25 जून 2005 को ईरान का राष्ट्रपति बनने के तत्काल बाद कुछ चित्रों में महमूद अहमदीनेजाद को बन्धक बनाने वाले के रूप में दिखाया गया. एसोसिएटेड प्रेस के एक चित्र में एक व्यक्ति को दिखाया गया जो अहमदीनेजाद का युवा संस्करण सा था और इसे 4 नवम्बर 1979 को तेहरान में अमेरिकी दूतावास को बन्धक बनाने के पाँच दिन बाद आँख पर पट्टी बाँधे एक व्यक्ति के साथ दिखाया गया था.
अमेरिका के पाँच पूर्व बन्धकों ने पुष्ट किया कि बन्धक बनाने वालों में एक अहमदीनेजाद भी था. एक पूर्व खुफिया अधिकारी विलियम जे. डावर्टी ने बताया कि अपने आरम्भिक बन्धक दिनों में उसने अहमदीनेजाद को 8 से 10 बार देखा था. “मैं उसे तत्काल पहचान सकता हूँ. मुझे अमेरिकावासियों के प्रति उसकी घृणा याद आती है. यह उसके रोम-रोम में समाई थी.”
बी.बी.सी संवाददाता जान सिम्पसन याद करते हैं कि उन्होंने अहमदीनेजाद को दूतावास के भूमितल पर देखा था. काफी समय तक देश से निर्वासित रहे ईरान के पूर्व राष्ट्रपति अबोलहसन बानी सदर ने इस बात पर जोर दिया कि अहमदीनेजाद निर्णय लेने वाले लोगों में नहीं था परन्तु दूतावास के भीतर रहे लोगों में से वह भी एक था.
परन्तु अहमदीनेजाद के कार्यालय ने इन आरोपों का खण्डन किया है तथा अन्य बन्धक बनाने वाले मोहसिन मीरदामादी, हमीद रजा, अब्बास अब्दी, मोहम्मद रजा खातमी और सईद हज्जारियान जलाईपर ने खण्डन का समर्थन किया है. एक पूर्व अमेरिकी बन्धक ने अहमदीनेजाद के अपहरणकर्ता होने से इन्कार किया है. शाह के समय के तेहरान समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक अमीर ताहेरी ने निष्कर्ष निकाला है कि यह लगभग निश्चित है कि अहमदीनेजाद अमेरिकी दूतावास के इस प्रकरण में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं था.
तो क्या यह मुद्दा बिना किसी निष्कर्ष पर पहुँचे समाप्त हो जायेगा. विश्वविद्यालयों और धार्मिक संस्थानों के मध्य समन्वय स्थापित करने वाले प्रमुख छात्र गुट की केन्द्रीय समिति का अहमदीनेजाद प्रमुख सदस्य था और इस कारण बन्धक बनाने वाली दुखद घटना में उसकी स्पष्ट भूमिका थी.
कोमेरसान्ट द्वारा पुन: प्राप्त किये गये चित्र ने इस विषय को एक बार फिर से जीवित कर दिया है. इससे नये प्रमाण प्राप्त हुये हैं कि अहमदीनेजाद पीछे से सहयोग देने वाला राजनीतिक व्यक्ति नहीं वरन् स्वचालित बन्दूक की नोंक पर बन्धक बनाने वाला है. कोमेरसान्ट के चित्र में दिखाया गया व्यक्ति एसोसिएटेड प्रेस के चित्र से कुछ भिन्न है परन्तु यदि अहमदीनेजाद की पहचान बन्धक बनाने वाले के रूप में स्थापित हो गई तो इसके अमेरिका और ईरान के रिश्तों के इन नाजुक क्षणों में इसके दो परिणाम होंगे-
इससे 1979-81 के बीच दूतावास पर नियन्त्रण हो जाने का 40 वर्ष पुराना अमेरिकावासियों का अपमानजनक अनुभव फिर से ताजा हो जायेगा और इससे परमाणु हथियार बनाने वाली अहमदीनेजाद नीत सरकार के प्रति अमेरिका का रूख और कड़ा हो जायेगा. उसके आशय को लेकर उठने वाले प्रश्नों से अविश्वास का वातावरण और गहरा होगा.
दूसरा, यद्यपि अहमदीनेजाद एक सशक्त और बहुआयामी राजनेता हैं परन्तु उनके अनेक राजनीतिक विरोधी हैं जो इस नये साक्ष्य से उसे कट्टर, उतावला और देश पर शासन करने के अयोग्य सिद्ध करने का प्रयास आरम्भ करेंगे.
जून 2005 को सामने आये इस चित्र के प्रति उत्साहहीन प्रतिक्रिया के बाद मेरा मानना है कि इस चित्र के साथ कुछ छेड़छाड़ हो सकती है. अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति की मशीनरी के लिये इस असुखद इतिहास को पचा पाना असुविधाजनक होगा.