मेरी भविष्यवाणी है कि गैर-पश्चिमी लोगों का अवैध आप्रवास पश्चिमी देशों के लिये सर्वाधिक ग्राह्य विषय बन जायेगा.
जैसे-जैसे पश्चिम में जन्म दर गिर रही है, सम्प्रेषण और यातायात के साधन सुधर रहे हैं और कट्टरपंथी इस्लाम आक्रामक गति से अपना सिर उठा रहा है वैसे-वैसे यूरोप और अमेरिका के लोग अपने आर्थिक स्तर और अपनी सांस्कृतिक निरन्तरता को लेकर चिन्तित हो रहे हैं. दशकों तक इस मुद्दे की उपेक्षा करने के उपरान्त अन्तत: यूरोप में प्रतिक्रिया तीव्र हुई है.
- फ्रांस में संसद के निचले सदन ने कठोर आप्रवासी कानून पारित किया है.
- आस्ट्रिया के आन्तरिक मन्त्री लिसे प्रोकोप ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनके देश के 45 प्रतिशत मुस्लिम आप्रवासी आत्मसात नहीं हो सके हैं और उन्हें कठोर चेतावनी दी है कि वे अपने रहने के लिये कोई दूसरा देश ढूँढ लें.
- हालैण्ड की आप्रवासी मन्त्री रीटा वरडोन्क ने मुस्लिम मूल की इस्लाम की विख्यात आलोचिका अयान हिरसी अली की नागरिकता वापस ले ली.
परन्तु पश्चिम के लिये आप्रवास का सबसे नाटकीय, चिन्तनीय और खतनाक परिणामों वाला घटनाक्रम तो अफ्रीका के सुदूर पश्चिमी तट पर घटित हो रहा है. यह क्षेत्र सम्भावित आप्रवासियों के लिये प्रमुख लचीला रास्ता बनता जा रहा है जहाँ से वे स्पेन और फिर पूरे यूरोप में प्रवेश कर सकते हैं.
पश्चिमी अफ्रीका की यह भूमिका नई है. 2005 के अन्त तक आप्रवासियों का गुरूत्व खण्ड-खण्ड में मोरक्को पर था जो जिब्राल्टर के जलडमरू से विभाजित होता हुआ यूरोप से आठ मील की दूरी पर स्थित है. यहाँ से वे स्पेन के सिउटा और मेलिला क्षेत्रों में गोपनीय ढंग से प्रवेश कर सकते हैं. इससे भी बुरा यह है कि पश्चिमी अफ्रीका के तट से 70 मील की दूरी पर स्पेन राज्य क्षेत्र कैनरी द्वीप पर पहुँच सकते हैं. ये सभी क्षेत्र समान रूप से समस्त यूरोप में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करते हैं.
परन्तु बहुत समय नहीं हुआ जब स्पेन और यूरोपीयन संघ के भारी दबाव के चलते मोरक्को के अधिकारियों ने इन अवैध आप्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुये बिना किसी प्रावधान के उन्हें रेत में मरने को छोड़ दिया. यही कुछ मोरक्को के दक्षिण में स्थित इसके राज्य क्षेत्र पश्चिमी सहारा में भी हुआ. इसी बीच यूरोप के सामुद्रिक सीमा सुरक्षा बल ने भूमध्य सागर में अपनी गश्त कुशलतापूर्वक तेज कर दी.
इससे मोरक्को शासित विश्व का सबसे गरीब और अलग-थलग पड़ा उसका दक्षिणी क्षेत्र मावरीटैनिया एक नया पसंदीदा आप्रवासी संक्रमण बिन्दु बन गया है. अफ्रीकी तथा अन्य विशेष रूप से दक्षिण एशियाई सम्भावित आप्रवासी बड़ी संख्या में आने लगे. 2006 के आरम्भ में 90,000 की जनसंख्या वाले नुआडिबू ने इस प्रकार के 10,000 प्रवेशार्थियों की कुछ समय के लिये मेजबानी की. स्पेन के दबाव में मावरीटैनिया ने भी इन पर सख्ती की.
संसाधन सम्पन्न इन आप्रवासियों ने सुदूर दक्षिण सेनेगल को अब अपना नया क्षेत्र बनाया है. कैनरी द्वीप से मोरक्को के लिये एक दिन से भी कम समय लगता है परन्तु मावरीटैनिया से तीन दिन और सेनेगल से 10 दिन लगता है. पश्चिमी अफ्रीका के समुद्र में मछली मारने वाली लकड़ी की नौका एक इंजन के साथ 900 मील की यात्रा तय कर सकती है.
स्पेन के राजदूत मानुएल पोम्बो ने मानवता के आधार पर सूचित किया कि कैनरी के रास्ते प्रवेश करने वालों में 40 प्रतिशत रास्ते में ही मर गये. मावरीटैनिया में रेड क्रीसेन्ट के प्रमुख अहमेदू वोवल्द हाये ने इसे एकत्रित आत्महत्या की संज्ञा दी. एक और पर्यवेक्षक ने दुखद भविष्यवाणी की कि तीन महीने या उससे अधिक समय के उपरान्त ये बेचारी नौका यात्रायें कैरीबियन क्षेत्रों में प्रेतों की नौका बन जायेंगीं.
इन क्रूर बाधाओं के बाद भी आप्रवासियों का प्रवाह बढ़ता ही जा रहा है. इसका बड़ा कारण यह है कि वे एक बार स्पेन राज्य क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं तो उन्हें आत्मसात् कर लिया जाता है और आज तक कुछ बिरले अवैध आप्रवासी ही वापस भेजे गये होंगे.(कैनरी,गेरार्डो और गर्सिया की आपातकालीन सेवाओं के प्रमुखों ने स्पेन की धरती पर इनके आने की तुलना छुट्टियाँ मनाने जाने से की है). 18 मई को कैनरी द्वीप पर 656 लोगों ने कदम रखा जो 2005 में आने वाले कुल लोगों का सातवाँ भाग था. Agence France Presse की रिपोर्ट के अनुसार कैनरी में एक स्वयंसेवक ने पछताते हुये इसे लगभग आक्रमण करार दिया.
आप्रवासियों को वापस भेजने के समझौते के द्वारा आप्रवास की लहर को शान्त करने के उद्देश्य से स्पेन के प्रतिनिधिमण्डल ने इसके बदले पश्चिमी अफ्रीकी देशों को आर्थिक सहायता की पेशकश की है. परन्तु अफ्रीकी सरकारों ने इसका प्रतिरोध किया है. यूरोप द्वारा आर्थिक सहायता की तो प्रशंसा की है परन्तु बड़े पैमाने पर निकाले जाने के खराब प्रचार को भी नापसन्द किया है. परन्तु ये तात्कालिक उपचार तनाव का समाधान नहीं कर सकते क्योंकि अभावग्रस्त लोग सम्पन्न लोगों के दल को नष्ट करना चाहते हैं.
मैड्रिड के रॉयल इलकानो इन्स्टीट्यूट के रिकार्ड सान्डेल ने भविष्यवाणी की है कि जारी आप्रवास सामूहिक अफ्रीकी पलायन है और सशस्त्र संघर्ष का संकेत हो सकता है. आज जो कुछ देखा जा रहा है वह आप्रवास के एक रूझान का आरम्भ हो सकता है जो इतिहास के सबसे बड़े आप्रवास के रूप में विकसित हो सकता है. स्पेन की अफ्रीकी सीमा पर यह सामूहिक आक्रमण इस बात की पहली चेतावनी है कि भविष्य में क्या अपेक्षा की जा सकती है.