पिछले सप्ताह जब यह समाचार आया कि साजिद बदात को इंग्लैंड में उसके आवास ग्लोसेस्टर से गिरफ्तार कर लिया है तो इसने ब्रिटेन वासियों को स्तब्ध कर दिया .उसके विरुद्ध आरोप था कि उसने अफगानिस्तान में अल-कायदा से प्रशिक्षण प्राप्त किया था और उसके पास से वही पी ई टी एन विस्फोटक बरामद हुए थे जैसे रिचर्ड रीड ने अपने जूते में छिपा रखे थे . पुलिस का विश्वास है कि बदात ब्रिटेन में पहला आत्मघाती विस्फोट करना चाहता था .लेकिन सभी इस समाचार से स्तब्ध नहीं हैं. ग्लोसेस्टर के मुस्लिम समाज में बदात के लिए काफी सम्मान है .एक प्रशंसक ने उसके बारे में कहा “एक चलता फिरता देवदूत ”और “हमारी मस्जिद का चमकता सितारा ”.दूसरे ने उसका वर्णन किया “ मित्रवत गर्मजोशी से मिलने वाला और हास्यविनोद वाला”
बदात के चचेरे भाई के अनुसार “ वह और कुछ नहीं मित्रवत ,सामाजिक , सामान्य युवक था जिसके बहुत से मित्र थे और जो किसी भी प्रकार कट्टरपंथी नहीं था ”.रोचक बात यह है कि हर बार जब भी कोई कट्टरपंथी मुसलमान आतंकवादी गतिविधियों के आरोप में पकड़ा जाता है या ऐसी गतिविधियों को अंजाम देता है तो लोगों के व्यवहार में ऐसा ही विभाजन देखने को मिलता है .
इस संबंध में तीन और यूरोपियन उदाहरण प्रस्तुत किए जा सकते हैं- इराक में इन अमेरिकी सेना के विरुद्ध आत्मघाती विस्फोट करने वाले यमन मूल के ब्रिटिश आप्रवासी बेल अल धालियेयी के बारे में प्रशंसात्मक शब्द सुनाते हुए मस्जिद के नेता ने कहा “ वह बहुत अच्छा व्यक्ति था .वह हमारे बच्चों को प्रशिक्षित करता था , वह बहुत मजाकिया था और सदैव हँसता रहता था . ”
मस्जिद से ही जुड़े एक और व्यक्ति ने कहा कि बहुत विनोदप्रिय और भद्र पुरुष था . एक पड़ोसी ने एक घटना बताई कि कैसे उसने उनके बच्चों कि सहायता की थी . धालियेयी के मार्शल आर्ट कोच ने कहा कि “ वह दूसरों को हँसाता रहता था उसके बारे में कितनी अच्छी बातें कहूँ . वह वास्तव में बहुत अच्छा लड़का था . …”
इसी प्रकार तेल अबीब के एक पब में आत्मघाती विस्फोट में तीन लोगों की हत्या करने वाले पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक आसिफ हनीफ के बारे में कहा गया कि वह बहुत सम्मानजनक और विन्रम था . बहुत अच्छा और सम्मानित शिष्य .
11 सितंबर की घटना से जुड़े बीसवें अपहरणकर्ता जकारियस मौअवसावी के बड़े भाई ने उसके बारे में कहा कि “ वह बहुत तेज चालाक और विनम्र था और सही अर्थों में अच्छा लड़का था …”
अमेरिका में भी आतंकवाद के आरोपियों के लिए ऐसे ही प्रशंसात्मक शब्द कहे जाते हैं- आतंकवादियों को सहायता करने और सामान उपलब्ध कराने के आरोपी बनाए गए ओहियो के पाकिस्तानी मूल के ट्रक ड्राईवर आएमान फारसी के यहां नौकरी कर चुके व्यक्ति ने उसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वह तो बहुत अच्छा व्यक्ति था और कभी किसी से उलझता नहीं था .फारसी के सौतेले पुत्र ने अपने पिता के बारे में बड़े प्रेम से कहा कि वह बहुत मजाकिया किस्म के थे .
11 सितंबर की घटना के संदिग्ध आरोपी अल कायदा के आरोपी फ्लोरिडा के रहने वाले सउदी मूल के अदनान गुलशेर एलशुकी जुमाह के परिजनों की भावना मियामी हेरल्ड ने कुछ यूँ व्यक्त की “ एक सामान्य अच्छे स्वभाव का व्यक्ति जिसने अपने लिए भी सपने देखे थे उसकी युवावस्था फ्लोरिडा में बच्चों को स्कूल पहुँचाने में परिपक्व हुई.सामान खरीदने और कौलेज की पढ़ाई में वह बड़ा हुआ ” . इस व्यक्ति को एफ बी आई ने बहुत बड़ा और गंभीर खतरा बताया .
अल कायदा के साथ संबंधों के बारे में खुफिया एजेन्सियों ने पाकिस्तानी मूल की जिस आफिया सिद्दीकि से पूछताछ कि उसके बारे में उसके इमाम ने कहा कि वह अत्यंत शिक्षित थी जो लोगों को इस्लाम के बारे में शिक्षित करने के लिए चिंतित रहती थी .
मुस्लिम विश्व में भी ऐसी ही प्रतिक्रियायें देखने को मिलती हैं.दक्षिणी थाईलैंड के मुस्लिम बहुल इलाके का उदाहरण देखिए –
थाईलैंड के दूतावासों और पर्यटन स्थलों को बम से उड़ाने के षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार मेडिकल डाक्टर वय महादि वय दाओ के बारे में धार्मिक नेताओं ने कहा कि वह मित्रवत संबंध रखने वाला आकर्षक भला आदमी था जो नि शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और सस्ती दवाईओं के कारण गाँव वालों का अत्यंत प्रिय बन चुका था .
आतंकवादियों के प्रति लोगों के मन में इस प्रकार सम्मान की भावना के कुछ महत्वपूर्ण परिणाम सामने आते हैं .पहला सामान्य , अच्छे स्वभाव के लोगों का भी कट्टरपंथी इस्लाम से लगाव है और वे इससे पृथक नहीं है .सामान्य रुप से अन्य अधिनायकवादी आंदोलनों के भाँति कट्टरपंथी इस्लाम को भी अत्यंत योग्य , प्रतिभाशाली और आकर्षक व्यक्तियों का समर्थन भी प्राप्त हो रहा है इससे यह खतरा और भी बढ़ जाता है .दूसरा यह तथ्य कि कट्टरपंथी इस्लाम के नाम पर हत्यायें करने वाले मनोवैज्ञानिक दृष्टि से पूरी तरह स्वस्थ होते हैं , पढ़े लिखे होते हैं..आर्थिक उपलब्धियाँ प्राप्त करते हैं, खेल –कूद से जुड़ी गतिविधियों में सफलता अर्जित करते हैं और सामाजिक सम्मान भी प्राप्त करते हैं. ऐसे लोगों का आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ना इस बात को इंगित करता है कि इस्लामी आतंकवाद के मूल कारण को व्यक्तिगत गरीबी और हताशा में सीमित नहीं किया जा सकता . इस्लामी आतंकवाद के प्रति चिंतन की इस प्रवृति के विरुद्ध लड़ना होगा .
तीसरा जिस प्रकार आतंकवादी अपने मकसद को छिपाने में सफल रहते हैं उससे उनकी पहचान नहीं हो पाती और व्यापक मुस्लिम समुदाय संदेह के घेरे में आ जाता है .इससे मुस्लिम समुदाय का दायित्व बढ़ जाता है कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि अपने बीच उपस्थित संभावित आतंकवादियों को पहचान सकें .
28 फरवरी 2005 को तथाकथित चलते फिरते देवदूत शाज़िद बदात को 2001 में रिचर्ड रीड के साथ अमेरिकी विमान को उड़ाने के षड्यंत्र का दोषी पाया गया. इस दोष के आधार पर उसे आजीवन कारावास का दंड मिला .