नेशनल रिव्यू आनलाइन ने कुल 41 विश्लेषकों से प्रश्न किया, " 11 सितम्बर को हुए आक्रमण के दस वर्षों के उपरांत आपको उस दिन के बारे में क्या स्मरण है , सभी के उत्तर के लिये here देखें। मेरा उत्तर
एक टेलीविजन कार्यक्रम निर्माता ने मुझे बताया कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से एक विमान टकराया है, मैं कमरे की ओर भागा तो देखा कि उसी समय दूसरा विमान भी टकराया , टीवी स्टेशन सक्रिय हो गये , समय समय पर टीवी कार्यक्रमों में शामिल होता रहा , परन्तु अधिकतर समय अकेले कार्यालय में बैठकर आक्रोश में अमेरिकी नीतियों की असफलता पर लेख लिखता रहा ("U.S. Failure") जिसे कि नेशनल रिव्यू आनलाइन ने उसी दिन दोपहर को प्रकाशित किया।
11 सितम्बर 2001 को मेरे भीतर दो परस्पर विरोधी प्रतिक्रियायें हुईं: एक तो आरम्म्भिक रिपोर्ट के अनुसार 7,000 लोगों के मरने का समाचार सुनकर ह्र्दय शोक से भर गया तो वहीं मस्तिष्क में इसके रणनीतिक परिणामों का विचार गूँजने लगा और आशा जगी कि अमेरिका के लोग इस्लामवादी खतरे के प्रति ध्यान देंगे।
दूसरे विचार से कुछ संतोष हुआ । अधिकाँश अमेरिकावासियों के विपरीत 11 सितम्बर को मैंने सुरक्षित अनुभव किया क्योंकि मुझे आशा थी कि इस दिन की त्रासदी के बाद हमारे देश के लोग " अमेरिका की मौत" के आंदोलन के प्रति अंततः जागेंगे जो कि 1979 में तेहरान में अमेरिका के दूतावास पर प्रथम प्रहार के बाद से 800 लोगों को मौत की नींद सुला चुका है।
हालाँकि वह जागरण पूरा नहीं हुआ है। इस्लामवाद विरोधी प्रतिक्रिया जारी है और इससे आशा बँधी है कि जो लोग 11 सितम्बर को मारे गये थे उनकी मृत्यु व्यर्थ नहीं जायेगी।