अभी हाल ही में स्काटलैण्ड के एक जज ने कानून को एक बहुविवाही परिवार के पक्ष में लचीला बना दिया कि उसका लाभ इस परिवार को मिल सके। यह मामला एक मुस्लिम पुरुष का था जो 30 मील प्रति घण्टे वाले क्षेत्र में 64 मील प्रति घण्टे की रफ्तार से वाहन चला रहा था जिससे कि उसके वाहन चलाने का लाइसेंस स्वतः समाप्त हो जाता था।
सफाई पक्ष के वकील ने अपने प्रतिवादी की रफ्तार की आवश्यकता की व्याख्या करते हुए कहा कि , “ उसकी एक पत्नी मदरवेल में है और एक ग्लासगो में और उसे बारी बारी से दोनों के साथ रात को सोना होना होता है और यदि उसके पास वाहन चलाने का लाइसेंस नहीं होगा तो वह ऐसा कर पाने में सफल नहीं होगा”। बहुविवाही की समस्या से सहानुभूति रखते हुए जज ने उसे अपना लाइसेंस अपने पास रखने दिया।
इस निर्णय से ऐसा प्रतीत होता है कि एक विवाह जो कि पश्चिमी सभ्यता की लम्बे समय से नींव रही है इस्लामी कानून की चुनौती के आगे उसका क्षरण हो रहा है। यदि वर्तमान रुझान जारी रहा तो शीघ्र ही बहुविवाह एक सामान्य बात हो जायेगी।
1950 के बाद से पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में आप्रवास और धर्मांतरण के द्वारा मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि हुई है और जैसे जैसे उनकी संख्या में वृद्धि हुई है बहुविवाह ( एक व्यक्ति का एक से अधिक महिलाओं से विवाह करना) का इस्लामी स्वरूप भी बढा है। एक अनुमान के अनुसार ब्रिटेन में 2,000 से अधिक बहुविवाही पुरुष है, इटली में 14,000 15,000 से 20,000 तक हरम हैं, फ्रांस में 30,000 हरम हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका में 50,000 से 100,000 तक बहुविवाही हैं।
कुछ इमाम खुले रूप से बहुविवाह विवाह संस्कार कराने की बात स्वीकार करते हैं। खलील चामी के अनुसार उन्हें प्रायः प्रत्येक सप्ताह सिडनी में ऐसे समारोहों को सम्पन्न कराने को कहा जाता है। अली हिन्दी के अनुसार टोरंटो में वे 30 ऐसे युगलों को आशीर्वाद दे चुके हैं।
सामाजिक स्वीकृति भी बढ रही है। अकादमिक लोग इसे न्यायसंगत ठहराते हैं, राजनेता हर्ष पूर्वक ऐसे बहुविवाहियों से मिलते हैं या फिर घोषणा करते हैं कि पश्चिमवासियों को इसके साथ जीने की आदत डालनी चाहिये और पत्रकार बहुविवाह का वर्णन बडी सहानुभूति, करुणा और कल्पनाशीलता से करते हैं। इस्लामवादी बहुविवाह की गुणों की चर्चा करते हैं और इसकी आधिकारिक स्वीकृति की बात करते हैं।
बहुविवाह ने 2008 में महत्वपूर्ण रूप से कानूनी आधार पर प्रगति की है। कम से कम छह पश्चिमी विधिशास्त्र इस आधार पर हरम की अनुमति देते हैं कि वे उन राज्यक्षेत्रों से होने चाहिये जहाँ बहुविवाह कानूनी रूप से वैध है जिसमें भारत और मुस्लिम बहुसंख्यक देश इण्डोनेशिया से सउदी अरब से मोरक्को तक शामिल हैं।
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संयुक्त राज्य ब्रिटेन - एक पत्नी के रहते दूसरी महिला से विवाह पर सात वर्ष का कारावास परंतु बहुविवाह सहन करने वाले देशों में कानून के अनुसार हरम की आज्ञा है। कार्य और पेंशन विभाग ऐसे युगल को प्रति सप्ताह सामाजिक लाभ के तौर पर 92.80 पौण्ड देता है और बहुलतासंस्कृति के नाम पर 33.65 पौण्ड प्राप्त करते हैं। राजकोष के अनुसार , “ जहाँ एक पुरुष और महिला ऐसे कानून के अंतर्गत विवाहित हैं जहाँ बहुविवाह मान्य है और उनमें से किसी के पास एकाधिक पत्नी है तो Tax Credits (Polygamous Marriages) Regulations 2003 के अंतर्गत उन्हें कर में छूट बहुविवाह के अनुसार मिलेगी। इसके अतिरिक्त हरम को अधिक सम्पत्ति की इच्छा पर अतिरिक्त आवासीय सुविधायें मिलेगीं।
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हालैण्ड - हालैण्ड के न्याय मंत्री अर्नस्ट हिर्श बालिन ने घोषणा की है कि बहुविवाही मुस्लिम विवाह से कानूनी व्यवस्था के आधार पर नहीं वरन बातचीत के आधार पर निपटा जायेगा।
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बेल्जियम - संवैधानिक न्यायालय ने देश से बाहर स्थापित हरम के एकीकरण को सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाये।
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इटली - बोलोग्ना के एक न्यायालय ने एक मुस्लिम आप्रवासी को अपने दो संतानों की माँ को इस आधार पर देश में लाने की अनुमति प्रदान कर दी कि बहुविवाह को कानूनी आधार पर संविदा का स्थान प्राप्त है।
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आस्ट्रेलिया - आस्ट्रेलिया के एक समाचार पत्र ने कहा कि बहुविवाह अवैधानिक है परंतु संघीय सरकार ने ब्रिटेन की भाँति उन सम्बन्धों को मान्यता दी जिन्हें बाहर के देशों में मान्यता प्राप्त है जिसमें बहुविवाह भी है। इसके अंतर्गत दूसरी पत्नी और संतानों को कल्याण और लाभ का दावा करने का अधिकार है।
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ओंटारिया कनाडा - कनाडा के कानून के अनुसार बहुविवाह के लिये कारावास का दण्ड है परंतु ओंटारियो पारिवारिक विधि अधिनियम ऐसे विवाहों को स्वीकार करता है जो वास्तव में बहुविवाह हैं या उनके ऐसा होने की सम्भावना है यदि ऐसा उस विधिशास्त्र के अधीन है जिसकी व्यवस्था में यह विधिसम्मत है।
इस प्रकार विमान के दो टिकट के लिये मुस्लिम सम्भावित ढंग से पश्चिमी कानूनों से बच कर निकल सकते हैं। कुछ दुर्लभ देश अब भी हरम को अस्वीकार करते हैं जिसे आयरलैण्ड। सामान्य रूप से जैसा कि इस्लामिस्ट वाच के डेविड रूसिन कहते हैं ,” उस समय जबकि सातवीं शताब्दी के विवाह के सउदी अरब के नियम प्रचलन में आ रहे हैं और अपनी जडें जमा रहे हैं तो सरकार दूसरी ओर मुँह किये है”
ऐसे समय जबकि पश्चिमी विवाह सिद्धांत चुनौती का सामना कर रहे हैं तो मुसलमान एक से अधिक दूल्हन के लिये कानूनी कमियों का परीक्षण कर रहे हैं और करदाताओं का सहयोग प्राप्त कर रहे हैं। इस घटनाक्रम के अपने निहितार्थ हैं जिस प्रकार एक पुरुष एक महिला के विवाह के सिद्धांत ने पश्चिम के आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास को आकार दिया उसी प्रकार इस्लामी कानून ( शरियत कानून) बडे पैमाने पर उस जीवन को परिवर्तित कर देंगे जैसा इसे हम जानते हैं।