नवंबर मध्य में ब्रिटेन के अति सम्मान प्राप्त और बड़ी संख्या में अनुयायियों वाले मुस्लिम नेता युसुफ सुलेमान मोटाला को मक्का की तीर्थयात्रा पर जाते समय हीथ्रो हवाई अड्डे पर ब्रिटेश अधिकारियों ने रोक लिया। रिपोर्टों के अनुसार मोटाला ने बताया कि अधिकारियों ने उनसे इस्लाम धर्म ,विद्यालय में उनके निर्देशन में पढाए जाने वाले विषयों और जिहादी गुटों के साथ उनके संबंधों से संबाधित प्रश्न पूछे । इस पूछ-ताछ के कारण उनकी यात्रा में हुई देरी के चलते उन्हें अपनी तीर्थयात्रा रद्द करनी पड़ी।
मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन ने इस घटना पर हतप्रभ होते हुए आक्रोशजनक प्रतिक्रिया दी और मांग की कि मुसलमानों की ऐसी रुपरेखा की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
क्या यह मांग तर्कसंगत है? क्या शत्रु पर जाल डालने के लिए रुपरेखा एक उपयुक्त स्थल है । इस संबंध में रुपरेखा है क्या ।
अभी हाल में हार्वर्ड विश्वविद्यालय प्रेस द्वारा प्रकाशित फ्रेडरिक स्कावर की पुस्तक Profiles, Probabilities, and Stereotypes में इस विषय का अत्यंत बौद्धिक विश्लेषण किया गया है । स्कावर ने इस विषय पर चर्चा करने से पूर्व अनेक शब्दावलियों का प्रयोग किया है।
साधारणीकरण - एक ऐसी प्रक्रिया है जहां कुछ सदस्यों के गुणों के आधार पर हम समस्त समुदाय के संबंध में कुछ निष्कर्ष निकालते हैं या निर्णय लेते हैं।
कुछ मनगढंत तत्व वे हैं जिनमें साधारणीकरण के लिए किसी आंकड़े को आयातित करने की आवश्यकता नहीं होती ( जैसे खुफिया सूचना की भविष्यवाणी करते समय लिंग की भूमिका ) जबकि बिना मनगढ़ंत तत्वों के लिए आंकड़ों की आवश्यकता होती है जबकि शारिरीक शक्ति की भविष्यवाणी करते समय लिंग को ध्यान में रखा जाता है ।)
पूर्वाग्रह वह दृष्टिकोण है जो मनगढंत आधार पर किसी समुदाय के बारे में बनाया जाता है ।
रुपरेखा –साधारणीकरण की एक प्रक्रिया है जिसमें अनेक सामान्य तत्वों के मध्य पारस्परिक संपर्क को पहचानकर संभावित संदिग्ध लोगों की पहचान की जाती है।
रुपरेखा को उत्स 1950 के आरंभ में तब हुआ जब 30 से अधिक बम रखने वाले की पहचान करने के लिए न्यूयार्क शहर की पुलिस मनोविज्ञानी जेम्स ब्रसेल की सहायता प्राप्त करने गई , ब्रसेल ने साक्ष्य़ों का पुनरीक्षण कर निष्कर्ष निकाला कि बम रखने वाला पूर्वी यूरोप का मंझली उम्र का कैथोलिक ईसाई है जो एक बार कंसोलिडेटेड एडिसन कंपनी के साथ कार्य कर चुका है और कनेक्टीटुन में अपने भाई बहनों के साथ रहता है तथा गंभीर ह्रदय रोग से पीड़ित है । ये और इसके अतिरिक्त अन्य विवरण इतने सटीक थे कि जार्ज मेटेस्की के अनुसार यही रुपरेखा के विज्ञान का जन्म हुआ ।
रुपरेखा को अत्यंत उन्नत प्रतिष्ठा प्राप्त थी जब तक पुलिस बल ने श्रीमान ब्रसेल के निष्कर्ष का साधारणीकरण करते हुए उसे एक मात्र तत्व नस्ल पर केन्द्रीत कर दिया । निष्कर्षों को इस प्रकार कम करने की प्रवृत्ति पूर्वाग्रह से प्रेरित थी और इसके दो घातक प्रभाव हुए – रुपरेखा में नस्ल को एक तत्व मानने की परंपरा चल निकली और सामान्य तौर पर रुपरेखा की अधिक प्रतिष्ठा नहीं रही ।
श्रीमान स्कावर की दृष्टि में रुपरेखा अभी भी अमेरिकी सरकार के लिए पूर्णतया स्वीकृत और नियमित कार्य व्यवहार है बशर्ते उसमें नस्ल का मामला शामिल न हो ।उदाहरण के लिए कम्प्यूटर एसिस्टेड पैसेन्जर प्री स्क्रीनिंग सिस्टम नामक रुपरेखा का एक कार्यक्रम है जिसके आधार पर ये पता किया जाता है कि किस यात्री का सामान विशेष जांच प्राप्त करता है और यह सामान ले जाने वाले के लिंग ,आयु , या सामान खरीदने के प्रकार वह उधार है या नदग , आने का समय तथा सामान के प्रकार जैसे तत्वों पर ध्यान देता है ।
इसके अतिरिक्त टैक्स निरीक्षक कुछ कर दाताओं पर विशेष नजर रखते हैं और उनका लेखा परीक्षण भी सघन रुप में होता है । तटकर अधिकारी रुपरेखा के आधार पर निर्धारित करते हैं कि किस यात्री पर विशेष नजर रखनी है । व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य अधिकारी रुपरेखा इस बात का निर्णय करने के लिए करते हैं कि किस व्यवसाय की जांच करनी है और पुलिस वाले संभावित संदिग्धों की रुपरेखा के आधार पर अपनी जांच केन्द्रीत करते हैं ।
वैसे यदि नस्ल बिना मनगढ़ंत की स्थिति में आ जाए तो श्रीमान स्कावर पूछते हैं कि उस अवस्था में क्या जब बम विस्फोट करने वाले , अपहरण करने वाले या अन्य प्रकार से अमेरिकी एयरलाईंस पर आक्रमण करने वाले आतंकवादी मध्यपूर्व पृष्ठभूमि के मुस्लिम युवक हों ।
उनके अनुसार रुपरेखा के अन्य तत्वों के साथ मध्यपूर्व पृष्ठभूमि की भी रुपरेखा में ध्यान रखा जाए यदि यही निर्णायक तत्व न हो तो भी ।स्कावर के अनुसार मध्यपूर्व पृष्ठभूमि को भी एक तत्व के रुप में शामिल करने के पक्ष में अनेक मजबूत तर्क हैं । परंतु इसके विरोध में भी तर्क विद्यमान हैं ,वह इस बात को मान्यता देते हैं कि काफी कुछ दांव पर लगा है इस कारण अनेक पर्यवेक्षक मानते हैं कि यह सहज प्रश्न है कि मध्यपूर्व पृष्ठभूमि को ध्यान में रखा जाए इसके साथ ही वे एक और विकल्प देते हैं कि क्या यह संभव है कि यात्रियों को हवाई अड्डे पर आधा घंटा पूर्व आने को कहा जाए ताकि रुप रेखा के अनेक तत्वों को आजमाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके और मध्यपूर्व पृष्ठभूमि के तत्व को किनारे रखा जा सके । रुपरेखा के विषय पर स्कावर शालीन विश्लेषक हैं इस कारण इस अभ्यास के प्रति उनकी स्वीकृति कुछ अर्थों में वजनदार है . अब सरकारों के लिए भी समय है कि वे रुपरेखा के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करें और इसके खुफिया उपयोग को न्यायसंगत ठहराते हुए बिना मनगढ़ंत तत्वों को प्रयोग में लाएं