अब जबकि डेमोक्रेट पार्टी के प्राथमिकी के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं तो अमेरिकी मतदाता राजनीतिक महत्व के विषयों पर ध्यान दे सकते हैं। उदाहरण के लिये अमेरिका के राष्ट्रपति पद के दो प्रमुख प्रत्याशी इजरायल और उससे जुडे मुद्दों पर किस प्रकार राय रखते हैं। द एटलांटिक के पत्रकार जेफ्री गोल्डबर्ग ने मई माह के आरम्भ में डेमोक्रेट बराक ओबामा और मई उत्तरार्ध में रिपब्लिकन मैक्केन के साथ साक्षात्कार किया और उस आधार पर दोनों की ही कुछ अंतर्दृष्टि मिलती है।
सामान्य रूप से दोनों से ही एक ही प्रकार के प्रश्न पूछे गये और दोनों ही बिल्कुल विरोधी दिशा में गये। ओबामा ने इस साक्षात्कार का उपयोग इजरायल समर्थक और यहूदी समर्थकों को अपने सद्भाव से परिचित कराने में किया। उन्होंने तीन बार इजरायल के लिये अपना समर्थन दुहराया, “ एक सुरक्षित यहूदी राज्य का विचार मूल रूप में न्यायसंगत और आवश्यक विचार है”, “ एक सुरक्षित यहूदी राज्य जो कि सुरक्षित हो ... एक सही विचार है और इसका समर्थन यहाँ अमेरिका में और समस्त विश्व में किया जाना चाहिये” “ और मेरे राष्ट्रपतित्व काल में इजरायल की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं पायेगे”
उसके उपरांत ओबामा ने अपने समर्थन को विशेष रूप से चार यहूदी सन्दर्भों में समझाया।
व्यक्तिगत कारण- “ जब भी मैं इजरायलवादी विचार के बारे में सोचता हूँ, जब मैं सोचता हूँ कि किस प्रकार एक बालक एक युवा के रूप में मेरे विचारों ने इजरायल के बारे में स्वरूप ग्रहण किया। जब मैं कक्षा छ्ह में था तो मेरे साथ एक एक शिविर परामर्शदाता था जो अमेरिकी यहूदी था और जिसने इजरायल में अपना समय बिताया था”
राजनीतिक कैरियर- “ जब मैंने संगठन आरम्भ किया तो तो शिकागो में मेरे दो सहयोगी संगठक यहूदी थे और उनके साथ जुडे रहने के कारण मुझ पर आक्रमण हुआ। इसलिये मैं अपने यहूदी मित्रों के साथ छुपकर रहा”
विचार- “ मैं प्रायः मजाक करता हूँ कि मेरा सारा बौद्धिक विकास यहूदी विद्वानों और लेखकों के आधार पर हुआ है हालांकि उस समय मुझे इसका आभास भी नहीं था। चाहे वे धर्मशास्त्री या फिलिप रोथ ने मेरी बुद्धिमत्ता को स्वरूप दिया या फिर और अधिक लोकप्रिय लेखक लिओन उरिस”
दर्शन- “ स्टाफ के लोग प्रायः नैतिक प्रश्नों पर आक्रोशित करने के कारण मुझे चिढाते थे। मुझे लगता है कि इसका कुछ कारण यहूदी विचार थे कि आपके कार्य का कुछ नैतिक परिणाम था और इनका महत्व था और इसी कारण हमारा नैतिक महत्व था” ।
इसके विपरीत मैक्केन ने अपनी इजरायलवादी या यहूदी समर्थक प्रामाणिकता स्थापित करने का कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने इस साक्षात्कार का उपयोग व्यावहारिक नीतिगत विषयों और विशेष रूप से ईरान के खतरे को उठाने में किया। उदाहरण के लिये यह पूछे जाने पर कि इजरायलवाद कितना न्यायसंगत है उनका उत्तर था, “ यह महत्वपूर्ण है कि इजरायलवाद युद्ध के मध्य और परीक्षणों के मध्य है और यह लोकतंत्र व सामाजिक न्याय और मानवाधिकार के आदर्शों के साथ तेजी से जोडा जा रहा है” उन्होंने आगे कहा, “ मेरे विचार में इजरायल राज्य आतंकवादी संगठनों के महत्वपूर्ण खतरों और साथ ही ईरान द्वारा इजरायल को मानचित्र से समाप्त करने जैसी वकालत के खतरों से जूझ रहा है” एक बार फिर ईरान का उल्लेख करते हुए मैक्केन ने प्रतिबद्धता जतायी कि वे एक और नरसंहार नहीं होने देंगे।उन्होंने इजरायल के नष्ट होने का अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर होने वाले प्रभाव का सन्दर्भ दिया और तेहरान प्रायोजित आतंकवादी संगठनों के संयुक्त राज्य अमेरिका को नष्ट करने के आशय पर जोर दिया।
दूसरा महत्वपूर्ण अंतर अरब- इजरायल संघर्ष के महत्व को लेकर है। ओबामा ने इसे एक “ खुला घाव” बताया जिससे हमारी पूरी विदेश नीति प्रभावित है। विशेष रूप से उन्होंने कहा कि इसका समाधान नहीं होने से “ अमेरिका विरोधी उग्रवादी जिहादियों को अमेरिका के विरुद्ध कार्रवाई का तर्क मिल जाता है”। मैक्केन से जब ओबामा के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस तर्क को बकवास बताया कि कट्टरपंथी इस्लाम अरब- इजरायल विवाद का परिणाम है। “ मुझे नहीं लगता कि यह विवाद एक घाव है। मेरी दृष्टि में यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये चुनौती है”। यदि इजरायल- फिलीस्तीन विवाद का समाधान अभी कल कर दिया जाये तो भी “ कट्टरपंथी इस्लामी अतिवाद के भयानक खतरे का सामना हमें करना होगा”।
अंत में दोनों इस बिन्दु पर भी असहमत थे कि पश्चिमी तट पर निवास करने वाले इजरायलियों का आयात हो। ओबामा ने इस बिन्दु पर अधिक जोर दिया और टिप्पणी की कि यदि उनकी संख्या इसी प्रकार बढ्ती रही तो “ हम उसी यथास्थिति में पहुँच जायेंगे जहाँ हम दशकों पूर्व थे”। मैक्केन ने इसका संज्ञान एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में लिया परंतु तत्काल ही विषय को बदल कर सेरोट में हमास के अभियान, घेरेबन्दी से बाहर किये गये इजरायली कस्बे की चर्चा जिसका दौरा उन्होंने स्वयं मार्च में किया था, के साथ ही इसकी तुलना अमेरिका के मुख्य भूमि पर अपनी ही सीमा से होने वाले आक्रमणों जैसे विषयों पर चर्चा आरम्भ कर दी।
गोल्डबर्ग का यह जुडवा साक्षात्कार दो तथ्यों की ओर संकेत करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के प्रमुख दलों के प्रत्याशी अमेरिका और इजरायल के गहरे सम्बन्धों के प्रति नतमस्तक हैं यह विषय अलग है कि कितना। जैसा कि ओबामा के मामले में है कि नाटकीय ढंग से यह उनके पूर्व के विचारों का खण्डन करता है। दूसरा, मैक्केन जहाँ इस विषय पर आश्वस्त हैं तो वहीं ओबामा की चिंता इजरायल समर्थक मतों को अपनी ओर करना है।