पिछले सप्ताह 20 वर्षीया मुसरा अज्जामी गाजा में समुद्री तट पर जब अपनी मंगेतर और बहन के साथ विचरण कर रही थी, हमास के सतर्कता विभाग वालों की नजर उन पर पड़ी और उन्हें सन्देह हुआ कि वे किसी अनैतिक गतिविधि में लिप्त हैं. उन्होंने उसका पीछा किया और जैसे ही वह अपनी कार में मंगेतर के साथ बैठी उसे गोली मार दी, उसके मृत शरीर को कार से बाहर निकालकर निर्दयतापूर्वक लोहे की छड़ें मारकर वीभत्स कर दिया.
यह क्रूरता सन् 2000 से आरम्भ हुई हमास की दिन-प्रतिदिन की गतिविधि का हिस्सा है जिसमें अब तक 400 इजरायलवासी मौत के घाट उतारे जा चुके हैं. आश्चर्य नहीं कि अमेरिका तथा अन्य सरकारों ने हमास को आतंकवादी संगठन माना है.
परन्तु ऐसे संगठन के साथ वे कैसे पेश आ रहे हैं ? इस सम्बन्ध में दो अलग-अलग पहल विद्यमान हैं और इन दोनों का उल्लेख राष्ट्रपति बुश ने किया है. जून 2003 में उन्होंने कहा कि मुक्त विश्व में जो लोग स्वतन्त्रता और शान्ति से प्रेम करते हैं उन्हें हमास के साथ कठोरता से पेश आना चाहिए और बिशेष रूप से कहा कि हमास को नष्ट किया जाना चाहिये. यद्यपि पिछले महीने उन्होंने हिजबुल्लाह को एक अवसर दिया कि वह हथियार डालकर तथा शान्ति के लिये खतरा न बनकर यह सिद्ध करे कि वह आतंकवादी संगठन नहीं है.
यह चिन्तनीय दूसरा दृष्टिकोण अमेरिकी सरकार में बढ़ते समर्थन के साथ अपना आकार ग्रहण कर रहा है. अनेक कूटनीतिज्ञ और खुफिया अधिकारियों का विश्वास है कि मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ संलग्न होने से हिंसक जिहादियों को अलग-थलग किया जा सकेगा. अरबी भाषा के समाचार सूत्रों ने रिपोर्ट दी है कि हाल में अमेरिका के अधिकारियों ने मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं से भेंट की है.
इस गलत विचार को आगे बढ़ाने के लिये दिसम्बर 2004 में Conflicts Forum की स्थापना हुई. इसका उद्देश्य न केवल कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी गुटों के प्रति योजना मे परिवर्तन कराना है वरन् कट्टरपंथी इस्लाम के प्रति पश्चिम के दृष्टिकोण में परिवर्तन कराना है. Conflicts forum पश्चिम में पनप रहे इस परम्परागत विचार को चुनौती देना चाहता है कि इस्लामवाद एक ऐसी विचारधारा है जो वैश्विक लोकतन्त्र और अच्छे प्रशासन की शत्रु है.
इस फोरम के अनेक फायदे हैं, उपर्यक्त “पश्चिम में पनप रहे विचार” की बात करें तो उसके प्रति यह काफी नरम है. इस गुट का संस्थापक 55 वर्षीय एलेस्टर क्रुक ब्रिटिश खुफिया एजेन्सी और यूरोपीयन संघ की कूटनीति में अग्रणी नाम रहा है. इसने अनेक उद्घाटन अवसरों पर बढ़-चढ़कर भाषण दिये ( लन्दन स्कूल आँफ इकोनाँमिक्स में “ आतंकवादियों के साथ बातचीत करना आवश्यक है” , काउन्सिल आँन फारेन रिलेशन्स में “ क्या हमास एक सम्भावित साझीदार हो सकता है”) उन्हें प्रेस से समर्थन भी मिलता है.
परन्तु क्रुक की वास्तविक पहचान जून 2002 में हुई जब यूरोपियन संघ के प्रतिनिधि होते हुये भी उन्होंने हमास के नेताओं के साथ गोपनीय बैठक की. हमारे पास हमास द्वारा बनाया हुआ बैठक का ब्य़ौरा उपलब्ध है. (इसे क्रुक अनुपयुक्त मानते हैं) .क्रुक की तुष्टीकरण और धिम्मी मानसिकता के लिये इसे पूरा पढ़ा
· उन्होंने स्वीकार किया कि हमास ने यूरोप के दो उच्च श्रेणी के राजनेताओं से जोर दिया कि फिलीस्तीन की दृष्टि में यूरोप का स्तर गिर रहा है क्योंकि यूरोप फिलीस्तीन का पर्याप्त समर्थन नहीं करता.
· मध्य-पूर्व की प्रमुख समस्या इजरायली कब्जा है . यह हमास के लिये कर्णप्रिय है.
· एक प्रमुख आतंकवादी संगठन के नेता से उन्होंने कहा “ जहाँ तक आतंकवाद की बात है ,मुझे इस शब्द से घृणा है” इसमें अन्तर्निहित है कि वे हमास के लोगों को स्वतन्त्रता सेनानी मानते हैं.
यह अन्तिम बात क्रुक द्वारा सार्वजनिक रूप से आतंकवाद को खतरा मानने से इन्कार करने के अनुकूल है. उनके अनुसार पश्चिम आतंकवाद का नहीं वरन् कम खतरनाक, अव्यवस्थित, धुरी विहीन, सुदूर आधारित और अनियमित उग्रवाद का सामना कर रहा है. उनका Conflicts forum जिसे पैट्रिक सील असन्तुष्ट कूटनीतिज्ञों और खुफिया अधिकारियों का समूह कहते हैं, एक निजी कूटनीति में संलग्न है जो इस्लामवादी आतंकवाद के खतरे को कम करता है.
इसी प्रकार पिछले महीने बेरूत में चार इस्लामवादी आतंकवादी गुटों के नेताओं के साथ इस फोरम की बैठक में मनोभाव और भोजन इतना अच्छा था कि असहज विषय चर्चा में आ ही नहीं सकता. इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे पत्रकार स्टीफन ग्रे ने कहा “बेरूत में बातचीत के लिये आमन्त्रित रात्रि भोजन पर हमास के लोगों के साथ हंसी-मजाक करते हुये मुझे व्यक्तिगत तौर पर आश्चर्य हुआ कि आत्मघाती हमले में मारे गये बालक की माता से यह कुछ कैसे बताया जा सकता है”
Conflicts forum एक युद्ध को छेड़ने और उसे जीतने के विरुद्ध एक प्रलोभनकारी विकल्प उपलब्ध करा रहा है. दुर्भाग्यवश इसकी गलत दिशा, पराजित मानसिकता और निराशाजनक पहल युद्ध को पहले ही हार रही है. इनके विचार को सिरे से खारिज किया जाना चाहिये.
Conflicts forum की आधिकारिक प्रतिक्रिया -
मई 3, 2005
अमेरिका में CONFLICTS FORUM के निदेशक और इसके साझीदार संगठन एलाएन्स फाँर सिक्यूरिटी की ओर से आपके समाचार पत्र में डेनियल पाइप्स द्वारा हमारे और हमास के कार्यक्रम के सम्बन्ध में की गई टिप्पणी का स्वागत करता हूँ. श्री पाइप्स निश्चित रुप से लोकतन्त्र के प्रति समर्थन और हमारे देश के आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध के मुखर वक्ता के रुप में माने जाते हैं. इस क्षेत्र में लोकतन्त्र का विस्तार करने के कार्य में हम उनका समर्थन करते हैं.
परन्तु हमास के उद्देश्यों को लेकर उनकी निर्मूल धारणा पर हमें आपत्ति है. सामान्य सत्य तो यह है कि अमेरिका ने हमास को आतंकवादी के रुप में सूचीबद्ध कर रखा है परन्तु इस गुट ने कभी किसी अमेरिकी को मारा है. क्या संगठन ने इजरायलवासियों पर हमला किया है? दुर्भाग्यवश ऐसा हुआ है. उनके बहुत से हमले क्रूर हैं जिनमें निर्दोष लोगों की जान गई है. परन्तु अपने संगठन के निदेशक के तौर पर पश्चिमी तट, गाजा और इजरायल में काफी समय बिताने के बाद स्पष्ट कह सकता हूँ कि दोनों तरफ से खून बह रहा है, इनमें इस जटिल संघर्ष में गोलीबारी में निर्दोष फिलीस्तीनी भी शामिल हैं.
हम इसे कैसे रोक सकते हैं? हम अमेरिकी अपने देश की सुरक्षा का निर्माण और मध्यपूर्व में लोकतंत्र को कैसे प्रश्रय दे सकते हैं . जब हमास की बात आती है तो हमारे पास तीन विकल्प हैं – हम इस संगठन पर बमबारी कर इसके सदस्यों को मारने का प्रयास कर सकते हैं , उनकी उपेक्षा कर सकते हैं या फिर इनके साथ बात-चीत में संलग्न हो सकते हैं जिससे बेहतर शांति की संभावनायें बनती हैं .
हमास जुलाई में पश्चिमी तट और गाजा में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने प्रत्याशी ला रहा है . संभावना है कि वे बड़ी मात्रा में जीत कर आयेंगे . क्या हमें उन्हें लोकतांत्रिक अवसर से वंचित करना चाहिए . क्या हमें अपने प्रिय लोकतांत्रिक मूल्यों को स्वीकार करने पर उनकी आलोचना करनी चाहिए .
कन्फिल्कट्स फोरम और एलायंस फॉर सिक्योरिटी की ओर से मुझे लगता है कि हम अमेरिकावासियों को उन लोगों की हर संभव सहायता करनी चाहिए जो न्याय , शांति जवाबदेही और पारदर्शिता के हमारे मूल्यों पर अपने समाज को स्थापित करना चाहते हैं. हमास ने यह ऐतिहासिक चयन किया है .हम अपने भय के साथ भी बने रह सकते हैं या फिर हम नेतृत्व के साथ बातचीत कर निर्दोष लोगों की क्षति को रोक सकते हैं.
मार्क पेरी
वाशिंगटन डीसी
डैनियल पाईप्स की प्रतिक्रिया –
मार्क पेरी के तार्किक उत्तर के लिए उनका धन्यवाद करता हूं कि एक प्रमुख बिन्दु कि हमास ने अमेरिका के लोगों पर कभी हमला नहीं किया बिल्कुल गलत है. हमास ने इजरायल में बड़ी संख्या में अमेरिकनों को मारा है . उसके बाद उन्होंने इस बात की भी अवहेलना की है कि उसने अमेरिका में आधारभूत ढ़ांचा खड़ा कर लिया है . इस विषय को मैंने उनकी प्रतिक्रिया के तत्काल बाद हमास बनाम अमेरिका में स्पर्श किया है .