न्यूजवीक प्रत्रिका ने अपने 15 अक्टूबर के अंक में राष्ट्रपति पद के प्रतियोगी के रूप में रूदी ग्लुयानी के दावे पर छींटाकशी करते हुए एक आलेख लिखा है जिसका शीर्षक है ’’क्या आप इस व्यक्ति से प्रयोग किया हुआ हाक खरीदेंगें ’’में लिखा है कि बुश के दौर के कुछ लोग आधुनिक संकीर्ण विचार धारा पर जोर देकर एक तरह से बुश के पुनरूस्थान की ओर हैं। आलेख में यहाँ तक कहा गया है कि एक तरह से बुश को बुश से बाहर निकालने जैसा है।
इसी आधार का अनुसरण करते हुए टाइम प्रत्रिका के ब्लाग पर पिछले हफ्ते ग्लुयानी के इस संदेश पर जोर दिया गया है कि चूकि बुश की नीतियाँ सही थी और कोई अंशों में यह बेहतर प्रदर्शन कर रही थी तो उसी नीति पर चलना चाहिए।
यह कितना अलग है , दरअसल न्यूवीक के छह आलेख सलाहकारों ,नार्मन पोधेरेज, मार्टिन कालेज, पीटर वीर, कोवीज के नीले, गारदीनर, रार्बट कसटन और मुझे गलत संदर्भ में ब्यक्त किया गया है। पहले भी इन सभी को बुश प्रशासन की नीतियों से गहरा मतभेद है और दूसरा यह कि हमारा उनमें कोई प्रभाव नहीं है दूसरे शब्दों में कहें तो सच्चाई यह है कि ग्लुयानि की विदेश नीति की एक नई शुरूवात है और इससे जुड़े लोगों का पिछले राष्ट्रपति के सफलता या असफलता से कोई सम्बन्ध नहीं है।
अब आप मेरे ही बुश प्रशासन की रीति से मतभेद को लें । पिछले सात सालों में अपने लेखों द्वारा या अपने व्याख्यानों द्वारा जिस तरह से इराक में काम हो रहा है। आतंकवाद पर प्रचारतन्त्र तथा मुख्यत: अरब इजरायल संघर्ष आदि विषयों पर सरकार की आलोचना ही की है।
इराक पर 2003 से ही बार-बार मैने इस बात पर जोर दिया है कि इराक बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। इस के लिए मैने नारा दिया है “कार्यक्रम जारी रखें तथा आलोचकों के बीच एक तीसरी राय बनाई जिसमें मैंने आह्रवान किया है कि विदेशियों को जल्द से जल्द इराक प्रशासन छोड़ देने चाहिए तथा गठबन्धन सेना को शहर छोड़कर सीमावर्ती क्षेत्रों तथा सीमा पर आ जाना चाहिए मैं अक्सर ईराक में अमेरीकी दूतावास पर हँसता हूँ। मैं अपील करता हूँ कि चुनाव हो तथा जिम्मेदारी लोकतन्त्र समर्थक इराकियों को सौंप देना चाहिए।
आतंकवादके विरूद्ध युद्ध : मैं अति उत्साह तथा गलत परिपेक्ष्य में प्रयोग शब्द आतंकवाद पर लड़ाई की कड़ी आलोचना करता हूँ , हमेशा करता रहा हूँ पहले शत्रु ।को पहचानो तथा इससे स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए इन्हें हटाने के लिए मैं इस बात की प्रशंसा करता हूँ जो बुश के 2006 के बयान में आया है कि अमेरिकी इस्लामिक कट्टरपंथियों के साथ युद्ध कर रहा है किन्तु फिर मुझे बुश के वर्तमान में पुन: शत्रुओं के नाम लेने से निराशा हुई है।
लोकतन्त्रीकरण : जब राष्ट्रपति ने पहली बार यह कहा कि उनका लक्ष्य मध्य पूर्व में राजनीतिक भागीदारी बढ़ानी है तो मैने उनका खुले दिल से स्वागत किया था और इस बात के लिए सावधान किया था। यह काम आराम से तथा सावधानी पूर्वक करना उचित होगा क्योंकि शीघ्रता में राजतन्त्र को लोकतन्त्र में बदला सही नहीं है। ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिसमें इस्लामीकरण को मजबूती मिले। मैं इसे एक असफल प्रयास मानता हूँ।
अरब इजरायल विवाद : इस क्षेत्र में मैने बुश प्रशासन की नीतियों की हर एक पल की आलोचना की है मैने बुश के एतिहासिक भाषण जिसमें उन्होंने आतंकवाद को सम्मानित किया था और फिलीस्तीन राष्ट्र के अस्तित्व के विचार को ठुकरा दिया था तथा चेतावनी भी दी थी यहाँ तक कि पुन: निर्वाचित होने पर 2004 के अपने भाषण के प्रभाव स्वरूप अमेरिका – इजरायल सम्बन्ध अपने सबसे निम्न स्तर पर आ गया था। मैने भविष्यवाणी की थी कि आने वाले समय में बातचीत असफल होने की सम्भावना और उसके परिणाम से मैं चिंतित भी था इन वैचारिक मतभेदों के बावजूद मैंने दो बार बुश के लिए पूरे उत्साह के साथ मतदान किया है और मुझे इस बात का गर्व है कि 2003 में मै उनका प्रतिनिधि था और उनके कार्यालय को इतिहासविदों द्वारा सफलतम बनाने की बात कही परतु वर्तमान में ग्लुयानि तथा उनके सलाहकारों को बुश का प्रतिबिम्ब बताना पूर्णत: अनुचित है। मेरे विचार में समाचार प्रत्रिकाओं को पहले थोड़ अनुसंधान कर लेना चाहिए फिर कुछ कहना चाहिए
और अंतत: आधुनिक परम्परावादियों के विषय में कुछ शब्द जो न्यूजवीक पत्रिका वाले या वामपंथी समर्थक आलोचकों ने एक तरह से थोपा है ।
इरविंग क्रिस्टोल जिन्हें आधुनिक परम्परावादियों का जनक माना जाता है ने कहा है कि यह शब्द 1970 के दशक में आया था तथा उसे तीन क्षेत्रों में प्रयोग किया जा सकता है।
- आर्थिक विकास को प्राप्त करने के लक्ष्य पर ऐसी नीति जिसमें खतरा ज्यादा हो।
- सामाजिक : मजबूत तथा विकसित वैचारिक रूप से समृद्ध राष्ट्र के प्रति अच्छा विचार रखना ।
- विदेशनीति : राष्ट्रभक्ति , विदेशी सरकारों के प्रति दुर्भावना रखते हुए राजनैतिक राज्य का बढ़ावा देना ।
कुछ हद तक तीनों में पहले तथा तीसरे से सहमत हूँ पर दूसरे से नहीं मैं थोड़ा स्वतन्त्र विचार रखता हूँ ।इस तरह की अस्पष्टता के कारण 2005 में मैंने महसूस किया कि इस निर्णय पर नहीं पहुँच पा रहा हूँ कि मै क्या आधुनिक परम्परावादियों की श्रेणी में आता हूँ या नहीं इससे पहले निर्णय ले चुके थे कि मैं आधुनिक परम्परावादी हूँ। पत्रकार मुझे आधुनिक परम्परावादी के रूप में प्रस्तुत करते थे । संपादक मेरे लेखों को आधुनिक परम्परावादी के श्रेणी में रखते थे और आलोचक आधुनिक परम्परावादी के विचार मेरे अन्दर ढूँढते थे ।यहाँ तक कि किसी भी गोष्ठी में मुझे इसी विचार पर रखने के लिए बुलाया जाता था।
और अगर वर्तमान में आधुनिक परम्परावादी होने का आधार मानकर बुश के मध्य पूर्व से सम्बन्धित नीति के समर्थक के दौर पर देखा जाता जा रहा है तो मैं आधुनिक परम्परावादी नहीं हूँ ।