी मौलिक क़ानून सेक्यूलर है, जिसके अनुसार आप्रवास के लिए धर्म या मजहब के आधार पर परीक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती इस लिए ट्रम्प के बयान को व्यावहारिक आधार पर नीतिगत मसला मानने के बजाय भड़काने वाला ही माना जाना चाहिये|
अस्वीकार्य: कानून से परे सेक्युलरिज्म पश्चिमी मूल्यों का प्रमुख अंग है ,इसके साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इन मूल्यों को किसी तात्कालिक आतुरता के लिए छोड़ने को लेकर शायद ही कोई सहमत हो|
अव्यावहारिक: इस्लाम किसी चमड़ी के रंग की भांति कोई स्थाई पहचान नहीं है| मुसलमानों को कोई भी चीज नहीं रोकती कि वे इस्लाम को छोडकर किसी अन्य धर्म को स्वीकार नहीं कर सकते | जब तक ट्रम्प अपने " पूरी तरह से पाबंदी" के विचार को पूर्व मुसलमानों तक नहीं बढाते जो कि और भी असंवैधानिक है तो वे पहले से ही विद्यमान सुविधा के अनुसार मुस्लिम धर्मांतरण के रुझान को ही बढ़ावा दे रहे हैं ( जैसा कि बर्लिन के चर्च में इसके दर्शन प्रतीकात्मक रूप से हुए हैं)
रणनीतिक रूप से गलत: ट्रम्प का राष्ट्रपति पद के लिए प्रचार अभियान एक बार फिर से उल्टा पड़ रहा है ; वे इसके साथ ही साथ परम्परावादियों ( कंजरवेटिव) को मूर्ख जैसा दिखा रहे हैं और उन लोगों की ओर सहानुभूतिपूर्ण पूरा ध्यान जाने दे रहे हैं जो उनके विचारों के विरोधी हैं और इस मामले में कट्टर मुस्लिम संगठन जैसे काउन्सिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस ( जिसे व्यापक रूप से सी इ आई आर के नाम से जाना जाता है) को लाभ हो रहा है जिसने कि असाधारण मीडिया कवरेज प्राप्त किया ताकि वह अपना धूर्ततापूर्ण सन्देश फैला सके|
यह कहने के बाद भी, ट्रम्प ने एक ऐसा नाजुक और तात्कालिक मुद्दा उठाया है जिसका पश्चिम के लोगों को सामना करना चाहिए , इसके प्रतीकात्मक रूप से दर्शन तब हुए जब यूरोप में हाल में अवैध आप्रवास की सुनामी आ गयी और इसके चलते जो परेशानियां झेलनी पडीं | यदि इसे सहज रूप से कहें तो मुसलमान अपनी संख्या से अधिक समस्याएं खडी करते हैं जो कि हिन्दू आप्रवासियों से उनकी तुलना करने में सामने आती है जो कि सामान्य तौर पर पश्चिम में समान संख्या में हैं पर शान्ति पूर्वक पश्चिम के साथ सहज हो जाते हैं|
मुसलमानों को लेकर प्रमुख शीर्षक हिंसा का ही होता है , चाहे वह बड़े स्तर का षडयंत्र हो ( पेरिस) या फिरअचानक जिहाद की बीमारी हो अकेले लड़ाके ( सैन बर्नार्डिनो) का मामला हो, परन्तु हिंसा शायद ही अपने में पूरी समस्या है| गैर मुसलमानों के प्रति मुसलमानों का अमित्रवत व्यवहार और भी अनेक स्वरुप ग्रहण करता है , जैसे कि मस्जिदों में इस्लाम की सर्वोच्चता की शिक्षा , सडकों पर सेमिटिक विरोध को बढ़ावा देना और किसी को भी धमकी देना जो सार्वजनिक रूप से इस्लाम की आलोचना करने का साहस दिखाता है| महिलाओं से जुड़े मुद्दे जैसे कि महिलाओं के गुप्तांगों को विकृत करना , बहुविवाह और बलात विवाह | इस्लाम के अनुरूप आँखें दिखते कुत्ते के प्रति नफ़रत , मिला जुला स्विमिंग पूल के प्रति विरोध और समलैंगिकों के प्रति भी विरोध |
अनेक सर्वेक्षण दिखाते हैं कि व्यापक रूप से और सही भी है कि इन मुद्दों को लेकर चिंता है और धैर्य भी जवाब दे रहा है क्योंकि सरकारें इन मुद्दों को नजरअंदाज कर रही हैं| जब एंजेला मार्केल असीमित संख्या में अवैध आप्रवासियों का स्वागत करती हैं या बराक ओबामा सीरिया के आप्रवासियों को लेकर उठाई जा रही चिंताओं को उपहास लायक मान लेते हैं तो डोनाल्ड ट्रम्प जैसी लोकप्रियता प्राप्त करने में माहिर आवाजें समर्थन प्राप्त करें यह तो अवश्यमभावी है|
निश्चित रूप से वे आप्रवास विरोधी सबसे ताजे व्यक्ति हैं जिसे आवाज मिली है और जो धीरे धीरे प्रतिध्वनित होती जा रही है| गीर्ट वाइल्डर्स के राजनीतिक दल ने हाल के सर्वेक्षण में संसद की १५० सीटों में से ३९ पर विजय प्राप्त किया जो कि इसकी पिछली संख्या १५ से बड़ी है और किसी भी अन्य राजनीतिक दल से दुगुनी है| एक सप्ताह पहले फ़्रांस के राज्य के चुनावों में मरीन ली पेन के नॅशनल फ्रंट ने १३ जिलों में से ६ पर बढ़त बनायी | ऊपर की ओर जाता हुआ यह रुझान तब तक जारी रहेगा जब तक कि इन अलग थलग माने जाने वाले किसी उग्रपंथी दल को कुल मतों का ५० प्रतिशत नहीं मिल जाता और इनमें से कोई एक सत्ता में नहीं पहुँच जाता | इस स्थिति में ट्रम्प एक तलवार की धार पर खड़े हैं |
मुस्लिम आप्रवास के विषय के साथ उत्तरदायित्वपूर्ण और गैर विवादित तरीके से कैसे निपटा जाए ? मेरी ओर से दो सुझाव हैं | पहला, ट्रम्प के सुझाव " मुसलमानों के संयुक्त राज्य में प्रवेश को प्रतिबंधित करने के स्थान पर" " इस्लामवादियों के संयुक्त राज्य में प्रवेश पर प्रतिबन्ध" का सुझाव | इस्लामवादी वे मुसलमान हैं जो इस्लामी क़ानून को लागू करना चाहते हैं , महिलाओं का उत्पीडन करते हैं और साथ ही गैर मुस्लिम का भी और विश्वव्यापी खिलाफत की स्थापना चाहते हैं | वे मुस्लिम जनसंख्या का १० से १५ प्रतिशत हैं मुस्लिम बर्बर हैं जो कि केवल " जिहाद" में विश्वास करते हैं,न कि सामान्य मुसलमान |
दूसरा, सभी संभावित यात्रियों और आप्रवासियों पर गंभीर शोध किया जाए न कि प्रोफार्मा रिव्यू जो कि आजकल चल रहा है| ऐसा करने के लिए धन और समय दोनों की आवश्यकता है साथ ही रचनात्मक प्रश्नोत्तर हो ताकि विचारधारागत रूचि को परखा जा सके , पर देश में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की जांच की जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई इस्लामवादी किसी भी स्थिति में कभी भी अन्दर न आ सके , यहाँ तक कि संक्षिप्त यात्रा पर भी और इस प्रकार हम अपनी समान सुरक्षा को बढ़ा सकते हैं|