ऐसा रोज नहीं होता जब गृह सुरक्षा का अमेरिका विभाग अमेरिका के प्रमुख विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य के लिये आने वाले स्विस राष्ट्रीयता के विद्वान का वीजा रद्द कर देता है. परन्तु अभी-अभी ऐसा हुआ है और अच्छा हुआ है.
ये स्विस विद्वान तारिक रमादान हैं. वह एक इस्लामवादी शक्ति हैं. उनके नाना हसन-अल-बना ने बीसवीं शताब्दी के सबसे सशक्त इस्लामवादी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड की स्थापना 1928 में मिस्र में की. तारिक एक स्विस नागरिक हैं क्योंकि उनके पिता सईद रमादान 1954 में मुस्लिम ब्रदरहुड पर हुई सख्ती के बाद मिस्र छोड़कर चले गये. सईद 1958 में जेनेवा पहुँचे और 1962 में तारिक का जन्म हुआ.
अपनी नस्ल और प्रतिभा के कारण तारिक अपनों के मध्य एक महत्वपूर्ण ताकत बनकर उभरे. इसके प्रतीक के रूप में टाइम पत्रिका ने अप्रैल में उन्हें विश्व के सौ अग्रणी वैज्ञानिकों और विचारकों में स्थान दिया. नोट्रे डेम विश्वविद्यालय ने हेनरी आर लूस के स्थान पर धर्म, संघर्ष और शान्ति स्थापना विषय पर प्रोफेसर देखना आरम्भ किया तो उनकी दृष्टि में रमादान का नाम आया.
2004 के आरम्भ में प्रस्ताव और उसकी स्वीकृति हुई और फरवरी में उनका वर्क वीजा बना. रमादान ने एक घर खरीदा, अपने चार बच्चों के लिये विद्यालय स्थापित किये तथा अपने व्यक्तिगत सामान इण्डियाना में साउथ बेन्ड में भेज दिये. सम्भव था अगले कुछ दिनों में वे अपना कार्य आरम्भ कर देते. परन्तु रमादान के अमेरिका आने के 9 दिन पूर्व 28 जुलाई को उन्हें बताया गया कि गृहभूमि सुरक्षा के अमेरिकी विभाग ने उनका वीजा रद्द कर दिया है. इस विभाग के प्रवक्ता रस नोक ने बाद में स्पष्ट किया कि ऐसा कानून के अनुपालन में ही किया गया है. इस कानून के अनुसार किसी भी देश में महत्वपूर्ण पद पर बैठे हुये व्यक्ति द्वारा आतंकवाद को प्रश्रय देने पर उस विदेशी व्यक्ति के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है. श्री नोक ने बताया कि वीजा को सार्वजनिक सुरक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों में रद्द किया गया है.
रमादान ने स्वाभाविक रूप से वीजा रद्द होने को अन्यायपूर्ण और राजनीतिक दबाव में उठाया गया कदम करार दिया है. यहाँ तक कि सरकारी विभाग के इस निर्णय के लिये उन्होंने मुझे दोषी ठहराया है. इससे अधिक क्या हो सकता है? सरकारी विभाग को मुझसे अधिक पता होगा परन्तु वे इस बारे में बात नहीं करना चाहते.
प्रेस का सर्वेक्षण करने से पता चलता हे कि समस्या क्या है ? यहाँ कुछ कारण दिये जा रहे हैं जिसके चलते उन्हे देश से बाहर रखा गया - उन्होंने सूडान के क्रूर राजनेता हसन-अल-तुराबी की प्रशंसा की बदले में तुराबी ने रमादान को ‘इस्लाम का भविष्य’ बताया.
- रमादान को 1996 में अल्जीरिया के एक इस्लामवादी संगठन के साथ सम्बन्धों के सन्देह में फ्रांस में प्रवेश करने से प्रतिबन्धित कर दिया गया था. इस संगठन ने हाल में ही पेरिस में आतंकवादी अभियान चलाया है.
- स्पेन के जज बाल्टासार गार्जोन ने 1999 में बताया कि अल कायदा के साथ सम्बन्धों के आरोपी अहमद ब्राहिम के साथ रमादान के नियमित सम्बन्ध हैं.
- पेरिस में अमेरिकी दूतावास पर हमले की योजना बनाने वाले गुट के नेता जामेल बेघाल ने 2001 में अपने परीक्षण के दौरान बताया कि उसने रमादान के साथ पढ़ाई की है.
- प्राय: सभी इस्लामवादियों के साथ रमादान ने भी इन्कार किया कि कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि 11 सितम्बर की घटना के पीछे बिन लादेन है.
- उन्होंने सार्वजनिक रूप से 11 सितम्बर,बाली और मैड्रिड की इस्लामवादी क्रूरता को ‘हस्तक्षेप’ का परिणाम बताकर एक प्रकार से उनका समर्थन किया.
ली पेरिसियन की रिपोर्ट के अनुसार 11 सितम्बर से पीड़ित कुछ परिजनों के साथ काम करने वाले पूर्व फ्रांसीसी खुफिया अधिकारी जीन चार्ल ब्रिसाड ने भी कुछ कारण खोज निकाले हैं-
खुफिया एजेन्सियों को सन्देह है कि रमादान ने अपने भाई हानी के साथ मिलकर जेनेवा के होटल पेन्टा में अल कायदा के उपप्रमुख अयमान अल जवाहिरी और मिनेसोटा जेल में कैद अन्धे शेख उमर अब्दुल रहमान के बीच बैठक कराई थी.
· रमादान का पता अल-तकवा बैंक के रजिस्टर में पाया गया है जो राज्य विभाग के अनुसार इस्लामी आतंकवाद का समर्थन करता है.
इसके बाद ओलीवर गुईटा द्वारा एक सम्भावना व्यक्त की गई है कि ओसामा बिन लादेन ने तारिक के पिता के साथ जेनेवा में अध्ययन किया है. उनका कहना है कि कल का आतंकवादी और कल का विद्वान दोनों एक दूसरे से परिचित थे.
रमादान ने आतंकवादियों के साथ सम्बन्धों को नकारा है,परन्तु परिपाटी स्पष्ट है. जैसा कि ली स्मिथ ने द अमेरिकन प्रास्पेक्ट में लिखा है वह एक सुलझा हुआ इस्लामवादी है जिसका पश्चिम की मौत का आह्वान शालीन और मन्द है, परन्तु है यह भी जिहाद.
इन उदाहरणों से स्पष्ट हो जाता है कि तारिक रमादान को अमेरिका से बाहर रखने के लिये अमेरिकावासियों को क्यों सरकारी विभाग को धन्यवाद देना चाहिये. परन्तु कहानी यहीं समाप्त नहीं होती-राज्य विभाग ने तारिक रमादान से कहा है कि वे दूसरे प्रकार के वीजा के लिये आवेदन करें. इस प्रकार यह पूरा प्रकरण एक अनिर्णीत मैच के पहले चक्र के रूप में साबित हो रहा है.
रमादान के वीजा रद्द होने के सम्बन्ध में ये लेख भी देखें.
इसके अतिरिक्त इस विषय पर मैंने तीन वेबलाग भी दिये हैं :