एक दूसरे के आदान प्रदान में संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन के मध्य मृत्युदण्ड का फतवा हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम इंटरनेट युग में युद्ध की झलक देख सकते हैं।
यह विषय वहाँ से आरम्भ होता है जब अप्रैल में कामेडी सेंट्रल कार्यक्रम के अंतर्गत एक वयस्क कार्टून कार्यक्रम साउथ पार्क में पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून को लेकर प्रतिबन्ध की अवहेलना की गयी। इसके बाद एक अस्पष्ट वेबसाइट रेवोल्यूशन मुस्लिम डाट काम ( जिसके स्वामी को इसके बाद आतंकवाद सम्बन्धित आरोप में गिरफ्तार किया गया) ने इसकी प्रतिक्रिया में शो के लेखक को धमकी दी। इसके बाद ट्रे पार्कर और मैट स्टोन डर गये और कामेडी सेंट्रल ने इसके बाद मोहम्मद के किसी उल्लेख को प्रतिबन्धित कर दिया।
सियेटल वीकली के कार्टूनिस्ट मोली नोरिस ने पार्कर और स्टोन के साथ खडे होते हुए फेसबुक पर " Everyone Draw Muhammad Day" की अपील की और उन्हें यह आशा थी कि अनेक कार्टून बनाने वाले " Counter Comedy Central's Message about feeling afraid" का समुचित उत्तर देंगे। लेकिन नोरिस को आश्चर्य हुआ कि , निराशा हुई और भ्रम हुआ कि दूसरे लोगों ने उसके विचार को अत्यंत गम्भीरता से लिया और फेसबुक पर उसके विरुद्ध व्यापक अभियान आरम्भ हो गया और पाकिस्तान की सरकार ने अस्थाई तौर पर फेसबुक को प्रतिबंधित ही कर दिया। नोरिस ने अपने अभियान से पल्ला झाड लिया और क्षमा माँगते हुए स्थानीय काउंसिल आन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस से मित्रता करने का प्रयास भी किया जिसका कोई परिणाम नहीं निकला।
यमन के इस्लामवादी नेता अनवर अल अवलाकी ने जुलाई में इसके उत्तर में नोरिस के विरुद्ध मृत्युदण्ड का आदेश जारी कर दिया जिसे कि गलत ही सही लेकिन भडकाऊ ढंग से फतवा माना गया। पुलिस की सलाह पर सितम्बर में नोरिस न केवल भूमिगत हो गयी वरन अपने नाम और पेशे सहित पूरी तरह लुप्त ही हो गयी।
अवलाकी द्वारा नोरिस के लिये जारी फतवा पूरी कहानी का आधा भाग है और आधी कहानी अमेरिका सरकार द्वारा अवलाकी के विरुद्ध जारी किये गये फतवे की है।
अवलाकी का जन्म 1971 में निउ मैक्सिको में एक यमनी अभिभावक के घर हुआ था। उनके पिता नसीर 1978 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में पढे और नौकरी की जबतक कि उनका परिवार फिर से यमन नहीं लौट गया। अनवर 1991 में संयुक्त राज्य अमेरिका एक छात्र के रूप में गया और पूरे एक दशक अनेक डिग्री प्राप्त करने में बिताये ( अभियंता और शिक्षा) और इस सबके बाद वह अल कायदा पद्धति का इस्लामवादी व्यक्ति बना जो आतंकवाद की गतिविधियों में संलिप्तता से लेकर विचारधारागत फासीवाद में ओसामा बिन लादेन के समान बन गया। 11 सितम्बर 2001 के आतंकवादी आक्रमण के मामले में गिरफ्तारी के बाद रहस्यमय ढंग से वह छूट गया और यमन के सुदूर क्षेत्र में विचरण करने के लिये स्वतंत्र कर दिया गया और सरकार की पहुँच से बाहर जहाँ वह आज भी रह रहा है।
अमेरिका की कानून प्रवर्तन संस्थायें अवलाकी को अमेरिका की अनेक हिंसक घट्नाओं से जोड्ती हैं जिसमें कि फोर्ट हुड में हुई गोलीबारी भी शामिल है, डेट्रायट में नार्थवेस्ट वायुसेवा पर बम आक्रमण के प्रयास और टाइम्स स्क्वेयर पर बम के षडयंत्र से भी उसे जोडा जाता है। अवलाकी के आतंकवादी कीर्तिमान ने उसे अलग ही पहचान दे दी है। अप्रैल में पहली बार 250 वर्षों के इतिहास में अमेरिका ने उसे हत्या की सूची में डाल दिया जो इस देश का पहला ऐसा नागरिक होगा जिसे कि उसकी ही सरकार बिना विधिक प्रकिया का लाभ दिये मार देगी। सेना और खुफिया एजेंसियाँ दोनों ही उसे निशाना बना रही हैं। जैसा कि बिना नाम बताये एक अधिकारी ने बताया कि वह सभी की निगाह में है।
इसके उत्तर में उसके पिता ने अगस्त में अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और सेंटर फार कान्स्टीट्यूशनल राइट्स और ला सूट्स अगेंस्ट यू एस गवर्नमेंट की सहायता से अवलाकी को निशाना बनाये जाने को चुनौती दी है।
इस प्रकार परस्पर फतवों के आदान प्रदान की असधारण स्थिति से अनेक निष्कर्ष निकलते हैं।
पहला, नोरिस और सभी अमेरिकी इस समय रशदी नियम के अंतर्गत जीवन व्यतीत कर रहे हैं जो कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को दण्डित करता है जो कि इस्लाम, मोहम्मद या कुरान का असम्मान करता है। मोहम्मद का उपहास करने पर अपने आप के मालिक आप ही हैं। स्थानीय या राष्ट्रीय नेता उसके संकट पर कुछ भी नहीं कहेंगे। पत्रकार प्रायः स्वयं को बचाने के लिये चुप हो जाते हैं। किसी भी संगठन ने उसकी रक्षा के लिये धन एकत्र नहीं किया।
दूसरा, इंटरनेट इस पूरे प्रकरण का मूल है। इसने नोरिस के हँसोड विचार को एक अंतरराष्ट्रीय घट्ना बना दिया इसका समाचार दूर बैठे अवलाकी तक पहुँचा दिया और उसे बात का अवसर मिला कि वह अमेरिका के अपने सदस्यों को निर्देश दे सके। आज से दो दशक पूर्व ऐसा कुछ भी सम्भव नहीं था।
तीसरा, इंटरनेट और इस्लामवाद दोनों ने एकसाथ युद्ध का निजीकरण कर दिया है। अपनी इच्छा पर यमन में निवास कर रहा एक अमेरिकी वाशिंगटन राज्य में निवास कर रहे अमेरिकी के जीवन को बाधित कर सकता है। अमेरिकी सरकार ने एक नागरिक के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी।
चौथा, अवलाकी सीधे सीधे एक आतंकवादी है जो मृत्यु और अराजकता का उत्तरदायी है जबकि अमेरिकी सरकार की " मारे जाने की सूची" रक्षात्मक है। एक दुष्ट है और दूसरा नैतिक।
पाँचवा, असंगतता क्यों? जब अमेरिकी सरकार स्वयं को " चुनिंदा हत्या" की आज्ञा देती है तो फिर इसके लिये इजरायल को मना क्यों करती है?
अंत में, अवलाकी मृत्यु की घोषणा के दो राहे पर खडा है जहाँ वह एक ओर नोरिस को निशाना बना रहा है तो वहीं अमेरिका सरकार उसे ही निशाना बना रही है। यह इस्लामी संदर्भ में चौंकाने वाला है और अमेरिका के संदर्भ में भी। युद्ध की सीमायें अत्यन्त आश्चर्य, डरावने और नाटकीय हो गयी हैं।