मेर सेजमैन ने अपनी प्रभावशाली पुस्तक (पेंसिलवेनिया प्रेस विश्वविद्यालय) Leaderless Jihad: Terror Networks in the Twenty-First Century में लिखा है, “11 सितम्बर के पश्चात यूरोप में इस्लामवादी आतंकवाद से सम्बन्धित 2,300 लोग गिरफ्तार हुए हैं जबकि इसके विपरीत संयुक्त राज्य अमेरिका में 60 लोग ही गिरफ्तार हुए हैं” ।
इस एक सांख्यिकीय तुलना से प्रेरित होकर सेजमैन एक अध्याय में इसे “ एटलांटिक विभाजन” कहते हैं और इस आधार पर अमेरिकी मुसलमानों के सम्बन्ध में उच्च परिस्थितियों का निष्कर्ष निकालते हैं।
उनके अनुसार “ यूरोप में आतंकवाद के सम्बन्ध में प्रति व्यक्ति गिरफ्तारी अमेरिका की तुलना में 6 गुना अधिक है”। उनके तर्क के अनुसार इस अंतर का कारण , “ उस मात्रा में उस स्तर तक सम्बन्धित मुस्लिम समुदाय की कट्टरता के अंतर से सम्बन्धित है”। वह अमेरिका के सांस्कृतिक अपवादात्मकता की प्रशंसा करते हुए यूरोप की सरकारों को सलाह देते हैं कि उन भूलों से बाज आयें जिसके चलते मुस्लिम समुदाय की शुभेच्छा को गँवाते हैं और यूरोपवासियों से आग्रह करते हैं कि अमेरिका से सीखें।
सेजमैन का तर्क स्पेंसर अकरमैन के तर्क को फिर सामने लाता है जो उन्होंने न्यू रिपब्लिक की आमुख कथा के रूप में 2005 के अंत में लिखा था जब उन्हें लगा था “ यूरोप में मुस्लिम समुदाय के अलग- थलग होने और जिहाद का मूल अमेरिका में स्थान नहीं बना पा रहा है”।
वास्तव में सेजमैन का आंकडा बुरी तरह गलत है।
यूरोपीय गिरफ्तारियाँ- उनकी यूरोपीय संख्या अधिक है। यूरोपीय पुलिस कार्यालय ( यूरोपोल) ने संख्या दर्शाते हुए 2007 का आँकडा जारी किया कि यूरोपीय संघ में इस वर्ष 201 इस्लामवादी आतंकवाद सम्बन्धी आरोपों में हिरासत में लिये गये ( ब्रिटेन के अतिरिक्त) जो कि 2006 के 257 के मुकाबले कम है। पहले का यूरोपोल का आँकडा कम स्पष्ट है परंतु स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के जोनाथन गेलबार्ट ने मेरे लिये जो साक्ष्य एकत्र किये उसके अनुसार 2005 में 234 गिरफ्तारियाँ हुईं और 2004 में 124 और 2003 में 137। कुल मिलाकर पूरे पश्चिमी यूरोप में आतंकवाद सम्बन्धी गिरफ्तारियाँ 1,400 से भी कम हैं।
अमेरिकी गिरफ्तारियाँ- अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार सेजमैन की अमेरिका के सम्बन्ध में संख्या काफी कम है और लगभग दस गुना कम है। विभाग मे प्रवक्ता सीन बोयद के अनुसार फाक्स के समाचार रिपोर्ट के अनुसार “ 11 सितम्बर के पश्चात आरम्भिक तौर पर किये गये अंवेषण के अनुसार 527 लोगों पर आतंकवाद या आतंकवाद सम्बन्धी आरोप लगाया गया है।
इन मामलों में 317 लोगों को सजा हुई है और इसके अतिरिक्त 176 मामले न्यायालय में चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त जैसा कि मैंने अपने लेख इस्लामवादी आतंकवाद की अवहेलना और इसके बाद के ब्लाग में बताया है कि राजनेता, कानून प्रवर्तन लोग और मीडिया आतंकवादी घटनाओं का संज्ञान लेने में सुस्त रह्ते हैं इस कारण आतंकवाद सम्बन्धी घटनाओं की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है।
यह देखते हुए कि पश्चिमी यूरोप की तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका की मुस्लिम जनसंख्या 1\7 है( 2.1 करोड की तुलना में 30 लाख) यूरोप की 1,400 की गिरफ्तारी के मुकाबले संयुक्त राज्य अमेरिका की 527 की गिरफ्तारी आतंकवाद के सम्बन्ध में प्रति व्यक्ति संय़ुक्त राज्य अमेरिका में यूरोप के मुकाबले 2.5 गुना अधिक है न कि 6 गुना कम जैसा कि सेजमैन जोर देकर कहते हैं। वास्तव में सेजमैन ( जिन्हें इस लेख का उत्तर देने का प्रस्ताव दिया गया पर उन्होंने इंकार कर दिया) 15 गुना कम हैं।
उनकी भूल के व्यापक परिणाम हैं। यदि अमेरिका में मुसलमानों की अधिक अच्छी आर्थिक सामाजिक स्थिति के बाद भी यहाँ यूरोप के मुकाबले 2.5 गुना अधिक प्रति व्यक्ति आतंकवाद है तो यूरोप की आर्थिक सामाजिक स्थिति के सुधार से यूरोप की समस्या का समाधान नहीं होने वाला।
यह निष्कर्ष इस व्यापक तर्क के उपयुक्त है कि इस्लामवाद का आर्थिक या अन्य तनावों से कुछ लेना देना है। इसे दूसरे ढंग से देखें तो व्यक्तिगत परिस्थितियों से अधिक विचार मायने रखते हैं। जैसा कि मैने 2002 में कहा था, “ उग्रवादी इस्लाम के पतन या उत्थान का सम्बन्ध पहचान से जुडा है न कि अर्थशास्त्र से”। जो भी इस्लामवादी ( कम्युनिष्ट या फासीवाद) विश्वव्यवस्था को स्वीकार करता है फिर वह सम्पन्न या विपन्न , युवा या वृद्ध, पुरुष या महिला हो साथ ही वह ऐसे विचारधारात्मक आधारभूत अवसंरचना को भी स्वीकार करता है जो हिंसा और आतंकवाद की सम्भावना से युक्त है और उस ओर ले जाता है।
नीतिगत आधार पर अमेरिकावासियों को उच्च स्तर का भाव रखने की आवश्यकता नहीं है। यह सही है, यूरोपवासियों को संयुक्त राज्य अमेरिका से सीखना चाहिये कि मुस्लिम जनसंख्या को आत्मसात कैसे किया जाये परंतु उन्हें अपेक्षा नहीं करनी चाहिये ऐसा करने से उनकी आतंकवाद की समस्या कम हो जायेगी। निश्चय ही इससे स्थिति और खराब होगी।