अमेरिका के बहुत से लोगों के विपरीत 11 सितंबर 2001 के हमलों ने मुझे अधिक सुरक्षित बना दिया है .अंत में देश ने उन मुद्दों की ओर ध्यान दिया जिन्होंने लंबे अरसे से मुझे चिंतित कर रखा था.
2001 के अंत में मैंने लिखा था “ एफ.बी.आई अपने इतिहास के सबसे बड़े ऑपरेशन में लगी है . ” फिर सेना के जवान अमेरिका के एयर क्राफ्ट से उड़ते दिखेंगे , आप्रवासी सेवाओं ने विदेशी विद्यार्थियों के ऊपर बारीक नजर रखनी शुरु कर दी है . मैं उस समय सुरक्षित अनुभव कर हा हूं, जब इस्लामवादी संगठनों की पोल कुल रही है. धन के प्रवाह पर रोक लगाई जा रही है तथा आप्रवासी विनियामकों का पुनर्परीक्षण हो रहा है . इराक और अफगानिस्तान के निकट अमेरिका की सेनाओं का जमवड़ा मुझे प्रसन्न करता है . यह नई सजगता काफी स्वस्थ है , एक जुटता की यह भावना सुखद है और यह संकल्प उत्साहवर्धक है . लेकिन मैंने पीड़ा व्यक्त की थी कि यदि यह समाप्त हो जायेगा “ क्या वास्तव में अमेरिका के लोग अपनी स्वतंत्रता का परित्याग करने को तैयार हैं या फिर कट्टरपंथी इस्लाम के विरुद्ध युद्ध में लोगों को सजा दिलाने को प्रतिबद्ध हैं .मुझे अमेरिका की निरंतरता और उसके उद्देश्य को लेकर चिंता है ”
मेरी चिंता जायज थी क्योंकि 2001 के अंत का संकल्प , सजगता , एकजुटता बाद में समाप्त हो गई तथा हम पुन: 11 सितंबर से पूर्व की मानसिकता पर लौट आए . अमेरिका के भीतर हाल की कुछ घटनाओं ने मुझे निराशावादी बना दिया है .
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11 सितंबर के पश्चात एक महत्वपूर्ण यू.एस.ए पैट्रीयाट एक्ट के अंतर्गत सेना और कानून प्रवर्तक संस्थाओं के बीच सहयोग की व्यवस्था थी . यह कानून अक्टूबर 2001 में सीनेट में एक के मुकाबले 98 के बहुमत से पास हुआ था . पिछले सप्ताह सीनेट में इस बिल को लेकर गतिरोध आ गया .
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मुख्य धारा का प्रेस इस्लामवादी आकांक्षाओं को गंभीरता से नहीं लेता तथा आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध को समाप्त समझता है . न्यूयार्क टाईम्स में मॉरिन दाउद की एक टिप्पणी आई कि बुश प्रशासन अल-कायदा के नए इस्लामी खिलाफत की बात करके लोगों को डराना चाहता है .
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हार्वर्ड और जार्जटाउन विश्वविद्यालयों ने सउदी राजकुमार अल – वलीद बिन तलाल से 20 मिलियन डॉलर की सहायता इस्लामी शिक्षा के लिए प्राप्त की .सउदी प्रशासन वहावी विचारधारा को प्रेरित करता है .
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फ्लोरिडा जूरी ने फिलीस्तीनी इस्लामिक जेहाद में शामी अल एरियान की मुख्य भूमिका संबंधी साक्ष्यों को नजर अंदाज कर उसे छोड़ दिया .
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एक प्रमुख इस्लामवादी संगठन काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेश्न्स ने वेल्सफारगो बैंक से मान्यता , राज्य सचिव कौंन्डोलेजा राइस से निमंत्रण तथा राष्ट्रपति के भाई जेब बुश से बधाई प्राप्त करने के दावे किए. मुस्लिम पब्लिक अफेयर्स काउंसिल ने पिछले सप्ताह डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस एंड स्टेट के प्रतिनिधियों की मेजबानी की.
इसके बाद अमेरिका की विदेशनीति –
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इराक जहां कोई खतरा विद्यमान नहीं है उसे दुरुस्त करने पर ध्यान देकर बुश प्रशासन इरानी शासन को परमाणु अस्त्र बनाने की अनुमति दे रहा है केवल इतनी व्यवस्था कर दी गई है कि यूरेनियम कि वृद्धि रुस में होगी . यह अप्रभावी सुरक्षा है .
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लोकतंत्र के अपने अभियान की तार्किक परिणति में वाशिंगटन लेबनान के इस्लामवादियों के साथ समझौता कर रहा है , साथ ही फिलीस्तीनी अथॉरिटी , मिस्र में भी ऐसे संकेत दे रहा है कि वहां कट्टरपंथी इस्लाम की सत्ता को सशक्त कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ झटके
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कुलीन जनमानस ने फ्रांस के इंतिफादा को फ्रांस के समाज में एक कमी के रुप में चित्रित किया जैसे बेरोजगारी और भेदभाव. जब एक प्रमुख बुद्धिजीवी एलेन फिंकिल क्रॉट ने इस्लाम को चर्चा में लाने का प्रयास किया तो उनकी बुरी तरह आलोचना हुई और उनपर मुकदमा चलाने की धमकी दी गई जिससे वे पीछे हट गए .
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ब्रिटेन के यातायात में हुए बम कांड ने घर में उत्पन्न हुए इस्लाम के खतरे की ओर संकेत किया था लेकिन 5 महीने बाद इस क्रूरता से ली गई सीख भुला दी गई है .उदाहरण के लिए ब्लेयर सरकार ने तारीक रमादान जैसे इस्लामवादी को एक प्रतिष्ठित कार्य बल में नियुक्त कर दिया है जिसके अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध है . इसने अस्थायी तौर पर कट्टरपंथी मस्जिदों को बंद करने के प्रस्ताव को भी रद्द कर दिया है .
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इजरायल की पराजित मानसिकता की सरकार के नेतृत्व में इजरायल की जनसंख्या वामपंथ की ओर मुड़ रही है ( उप-प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने घोषणा की कि हम लड़ाई से थक चुके हैं , हम साहसी बनते बनते थक चुके हैं , हम जीतते जीतते थक चुके हैं , हम अपने शत्रुओं को पराजित करते करते थक चुके हैं .) इसने ओस्लो से मिली सीख को भुला दिया है कि जितना अधिक शत्रु को संतुष्ट किया जायेगा उतना अधिक अपने विरुद्ध हिंसा को आमंत्रित किया जाएगा .
रुडोल्फ गिलीयानी ने चिंता प्रकट की है कि हम आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध में पिछड़ रहे हैं. एन्ड्रयू मैककार्थी ने निष्कर्ष निकाला है कि 10 सितंबर की भावना जीवित है. स्टीवन इमर्सन ने मुझे बताया कि 11 सितंबर से पहले की राजनीतिक स्थिति ने स्वयं को प्रभावी बना लिया है .
मुझे इस बात की चिंता है कि कोई भी आकस्मिक आतंकवादी घटना भी असंवेदनशील पश्चिम को 11 सितंबर के पश्चात् की सजगता , एकजुटता और संकल्प पर नहीं पहुंचा सकेगी .
जॉन केरी की आतंकवाद की धारणा कि यह वेश्यावृत्ति और जुआ के समान एक बुराई है ने प्रभाव बना लिया है . उन्होंने सुझाव दिया है कि भविष्य की आतंकवादी घटनाओं की अवहेलना कर देनी चाहिए .
यदि एक नरसंहार लोगों की आंखें खोलता भी है तो अगले चरण की सजगता तो पहले से भी अधिक अल्पकालिक होगी . लोग मानते हैं कि यदि कोई संकट था तो वह टल चुका है . जीवन अच्छा है , खतरा दूर है , सुरक्षा पर्याप्त दिख रही है ..चुपचाप सो जाओ...