वैश्विक अकादमिक चाल का वामपंथ की ओर झुकाव मूलत: कक्षाओं के नमूनों, प्रेस में दिए गए मूर्खतापूर्ण वक्तव्यों . संक्षिप्त शीर्षकवाले लेखों और अपने अतिवादी प्रोफेसरों से असहमति रखने वाले छात्रों को दंडित करने के प्रयासों पर आधारित है .
परंतु पुस्तकें इन सबमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं , पुस्तकें विद्वतापूर्ण उद्यम के लिए ह्रदय का निर्माण करती हैं. लेख लुप्त हो जाते हैं, प्रेस विश्लेषण वाष्प की भांति उड़ जाते हैं और कक्षाओं में दिये गए व्याख्यान बुलबुले की भांति फूट जाते हैं परंतु पुस्तकें शाश्वत हैं . वे ज्ञान का निर्माण करती हैं और पीढ़ियों तक प्रभाव छोड़ने की क्षमता रखती हैं .
तो आज शीर्ष विद्वानों द्वारा किस प्रकार की पुस्तकें लिखी जाती हैं – एक नमूने के तौर पर मैंने 2004 के बसंत में अमेरिका के सर्वाधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय प्रकाशनों में से एक कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय प्रेस की पुस्तक सूची देखी . पुस्तक सूची एक महत्वपूर्ण कार्य था जो 116 पृष्ठ लंबा , आकर्षक रुप से सज्जित तथा चित्ताकर्षक आवरण के साथ पूरे रंग का बखान कर रहा था .
वैसे कैलिफोर्निया द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में काफी कुछ मनोनुकूल होता है . स्तनधारियों के विकास और मार्क ट्वेन के अंतिम वर्षों की अराजनैतिक खोज है परन्तु इस सूची में मुख्यरुप से स्थापित मान्यताओं के विरुद्ध समान वामपंथी तेवर तथा अलग-थलग पड़े आतंकवादियों का स्वरुप ही अधिक प्रकट होता है .
प्रथम श्रेणी में अमेरिकी सरकार पर अनेक आक्रमण किये गए हैं , यहां कुछ उद्धहरण हैं तथा पूरी पुस्तक सूची पर ये पाए जा सकते हैं – मार्क डो की पुस्तक American Gulag: Inside U.S. Immigration Prisons में अमेरिका के आप्रवासी अधिकारियों द्वारा अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में लिए पुरुषों , स्त्रियों और बच्चों की खतरनाक कथा सुनाई गई है . डेविड कनिंघम की पुस्तक There's Something Happening Here: The New Left, the Klan, and FBI Counterintelligence में 1960 में ब्यूरो द्वारा भयानक ढ़ंग से किये गये दमन का परीक्षण किया गया है . डेविड बेकन की पुस्तक The Children of NAFTA: Labor Wars on the U.S./Mexico Border गरीबी दमन और संघर्ष का सशक्त चित्रण करती है .
अन्य सरकार विरोधी पुस्तकों में 1979 के तीन मील द्वीप के परमाणु संकट का खुलासा किया गया है ( यहां थोड़ी मात्रा में ही बर्फ पिघली थी ) और प्रथम बुश प्रशासन के तथाकथित अमेरिकी मीडिया की संवैधानिक स्वतंत्रता पर हमले भी दर्शाया गया है .
व्यवसाय में भी यह दंड चलाया गया है और एक खुलासे का दावा करते हुए कहा गया है कि योजनाबद्ध ढंग से दवा उद्योग द्वारा अधिभार लगाने के कारण दवाओं के मूल्य अनावश्यक रुप से ऊंचाई पर हैं . कैथोलिक चर्च की आलोचना दो अध्ययनों में की गई है – एक रोमन क्युरिया का पतन कर और दूसरा जेसुइट और नाजी कला की तुलना करके . और इन दिनों में एक आत्मस्वाभिमानी प्रेस इस सत्र में पुरुष और स्त्री लिग की स्थापित धारणा को चुनौती देने वाली नारीवादी , समलैंगिक और परालिंगी आलोचनाओं की पुस्तक के बिना ही रहेगा .
इसके विपरीत सकारात्मक अध्ययन वामपंथियों और उग्रवादियों का उल्लास मनाते हैं
जेरेमी बारोन अपनी पुस्तक Bringing the War Home: The Weather Underground, the Red Army Faction, and Revolutionary Violence in the Sixties and Seventies हिंसक संगठनों की प्रेरणा और विचारधारा का युग की तीव्र भावना , नैतिक उद्देश्य , काल्पनिक इच्छा की गहराई , आक्रोश और निराशा की भावना तथा तात्कालिक सफलताओं से उत्पन्न प्रसन्नताओं के आधार पर पुन्रनिर्माण किया है .
टेमा कापलान ने अपनी पुस्तक Taking Back the Streets: Women, Youth, and Direct Democracy ने उनके सड़क पर चलने वाले आंदोलनों की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्होंने मानवाधिकार उल्लंघन के साक्ष्यों में भेदन किया , युवा आदर्शवादियों को शांत कराने के शासन के प्रयासों का प्रतिरोध किया और ऐसे विविधतापूर्ण सार्वजनिक जीवन का निर्माण किया जो कि लोकतंत्र और न्याय के लिए आज भी चलने वाले संघर्ष का महत्वपूर्ण अंग बना . कैलिफोर्निया पुस्तकों के एक बहुरंगी नमूने में वामपंथी संस्कृति से जुड़े कलाकारों को सम्मानित किया गया है जैसे एलेन गिन्सबर्ग , 1931 में न्यूयार्क के प्रिंट निर्माता और स्थापत्य संग्राहक आन्ट फार्म . एक और बहुरंगी नमूना वामपंथी राजनीति को भी महिमामंडित करता है जैसे अमेरिका के मजदूर संघ , अमेरिका में उपभोक्ताओं का एक विद्रोह और तिब्बत कम्यूनिस्ट पार्टी के संस्थापक .
कलीफोर्निया के बसन्त के 140 पुस्तकों के शीर्षकों पर व्यापक रूप से परिश्रम पूर्वक दृष्टि डालने के बाद भी मुझे एक भी परम्परावादी पुस्तक नहीं मिली. यही बात अन्य प्रमुख प्रकाशनों के सम्बन्ध में भी सत्य है, यदि उतनी लगातार नहीं है तो भी.
राजनीति के एक पक्ष को लेकर चलने वाला यह ज्ञान और केवल अपने दृष्टिकोण को प्रकाशित करना गम्भीर परिणामों वाला है. यह अकादमिक स्वतन्त्रता के साथ धोखा है और उस विचार के साथ भी धोखा है कि किसी एक विचार का सत्य पर एकाधिकार नहीं है वरन् यह सत्य वाद-विवाद से उभर कर आता है.
अकादमिक स्वतन्त्रता को पुन: स्थापित करने के लिये सिद्धान्तों को पुन: स्थापित करना आवश्यक है. अकादमिक अधिकारों के बिल को स्वीकार कर प्रभावी ढंग इसका आरम्भ हुआ है और डेविड होरोविज का यह प्रयास अमेरिका के 130 परिसरों और 8 राज्य विधायिकाओं तक पहुँच चुका है.