मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने एक और दिन लगभग आँसू बहाते हुए कहा कि
“यदि इराक में कभी युद्ध समाप्त होता है तो इसके भयानक परिणाम होंगे ’’उन्होंने भविष्यवाणी की कि “आतंकवाद को बल मिलेगा ’’एक बिन लादेन के स्थान पर सैकड़ों बिन लादेन होंगे, आतंकवादी संगठन संगठित होंगे तथा सभी कुछ असुरक्षित होगा ”।
इसी प्रकार की भयानक भविष्यवाणी कुछ और लोगों ने भी की
जार्डन के सूचना मंत्री मोहम्मद अदवान ने कहा , बढ़ने वाले उग्रवाद को रोक पाना काफी कठिन होगा ’’।
ब्रिटेन के पूर्व सउदी राजइत गाजी कुसैबी ने कहा “ क्रोध के प्रदर्शन के लिए और अधिक आतंकवादी हमले तथा हिंसा होगी ’’।
स्काटलैण्ड में सेन्ट एण्ड्रयूज विश्वविद्यालय के मैगनस रैन्सतोर्प के अनुसार “बिन लादेन के लिए और सिपाही भर्ती करने का कारण बनेगा युद्ध ’’
पेन्सिलवेनिया विश्व विद्यालय के नुबार होवेसपियन के अनुसार “ 1991 से बिन लादेन उत्पन्न हुआ और 2003 और भी उत्पन्न करेगा ’’।
वास्तव में संक्षेप में इसका उलट घटित होने वाला है। इराक में युद्ध से आतंकवाद में कमी आयेगी ।
ऐसा ही कुछ डेढ़ वर्ष पूर्व अफगानिस्तान में घटित हुआ था ।
ओसामा बिन लादेन को मुसलमानों के मध्य कहीं अधिक समर्थन प्राप्त था जितना आज सद्दाम हुसैन को प्राप्त है। उसे विश्व का सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति कहा जाता था। उसके पोस्टर गलियों में दिखते और नये जन्म लिए बालक का नाम उस पर रखा जाता था। अमेरिका की तेल की लालच जैसे दावों और अफगानिस्तान मे जनसंहारके समकक्ष कष्ट की बातों से भावनायें भड़की हुई थी।
पाकिस्तान की सरकार अपदस्थ होने के कगार पर थी। अफगानिस्तान की शत्रुता अमेरिका के विरूद्ध आक्रोश बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही थी। कुछ लोगों ने तो मुबारक की भविष्यवाणी को पीछे छोड़ दिया था। लन्दन के गार्जियन में एक फिलीस्तीनी का साक्षात्कार हुआ जिसने कहा कि वे बिन लादेन को मार सकते हैं परन्तु सैकड़ों और बिन लादेन होंगे,परन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ।
तालिबान दो महीने के भीतर ध्वस्त हो गये और उसके साथ ये भविष्यवाणियाँ भी ।
अफगानों ने स्वतन्त्र होने पर खुशियाँ मनाई और उसे वाशिंगटन के प्रति मुसलमानों का गुस्सा पिघल गया।
अमेरिका की विजय ने उग्रवादी इस्लाम की आवाज को मद्धिम कर दिया। नेशनल जर्नल
के स्टुअर्ट टेलर जूनियर ने कहा कि जब कट्टरपंथियों को अपना पक्ष हारता दिखता है तो उनकी प्रतिबद्धता कम हो जाती है। यही रझान इस समंय भी घटित हो रहा है।
अमेरिकी अरब देशों में विमान हमलों के पहले सप्ताह कुल 9 अरब देशों में अमेरिका विरोधी प्रदर्शन हुए दूसरे सप्ताह ये तीन हो गये, तीसरे सप्ताह एक, चौथे सप्ताह दो और फिर शून्य। मुसलमानों का क्रोध बिन लादेन की ओर मुड़ गया और उस पर इस्लाम को बदनाम करने के लिए यहूदी एजेन्ट होने का आरोप लगाया गया। सरकारों ने उग्रवादी इस्लाम पर सख्ती करने का साहस दिखाया। उदाहरण के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों ने सैकड़ों कार्यालय बन्द किये और 2,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया ।
मेरी अपेक्षा है कि 2001 के समान कारणों के चलते गठबन्धन सेना की इराक में विजय के बाद मुस्लिम क्रोध कम हो जायेगा।
इराकी कृतज्ञता – उत्तरी इराक में एक युवा लड़की ने अमेरिका सेना अंग्रेजी में आई लव यू कहा दक्षिण में नजफ में लोंगो का मूड वार्षिकोत्सव का है ।मुक्त हुए इराकियों की कृतज्ञता को देखते हुए लगता है कि युद्ध के चलते इराकी जनसंख्या को हुए कष्ट का क्रोध कम हो जायेगा।
क्षतियाँ – आनुपातिक तौर पर जान-माल की कम क्षति तथा गठबन्धन द्वारा हो रही देख भाल के चलते अपनी स्वतन्त्रता के लिए कीमत अदा कर रहे इराकियों का क्रोध कम हो जायेगा ।
इस्लाम – इराकी रास्ते विशेषकर उनके धर्म का सम्मान करने के कारण इसके क्रूसेड होने की आशंकायें कम होगी।
तेल – जार्डन में हुए एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार उत्तरकर्ता 83 प्रतिशत लोग मानते हैं कि वाशिंगटन इराक में तेल के नियन्त्रण के लिए लड़ रहा है। परन्तु जब नई इराकी सरकार तेल संसाधनों का नियन्त्रण अपने हाथ में लेगी तो यह सन्देह समाप्त हो जायेगा।
साम्राज्यवाद – जिस उत्साह से गठबन्धन ने इराक पर नियन्त्रण से स्वयं को हटाया है उससे इराक का अमेरिका का एक अंग बनने का भय समाप्त होगा।
शक्तिशाली घोड़ा – जैसा कि बिन लादेन ने स्वयं कहा है “ जब लोग एक शक्तिशाली घोड़े और कमजोर घोड़े को देखते हैं तो स्वाभाविक रूप वे शक्तिशाली घोड़े को पसन्द करेंगे ’’। गठबन्धन सेना को विजय सिद्ध करेगी कि शक्तिशाली घोड़ा कौन है और इससे इसके शत्रुओं का लड़ने का हौंसला पस्त होगा।
जैसा कि अब अक्टूबर 2001 की तीव्र भावना भुला दी गई है उसी प्रकार इस क्षण का हश्र होगा। इससे लगता है कि इराक में अमेरिका की विजय उसे क्षति पहुँचाने के बजाय सुरक्षा देगी । आज की आक्रोश की अवहेलना की जा सकती है। यह समय भविष्य के बिन लादेन के लिए सोचने का नहीं वरन् सद्दाम हुसेन के विरूद्ध काम करने का है।