क्या न्यूयार्क पुलिस विभाग सम्भावित आतंकवादियों की रूपरेखा तैयार करता है. इसका अर्थ होता है, किसी ऐसी नस्ल या राष्ट्रीयता वालों को रोकना, गिरफ्तार करना, उनकी तलाशी लेना और उनकी जाँच करना जिनकी नस्ल या राष्ट्रीयता से उनके इस अपराध में लिप्त होने की सम्भावितता होती है.
प्रत्येक पश्चिमी कानून प्रवर्तन एजेन्सियों की भाँति न्यूयार्क पुलिस ने भी ऐसी किसी रूपरेखा का जोरदार खण्डन किया है. इसके प्रवक्ता पॉल ब्राउन ने अगस्त में घोषणा की कि “ नस्ली रूपरेखा अवैध है जिसकी प्रभावितता संदिग्ध है और यह विभाग की योजना के विरूद्ध है”. परन्तु यह रूपरेखा तैयार करती है.
इस बात की पुष्टि के लिये 23 वर्षीय पाकिस्तानी आप्रवासी शहावर मतीन शिराज के परीक्षण में न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों को देखा जा सकता है जिसे 24 मई को न्यूयार्क शहर के हेराल्ड चौराहे के भूमिगत पथ को उड़ाने का षड़यन्त्र रचने का दोषी पाया गया है.
न्यूयार्क पुलिस विभाग को अमेरिका के प्रति उसकी घृणा और हिंसा के प्रति लगाव के सम्बन्ध में जानकारी इसलिये थी क्योंकि पुलिस ने सघन रूप से मस्जिदों पर निगरानी रखी थी.
सिराज मामले के प्रमुख गवाह और पुलिस के पारिश्रमिक प्रदत्त मुखबिर 50 वर्षीय मिस्र के आप्रवासी ओसामा एल्डावूडी ने जिरह के दौरान बताया कि उसने ब्रूकलिन और स्टेटन आईलैण्ड की मस्जिदों में किस प्रकार अपनी जड़ें जमाईं तथा 2003-4 के मध्य 13 महीनों में 575 बार इन मस्जिदों का दौरा किया. उसने अपने बयान में कहा कि उसे निर्देश था कि वह किसी भी कट्टरपंथी गतिविधि के सम्बन्ध में अपने आँख कान खुले रखे. उसका संचालन करने वाले जासूस स्टीफन एण्ड्रयूज ने शपथ लेकर सुनिश्चित किया कि एल्डावूडी से अपेक्षा थी कि वह जो कुछ हो रहा है उस पर नजर रखे और अपने आँख कान खुले रखे.
एल्डाडूवी ने तार पहना और धार्मिक कार्य में भाग लेने वाले व्यक्तियों, धार्मिक कार्य की अवधि , इमामों के नाम, इमामों की घर खरीदने की खोज तथा मस्जिद में प्रार्थना करने आने वालों की कारों के लाइसेन्स प्लेट के नम्बर जैसी सूचनाओं को एकत्र किया(यद्यपि एण्ड्रयूज ने गवाही दी कि उसने एल्डावूडी से इन नम्बरों को एकत्र करने से मना कर दिया क्योंकि इन्हें वह डाटाबेस से भी निकाल सकता है).
इसी प्रकार न्यूयार्क पुलिस विभाग द्वारा कामिल पाशा नामक छद्म नामधारी बांग्लादेशी मूल के जासूस ने सिराज मामले में गवाही दी कि वह बेरिज, ब्रूकलिन जैसे क्षेत्रों के मुसलमानों के मध्य गतिविधियों की जानकारी के लिये कैमरे सहित गया.
महत्वपूर्ण यह है कि न्यूयार्क पुलिस विभाग ने चर्च, गिरिजाघर या हिन्दुओं, बौद्धों, जैनों, शिन्टो या पैगन धर्मस्थलों पर नजर रखने का ऐसा प्रबन्ध नहीं किया है.
इस मामले में रूपरेखा ने काफी महत्वपूर्ण कार्य किया. कामिल पाशा ने सिराज से 7 बार समपर्क साधा. इसके परिणाम के सम्बन्ध में न्यूयार्क सन् मे जोसेफ गोल्डस्टीन ने लिखा है कि इससे पहले कि पुलिस को षड़यन्त्र का पता चला इससे पहले ही सिराज के राजनीतिक दृष्टिकोण और भड़काऊ वक्तव्य की जानकारी पुलिस ने एकत्र कर ली. इन बयानों के अनुसार अन्तरिक्ष कोलम्बिया अभियान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसे सन्तोष हुआ था और उसने ओसामा बिन लादेन का भी समर्थन किया था.
इस सूचना के बाहर आने के बाद भी न्यूयार्क पुलिस विभाग के प्रवक्ता ब्राउन ने दावा किया कि उनका विभाग रूपरेखा में संलग्न नहीं है.
जब कानून प्रवर्तन संस्थायें रूपरेखा के सम्बन्ध में बार-बार झूठ बोलती हैं तो जनता का विश्वास कम होता है. निश्चित रूप से रूपरेखा की प्रक्रिया उपयोगी है इसलिये उपाय यही है कि कानून पारित कर पुलिस को ऐसा खुलकर कानूनी रूप से करने दिया जाये.
सिराज के दोषसिद्ध होने होने के दिन ब्रुकलिन से डेमोक्रट विधायक डोव हिकिण्ड ने न्यूयार्क राज्य विधानसभा में ऐसे कानून का प्रस्ताव किया. A11536 बिल के अनुसार कानून प्रवर्तन संस्थाओं को इस बात के लिये अधिकृत किया जायेगा कि किसी व्यक्ति को आरम्भिक दौर में रोककर,जवाब-तलब कर या जाँचकर उसकी पहचान करने में अनेक तत्वों के अलावा नस्ल या राष्ट्रीयता को भी एक तत्व स्वीकार करें.
चतुर राजनीतिक कसरत में हिकिण्ड ने कालेज में प्रवेश के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम के मद्देनजर एक प्रमुख मामले ग्रटर बनाम बोलिंगर में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया है जिसमें सरकार को दो स्थितियों में नस्ल और राष्ट्रीयता के आधार पर निर्णय लेने की स्वतन्त्रता दी गयी है. एक तो अपरिहार्य सरकारी हित और दूसरा निर्णय तक पहुँचने के लिये यही अन्तिम पैमाना नहीं होना चाहिये.
हिकिण्ड का तर्क है कि आतंकवादी आक्रमण को रोकना शिक्षा से अधिक अपरिहार्य सरकारी हित है. इसलिये हिकिण्ड के मतानुसार आतंकवादियों की रूपरेखा में नस्ल और राष्ट्रीयता के तत्व को स्वीकार किया जाना चाहिये. पूर्व न्यूयार्क पुलिस आयुक्त हावर्ड साफिर, स्तम्भकार क्लारेन्स पेज और अमेरिकन अरब एन्टी डिसक्रिमेशन कमीशन सभी हिकिण्ड की बात से सहमत हैं.
एक चेतावनी के साथ मैं भी इस बात से सहमत हूँ- तत्काल निर्णय तक पहुँचने में नस्ली और राष्ट्रीयता जैसे बाहरी तत्वों का समावेश तो सामान्य विवेक का प्रश्न है परन्तु अन्तिम लक्ष्य तो व्यक्ति का वैश्विक दृष्टिकोण जानना है. जैसा कि मैंने 2004 मे कहा था “ इस्लामवाद इस्लामी आतंकवाद को प्ररित करता है न कि अरबी बोलने वाले लोग”
फिर भी हिकिण्ड का बिल रूपरेखा की मान्यता को स्थापित कर लोक सेवा कर रहा है इसे शीघ्रता से पारित होना चाहिये.