गाजा में 15 अक्टूबर को हुई ह्त्या के साथ एक कड़वी विडंबना जुड़ी है । मारे गए तीनों व्यक्ति अमेरिका सुरक्षा बल के थे जो अमेरिकी सरकार द्वारा संचालित और आर्थिक सहायता प्राप्त एक अकादमिक आदान –प्रदान के फुलब्राइट नामक कार्यक्रम के संबंध में फिलीस्तीनी आवेदकों का साक्षात्कार लेने वाली अकादमिक पुनरीक्षण समिति की सुरक्षा में तैनात थे । आक्रमणकारी फिलीस्तीनी आतंकवादी थे । दूसरे शब्दों में कहें तो मानवीय मिशन पर फिलीस्तीनियों की सहायता करते समय तीनों की हत्या की गई ।
परंतु विडंबना और भी गहरी है । इजरायल की सरकार के अनुसार पश्चिमी तट से फुलब्राइट का हाल का विद्वान हमास में कार्यकर्ता है और यह वही संगठन है जो बम विस्फोट में शामिल आतंकवादी संगठनों में से एक है । जूपिटर फ्ला में मुस्तफा अबु स्वे ने फ्लोरिडा अटलांटिक विश्वविद्यालय में अभी ही इस्लाम का अध्यापन कार्य आरंभ किया है । सरसरी तौर पर फुलब्राइट के लिए वह प्रमुख प्रत्याशी दिखता है ।
अबू बोस्टन कॉलेज से पी.एच.डी है और जेरुसलम के अलकद्स विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र और इस्लामी अध्ययन विषय का सहायक प्रोफेसर है , उसने मध्यकालीन मुस्लिम विद्वानों पर दो पुस्तकें लिखी हैं और बरकेली में सेंटर फॉर थियोलॉजी एंड द नेचुरल साईंसेज से पुरस्कार भी प्राप्त किया है ।
परंतु जब हमने अबू स्वे के संबंध में जांच की तो इजरायल की सरकार ने हमें उसके हमास के संबंधों के बारे में बताया । कैसे एक फुलब्राइट का पुर्सकार प्राप्त कर सकता है जबकि वो उसी संगठन से संबंधित है जिसने फुलब्राइट से संबंधित लोगों की संभावित हत्या की है ।
आखिर अमेरिका के टैक्स दाताओं को धोखे में रखकर किसने एक आतंकवादी संगठन से सम्बद्ध एक तथाकथित कार्यकर्ता को टैक्स धन प्राप्त पुरस्कार देने की पेशकश की ।
अरकानसास के डेमोक्रेट सिनेटर जे विलियम फुलब्राइट जिनके नाम पर यह कार्यक्रम है उनकी अपेक्षा है कि इससे विश्व के मामलों में थोड़ा ज्ञान , थोड़ी तर्क और थोड़ी सहायता बढ़ेगी जिससे विश्व के देशों को अंतत : प्रेम और मित्रता के साथ रहने का ज्ञान सीखने को मिलेगा ।
इसेक विपरीत हमास का प्राथमिक लक्ष्य जार्डन नदी से भूमध्यसागर तक एक इस्लामी फिलीस्तीन स्थापित करना है ,दूसरे शब्दों में फिलीस्तीन और इजरायल साथ – साथ संभव नहीं हैं । ( अबूस्वे ने अपनी बात तब प्रतिध्वनित की थी जब उसने स्पष्ट रुप से कहा कि फिलीस्तीनीयों को अपने घर में लौटना है जहां से 1948 में निकाल दिए गए थे । यह लक्ष्य फुलब्राइट के कार्यक्रम की भावना से एकदम विपरीत है ।
राज्य विभाग एक ओर फुलब्राइट कार्यक्रम का प्रशासक है और दूसरी ओर हमास को 36 विदेशी आतंकवादी संगठनों की सूची में स्थान दिया है इससे एक कार्यक्रम के स्थान देने की वास्तविकता से परे होने की पुष्टि होती है । राज्य एक अवैधानिक संगठन के साथ संबंध रखने वाले व्यक्ति तो प्रायोजित भी कर रहा है और अर्थ भी दे रहा है।
इस मामले में फ्लोरिडा अटलांटिक भी आरोपों से बच नहीं सकता । विश्विद्यालय के अधिकारियों ने जुलाई 2003 को एक प्रेस घोषणा में अबू स्वे का जोरदार स्वागत किया था ( वह हमारी विविधता में वृद्धि करते हैं और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन कार्यक्रम को सशक्त करते हैं ) अक्टूबर के आरंभ में जब उन्हें अबू स्वे के आतंकवादी संबंधों की जानकारी दी गई तो वे चुप्पी साध गए । ऐसा लगा कि वे पूरे मुद्दे की उपेक्षा करना चाहते हैं ।
यह निश्चित रुप से गलत प्रतिक्रिया है । फुलब्राइट कार्यक्रम और फ्लोरिडा अटलांटिक विश्विद्यालय को तत्काल प्रभाव से दो कदम उठाने की आवश्यकता है । पहला कि वो इस मामले की जांच करें कि एक आतंकवादी संगठन से संबंध रखने वाले व्यक्ति ने आर्थिक सहायता कैसे प्राप्त की या उसे नियोजित कैसे किया गया और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आतंकवाद प्रतिरोध कदम को संस्थागत स्वरुप देने के उपाय करने चाहिए ।
अबू स्वे का यह मामला एक और समस्या की ओर संकेत करता है , और वह है मध्यपूर्व विषयों के अद्ययन में आतंकवादी संबंधों के संबंध में लापरवाह होकर सहनशील बनना। इस परिपाटी के दो अन्य उदाहरण भी हैं । 1993 में मोहम्मद अब्दूल हमीद सलाह नामक दंडित हमास सदस्य ने स्प्रींग फिल्ड में स्थित यूनाईटेड एशोसिएसन फॉर स्टडीज़ एंड रिसर्च को हमास का राजनीतिक कमान केन्द्र बनाया । इसके बाद भी 2000 में जार्ज टाउन विश्विद्यालय के मुस्लिम क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग ने यूनाईटेड एशोसिएसन के साथ मिलकर एक सम्मेलन का आयोजन किया ( इस सम्मेलन में अबू स्वे ने अरब मुस्लिम विश्व में इस्लामी आंदोलन विषय पर अपने विचार रखे थे )
पिछली फऱवरी में एक विशाल जूरी ने दक्षिण फ्लोरिडा विश्वविद्यालय से संबद्ध तीन मध्यपूर्व विशेषज्ञों को फिलीस्तीनी इस्लामिक जेहाद नामक संगठन को साम्रग्री के आधार पर समर्थन करने का दोषी पाया था . तीन सदस्यों के दोष सिद्ध होने पर मध्यपूर्व अध्ययन का तंत्र विचलित नहीं हुआ वरन् वे आरोपी के बचाव में कूद पड़े । अबू स्वे का फुलब्राइट पुरस्कार प्राप्त करना इस बात का एक और उदाहरण है कि किस प्रकार मध्यपूर्व अध्ययन में नियमित तौर पर इस्लामवादी आतंकवादियों को स्वीकार किया जा रहा है और शायद यह उन अनेक कारणों में से एक है जिसके चलते किसी भी अकादमिक क्षेत्र का सबसे जटिल विषय है ।