अमेरिका के लोग धीरे-धीरे इस्लाम और मुसलमानों के प्रति नकारात्मक होते जा रहे हैं और इसी बात की पुष्टि पिछले सप्ताह पिउ रिसर्च सेन्टर फार द पीपुल एण्ड द प्रेस के प्रकाशित महत्वपूर्ण जनमत सर्वेक्षण ने की ।
शायद सबसे बड़ा नाटकीय परिवर्तन अमेरिका के लोगों की धारणा का तेजी से बदलना है कि इस्लाम अन्य धर्मो की अपेक्षा अपने अनुयायियों को हिंसा के लिए प्रेरित करेगा। मार्च 2002 के नमूने में 25 प्रतिशत लोग इस विचार के थे परन्तु अब 44 प्रतिशत लोग ऐसा सोचते हैं।
इस्लाम के सम्बन्ध में अन्य रूझान भी नकारात्मक हैं –
अमेरिकी मुसलमान – नवम्बर 2001 लोगों में से 59 प्रतिशत लोग इनके प्रति सकारात्मक विचार रखते थे परन्तु अब यह प्रतिशत घटकर 54 प्रतिशत हो गया है।
राष्टपति प्रत्याशी – अमेरिका के लोग किसी अन्य धर्म के प्रत्याशी की अपेक्षा मुस्लिम प्रत्याशी को अमेरिका का राष्टपति बनाने के विरूद्ध है। 31 प्रतिशत लोग मुस्लिम प्रत्याशी के विरूद्ध हैं, जबकि धर्मान्तरण समर्थक ईसाई प्रत्याशी के विरोध में 20 प्रतिशत कैथोलिक विरोध में 15 प्रतिशत और यूहूदी के विरोध में 14 प्रतिशत।
मूल्यों की समानता – यह पूछे जाने पर कि आपके और मुसलमानों के धर्म में कुछ समानता है, नवम्बर 2001 में 31 प्रतिशत लोगो ने इसके पक्ष में उत्तर दिया था मार्च में यह हटाकर 27 प्रतिशत हो गया और अब इस वर्ष यह मात्र 22 प्रतिशत रह गया है।
यह चिन्ता जनक व्यवहार किस चीज की व्याख्या करता है। निश्चित रूप से इसका बड़ा कारण आतंकवाद की सच्चाई, घृणा से भरे वक्तव्यों और सम्पूर्ण विश्व में उग्रवादी इस्लाम से जुड़ी समस्याओं पर आधारित है। परन्तु इसका कुछ कारण अमेरिका के मुस्लिम जीवन से सम्बन्धित संस्थानों पर उग्रवादी इस्लाम का नियन्त्रण भी है।
चाहे मस्जिद का इमाम हो, इस्लामी विद्यालय का प्राचार्य हो, जेल या सेना में मुस्लिम चैपलिन हो, इस्लामी प्रकाशन का सम्पादक हो, राष्ट्रीय गुट का प्रवक्ता हो सभी स्थानों पर अमेरिकी मुसलमान समान रुप से आतंकवाद के प्रति क्षमाभाव रखते हुए, यहूदियों के विरूद्ध षड़यन्त्रकारी सिद्धान्त और मुसलमानों के लिए विशेषाधिकार की मांग करते हुए दिखाई पड़ते हैं।
काउन्सिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स के उत्तरी अमेरिका में 17 कार्यालय हैं और वह इस समस्या के उदाहरण के रूप में उभरा है। इस नेतृत्व के वक्तव्यों पर ध्यान दें।
अध्यक्ष उमर एम अहमद का कहना है कि आत्मघाती हमलावर स्वयं को इस्लाम के लिए मारते हैं इस कारण वे आतंकवादी नहीं हैं।
कार्यकारी निदेशक निहाद अवाद ने फिलीस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के लिए समर्थन की घोषणा की।
प्रवक्ता इब्राहिम हूपर ने घोषणा की कि ऐसा प्रभाव नहीं छोड़ना चाहते कि मैं अमेरिका सरकार को भविष्य में इस्लामी नहीं देखना चाहता।
यही नहीं सी.ए.आई-आर ने हिंसा के सम्बन्ध में तर्क भी दिये। इसके दो पूर्व कर्मचारी बासम खफागी और इस्लाम रोयर को हाल ही में आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सी.ए.आई.आर के सलाहकार बोर्ड के सदस्य सिराज वहाज को अमेरिका के महान्यायवादी ने एक आतंकवादी हमले के प्रयास में सहायक षड़यन्त्रकारी होने की सम्भावना प्रकट की।
इस कुरूप रिकार्ड के बाद भी अमेरिका सरकार सी.ए.आई.आर को व्यापक रूप से इस्लाम को प्रतिनिधि मानती है। व्हाइट हाउस इसे कार्यक्रमों में बुलाता है, राज्य विभाग ने इसके वेब पृष्ठों के लिंक दिये हैं और डेमोक्रेट सीनेटर इसके शोध पर निर्भर करते हैं। न्यूयार्क शहर में इसके सदस्य को मानवाधिकार आयोग में नियुक्त किया जाता है और पुलिस इसके संवेदनशील प्रशिक्षण की निगरानी करती है।
फ्लोरिडा में पब्लिक स्कूलों में इसे “ वैविध्य जागरूकता ’’ के सम्बन्ध में पढ़ाने के लिए बुलाया जाता है।
राष्ट्रीय मीडिया इसके विचारों को प्रसारित करता है। लाल एंजेल्स टाइम्स को उद्धत करें तो पिउ रिचर्थ सेन्टर को कौन से मुसलमान उत्तर दे रहे हैं। निश्चित रूप से इब्राहिम हूपर
संक्षेप में सी.ए.आई.आर ने अमेरिका में इस्लाम के स्वर के रूप में स्वयं को स्थापित कर लिया है और अमेरिका के लोगों के मध्य इस्लाम की सज्जन छवि को ध्वस्त किया है। नरमपंथी मुसलमान निश्चित रूप से सी.ए.आई.आर को नकारते हैं।
न्यू जर्सी स्थित वायस ऑफ पीस के प्रकाशक स्वर्गीय सिफेलदीन अशमावी ने सी.ए.आई.आर को कट्टरपंथियों का चैम्पियन बताकर नकार दिया और इसे इस्लाम का प्रतिनिधि मानने से इन्कार किया।
लास एंजिल्स स्थित काउंन्सिल फार डेमोक्रेसी एण्ड टालरेन्स के तशबीन सैय्यद ने सी.ए.आई.आर को अमेरिका का पाँचवा स्तम्भ करार दिया।
उसी संगठन के जमाल हसन ने सी.ए.आई.आर के लक्ष्य को यूँ परिभाषित किया कि इसका लक्ष्य किसी प्रकार समस्त विश्व में इस्लामी सर्वोच्चता स्थापित करना है। इस्लाम की प्रतिष्ठा सुधारने के लिए दो कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। अमेरिकी जीवन से सम्बन्धित महान संस्थान सी.ए.आई.आर के साथ अपने सम्पर्कों को निरस्त करें जबकि नरमपंथी मुसलमान ऐसे संगठनों की स्थापना करें जो न तो आतंकवाद के प्रति क्षमा-भाव रखें और न ही अमेरिका की इस्लामी होने की इच्छा रखें ।