न्यूजर्सी शहर में रहने वाले कॉप्ट आर्मेनियस परिवार (पति पत्नी और दो पुत्रियां ) के मध्य जनवरी में हुए नरसंहार पर नजर रखने वाला कोई भी व्यक्ति संदिग्ध आरोपियों के बारे में अनुमान लगा सकता है . निश्चय ही ये इस्लामवादी हैं जो मिस्र के अप्रवासी ईसाई पर नाराज़ थे क्योंकि उन्होंने इंटरनेट पर इस्लाम के विरुद्ध बहस करने की जुर्रत की और मुसलामानों को ईसाइयत में मतांतरित करने का प्रयास किया .
अधिकारियों ने तमाम् परिस्थिति जन्य साक्ष्यों की ओर से आंखें मूंदते हुए इस बात पर जोर दिया कि ऐसा कोई भी तथ्य नहीं है जो हत्या के पीछे धार्मिक आशय को सिद्ध करता हो. जैसे भी हो सरकारी वकील शायद यह भूल गए कि इस शांति प्रिय परिवार को इस्लामवादी तरीके से मारा गया ( चाकू से कई बार फिर सर कलम करना ) तथा जर्सी शहर का इस्लामवादी सक्रियता और जेहादी हिंसा का अपना इतिहास रहा है .www. palktalk.com वेबसाईट पर होसाम आर्मेनियस को धमकी दी गई थी कि उन्हें चिकन की तरह हलाल कर मार डाला जाएगा . कानून प्रवर्तन संस्थायें अपराधियों को खोजने से ज्यादा मुस्लिम विरोधी प्रतिक्रिया को रोकने के प्रति चिंतित हैं. अवहेलना का यह व्यवहार एक सामान्य परिपाटी की ओर संकेत करता है . इससे पूर्व मैंने इसी प्रकार इस्लामवादी आतंकवाद की अवहेलना से संबंधित दस्तावेज़ एकत्र किया था .
1994 में न्यूयार्क शहर के ब्रुकलिन ब्रिज की आतंकवाद की घटना को एफ.बी.आई ने सड़क हिंसा का नाम दिया .1997 में एम्पायर स्टेट बिल्डिंग गोलीबारी को रुडोल्फ गिवलियानी ने कहा कि घटना करने वाले के दिमाग में अनेक शत्रु थे .जुलाई 2002 के लैक्स हत्याकांड को कार्यक्षेत्र का विवाद बताया गया तथा अक्टूबर 2002 में वेल्टवे स्निपर हिंसा की व्याख्या न हो सकी और इसे अटकलें लगाने के लिए पत्रकारों के लिए छोड़ दिया गया.
इस परिपाटी के कई और उदाहरण हैं .
- 1990 में इस्लामवादी एल .सईद नोसेर द्वारा रब्बी मीर कहाने की हत्या को पुलिस ने नशीली दवाओं का प्रभाव या निराशा के दौरे का परिणाम बताया.
- 1999 मे सहायक पायलट सहित 217 लोगों की मौत करने वाले मिस्र एयर 990 की हवाई दुर्घटना के बारे में नेशनल ट्रांसपोर्टेशन् सेफ्टी बोर्ड ने कोई व्याख्या नहीं की जबकि हवाई जहाज को दुर्घटनाग्रस्त करने वाले ने 11 बार दोहराया कि मैं ईश्वर पर निर्भर हूं.
- 2002 में तंपा हाई में बिनलादेन से सहानुभूति रखने वाले चार्ल्स विशारा विशप द्वारा जानबूझकर हवाई जहाज को दुर्घटना ग्रस्त करने की घटना की व्याख्या नहीं हुई और इसे भी नशीली दवाओं के सेवन का परिणाम बताया गया .
- 2003 में जल्दी ही इस्लामवादी बने पूर्व सउदी मित्र द्वारा ह्यूस्टन में इजरायली मित्र की हत्या और लगभग सिर कलम कर देने की घटना में पुलिस को धर्म से जुड़ा कोई तथ्य नहीं दिखा.
अमेरिकी अधिकारियों की यह एक अद्भुत् समस्या नहीं है .
- 1993 में अल्लाहो अकबर चिल्लाते हुए कैरो के सेमीरामिश होटल में रात का भोजन कर रहे पांच अतिथियों की हत्या करने वाले इस्लामवादी को मिस्र की सरकार ने मानसिक विक्षिप्त बताया .
- 2000 में उत्तरी अफ्रीका के एक व्यक्ति द्वारा पेरिस में यहूदी स्कूली बच्चों को ले जा रही बस पर हथौड़े से यह कहते हुए हमला कि तुम तेल – अबीब में नहीं हो पुलिस ने ट्रैफिक दुर्घटना बताया.
- 2003 में पेरिस के बाहरी जिले में यहूदी सेकेन्ड्री स्कूल मर्केज हातोराह में लगी आग को फ्रांस के आंतरिक मंत्री ने आपराधिक भूल की घटना बताया .
- 2004 में बेल्जियम में मुस्लिम क्षेत्र की अंतवर्प सड़क पर जा रहे हशीदीग यहूदी की हत्या पर बेल्जियम के अधिकारियों ने कहा कि इसमें नस्लवाद शामिल नहीं है .
यहां मैंने 13 मामलों का उल्लेख किया है आखिर अधिकारियों द्वारा इस्लामवादी आतंकवादियों के कृत्यों की अवहेलना क्यों की जा रही है . 2002 में टोरंटो के कोशेर पिजेरिया में एक हशीदिक यहूदी की हत्या को पुलिस ने घृणा का अपराध मानने से मना कर दिया क्योंकि आतंकवाद की बात मानने का परिणाम नशाखोरी , सड़क दुर्घटना , अलग-थलग पड़े तत्वों की कुंठा या व्यावसायिक विवाद से अधिक होने वाला है . इन मामलों की उपेक्षा तो की जा सकती है लेकिन इस्लामी आतंकवाद के मामले में जेहादी आशय का विश्लेषण करना पड़ेगा और मुसलमानों पर ध्यान देना पड़ेगा जो अधिकारी नहीं करना चाहते . इस लिए पुलिस , सरकारी वकील और राजनेता सच्चाई से भागते फिरते हैं और गलत निष्कर्ष निकालते हैं . शुतुरमुर्ग सरीखे व्यवहार की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी जो शत्रु को पहचान नहीं पाएगा वह उसे पराजित कैसे करेगा .आतंकवाद पर बहाना बनाना इसे फिर से घटित होने की गारंटी देने जैसा है .