[नोट-यह लेख यू.एस.ए.टुडे के उस सम्पादकीय का उतर है जिसमें Ballot box gains for Hamas pose dilemma for U.S., allies के अन्तर्गत
इस बात के पक्ष में तर्क दिये गये थे कि हमास को केवल दिखाने भर के लिये नहीं वरन् वास्तविक ढंग से अपनी छवि सुधारनी चाहिये. फिलीस्तीनी चुनाव के सम्बन्ध में पूरक वाद-विवाद के लिये वेबलाग Thoughts on Hamas' Ascendence देखें. ]
इस्लामवादी आतंकवादी संगठन गुट हमास द्वारा अचानक चुनाव में भाग लेकर फिलीस्तीनी अथारिटी में शामिल होने या इसे संचालित करने की सम्भावना के बाद विश्व भर की सरकारों को इस पर अपनी प्रतिक्रिया के सम्बन्ध में निश्चय करना चाहिये.
बहुत से कोनों से ऐसी आवाजें आ रही हैं कि हमास को मान्यता दे देनी चाहिये.उनका तर्क है कि प्रशासन की जिम्मेदारियों से यह काबू में आ जायेगा और हत्या के अपने व्यवसाय को छोङकर एक जिम्मेदार नागरिक बन जायेगा.(हालांकि अब तक यह 600 इजरायली नागरिकों की हत्या कर चुका है.).यहां तक कि राष्ट्रपति बुश ने 2005 के आरम्भ में यही तर्क दिया था “ जब आप कोई कार्यालय चलाते हैं तो उसका सकारात्मक प्रभाव होता है.हो सकता है कुछ लोग कार्यालय का संचालन करें और कहें ,मुझे वोट दीजिये क्योंकि मैं अमेरिका को उङाने के बारे में सोच रहा हूं. मुझे ऐसा नहीं लगता .मुझे लगता है कि कार्यालय का संचालन करने वाले आमतौर पर कहते हैं मुझे वोट दीजिये, मैं सङकों के गड्ढे पाटने की सोच रहा हूं और सुनिश्चित कर रहा हूं कि आपकी मेज पर रोटी हो. ”
ऐतिहासिक आंकङे लोकतन्त्र की इस सङक बनाने की धारणा का खंडन करते हैं. मुसोलिनी ने रेलें बनवाईं, हिटलर ने आटो वाहन बनवाये,स्टालिन ने बर्फ हटवाई और कास्त्रो ने शिशु म्रत्यु दर कम की परन्तु इनमें से किसी भी अधिनयकवादी ने अपनी महत्वाकांक्षा और विचारधारा को नहीं छोङा. इसी प्रकार अफगानिस्तान,ईरान और सूडान में भी इस्लामवादी बिना काबू में आये प्रशासन चलाते रहे .यदि और साक्ष्य चाहिये तो ईरान द्वारा व्यापक विरोध के बाद भी परमाणु अस्त्र बनाने के प्रयास का उदाहरण देखो.
हमास ने पश्चिम में अपनी छवि सुधारने के लिये मीडिया प्रबन्धकों की सेवा ली परन्तु इसके नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका परिवर्तन का कोई इरादा नहीं है. हमास के संस्थापक महमूद जहर ने इस प्रश्न के उत्तर में कि क्या बुश का यह सोचना सही है कि हमास के साथ अमेरिका के सम्पर्क से यह आतंकवादी संगठन नरम पङ जायेगा,उन्होंने हंसकर कहा कि यह रणनीति सफल नहीं होगी .हाल के दिनों में जहर ने सार्वजनिक रुप से इस बात को दुहराया है कि हमास का उद्देश्य अब भी इजरायल को नष्ट करना ही है.
सौभाग्य से अमेरिका की नीति अब भी द्ढ है “ हमने हमास के साथ कोई कार्य व्यापार आरम्भ नहीं किया है और हमास के जो सदस्य चुनकर आयेंगे उनके साथ भी हम ऐसा ही करेंगे.” इजरायल में अमेरिका दूतावास के प्रवक्ता स्टीवर्ट टुटल ने ऐसी घोषणा की.
आदर्श रूप में यह अच्छी शुरूआत है कि उस फिलीस्तीनी अथारिटी के साथ कोई कार्य व्यापार नहीं होगा जिसमें हमास के लोग होंगे.हमास को चुनाव लङने की स्वीक्रति देना एक भूल थी .अल कायदा की भांति हमास को ध्वस्त किया जाना चाहिये न कि उसे शरण या मान्यता दी जानी चाहिये.