मुस्लिम महिलाओं का एक विदेशी सर और शरीर का वस्त्र पश्चिम में आम हो चला है साथ ही राजनीतिक विभाजन और विधिक विवाद का कारण भी है।
हिजाब (सर ढँकना) डेट्रायट में काफी लोकप्रिय है परन्तु फ्रांस के पब्लिक स्कूलों में प्रतिबन्धित है। इण्टरनेशल फुटबाल असोसिएशन बोर्ड द्वारा इसे हतोत्साहित किया गया है और संयुक्त राज्य अमेरिका के जार्जिया न्यायालय से निकाल दिया गया है।
जिजाब (एक वस्त्र जो केवल हाथ और चेहरे को खुला रखता है। वह कुछ मात्रा में एक मामले में टोनी ब्लेयर की पत्नी ने इसका पक्ष लिया जिससे पहले तो अनुमति दी गई बाद में अंग्रेजी स्कूलों में रोक दिया गया।
नकाब (आँख को छोड़कर शेष सब आवृत रखना) एक गर्मागर्म विषय बना जब ब्रिटेन के लेबरर राजनेता जैक स्ट्रा ने लिखा यह पहने हुई महिला से बातचीत करने में असहज महसूस करते हैं। जब क्यूबेक के चुनाव अधिकारियों ने मतदान बूथ से इसे निरस्त कर दिया, फ्लोरिडा में वाहन चालक लाइसेन्स के लिए जज ने इसकी अनुमति नहीं तो ब्रिटिश न्यायालयों ने इसे अनुमति दी और नगर पालिका के चुनाव के एक प्रत्याशी ने हालैण्ड में इसे पहना। ब्रिटेन के अस्तपालों ने तो मरीजों के लिए एक नकाब गाउन ही खोज निकाला।
बुर्का (सम्पूर्ण सर और शरीर ढँकना) को ब्रिटेन की कक्षाओं में प्रतिबन्धित किया गया है, बेल्जियम के कस्बों में पाँच स्थानों पर यह सार्वजनिक स्थान पर गैर - कानूनी है और हालैण्ड के विधायकों ने भी इसे प्रतिबन्धित करने का प्रयास किया था। इटली के चार्टर ऑफ वैल्यूज सिटीजनशिप एण्ड इमिग्रेशन ‘ ने चेहरा ढंकने को अस्वीकार्य बताया है। अमेरिका में एक न्यायालय कक्ष से बुर्काधारी एक महिला को बाहर कर दिया।
संक्षेप में इस्लामी सर पर पहनावे के लिए पश्चिम में कोई सामान्य नियम नहीं है।
कुछ पर्यवेक्षक सार्वजनिक स्थान पर हिजाब को प्रतिबन्धित कर देगें परन्तु ऐसा करने के पीछे क्या कानूनी आधार है। मेरे नियम के अनुसार मुसलमानों को भी उसी प्रकार के कानून और प्रतिबद्धतायें हैं जैसा अन्य नागरिकों को, परन्तु कोई विशेष अधिकार या प्रतिबद्धता नहीं । एक महिला की अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता उसे हिजाब धारण करने का विकल्प देती है। इसके विपरीति बुर्का और नकाब को सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिबन्धित कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह सुरक्षा के लिए खतरा है। कोई भी महिला या पुरूष, मुसलमान या गैर-मुसलमान शालीन नागरिक , भगोड़ा या अपराधी इसका लाभ ले सकता है फिर क्या पता कि किसका उद्देश्य बुरा है ?
कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं (पूर्ण विवरण मेरे वेबलाग ‘The Niqab and Burqa as security threats’ में उपलब्ध है) जुलाई में लगभग भगाने की घटना सामने आई जब पाकिस्तान में इस्लामाबाद में लाल मस्जिद परिसर से 46 वर्षीय अब्दुल अजीज गाजी ने भागने की कोशिश की जहाँ से उसने सरकार को गिराने की कोशिश की थी। वह ऊँची हील और काले बुर्के धारण किये थे परन्तु दुर्भाग्यवश उसकी ऊँचाई और शारीरिक रचना के कारण वह गिरफ्तार हुआ।
जुलाई 2005 के लन्दन विस्फोटों में से एक 26 वर्षीय यासीन उमर ने दो बार बुर्के का सहारा लिया एक बार अपराध स्थल से भागते समय और दूसरा एक दिन बाद लन्दन से मिडलैन्ड्स की ओर भागते समय।
अन्य बुर्काधारी पुरूष भगोड़ों में ब्रिटेन में हत्या का संदिग्ध आरोपी जो सोमालियन था, इजरायल के न्याय से भागा एक फिलीस्तीनी हत्यारा , अफगानिस्तान में नाटो सेना से भागा एक तालिबान सदस्य और पाकिस्तान में सुन्नी इस्लामवादी का एक हत्यारा।
बुर्का और नकाब से गैर राजनीतिक आपराधिक व्यवहार की सहायता मिली है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि डकैती या लूट का सबसे अच्छा स्थान गहनों की दुकानें (कनाडा ग्रेट – व्रिटेन और भारत के उदाहरण) और बैंक हैं (ग्रेट व्रिटेन , बोस्निया और 2007 में फिलाडेल्फिया में दो अक्रामक) कीनिया में सड़कों पर चलने वाली वेश्यायें बुइबुइज का सहारा लेती हैं जो नकाब से कुछ अधिक चेहरे को खुला रखता है ताकि आसानी से पुलिस से बचा जा सके ।
इन वस्त्रों से वैश्विक भय को व्यक्त करते हुए हाल की एक पाकिस्तानी डरावनी फिल्म ‘निकाबखाना ’ ( उर्दू में कसाई खाना ) में एक नरभक्षी हत्यारे को ‘ बुर्का पुरूष ‘ की संज्ञा दी गई है।
चेहरा ढँकने की परम्परा आदिवासी परम्परा का अंग है जो न तो इस्लामी कानून और न ही स्वयं के कानून पर आधारित है।
उदाहरण के लिए सउदी अरब अस खर्ज क्षेत्र में कुछ आदिवासी महिलाएं रजस्वला पर बुर्का धारण करती हैं और फिर से उसे कभी नहीं उतारतीं न तो अन्य महिलाओं के लिए न अपने पति के लिए और न अपने बच्चे के लिए। इनके परिवार के सदस्य भी मुश्किल से महिला का चेहरा देख पाते हैं।
ब्रिटेन के शोधकर्ता बुर्का और नकाब हटाने का एक और कारण देते हैं उनके अनुसार ढँकी हुई महिला जब अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो उसे पर्याप्त मात्रा में विटामिन – डी नहीं मिल पाता ( जो कि सूर्य की रोशनी से त्वचा ग्रहण करती है ) और बच्चों के लिए रिकेट का खतरा उत्पन्न हो जाता है।
इस्लाम में महिला को आकारहीन चेहराविहीन रखने की बात नहीं है अच्छे भाव में शालीनता की बात की गई है। वह समय आ गया है जब हर जगह सार्वजनिक स्थान पर अस्वाथ्यकर सामाजिक विभाजक , आतंकवाद सहायक और अपराध – मित्र इस वस्त्र पर प्रतिबन्ध लगाया जाये।